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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथित ७०४ प्रदिश प्रथित (भू०क०कृ०) [प्रथ्+क्त] प्रकाशित, उद्घोषित, | प्रदर्पः (पुं०) अहंकार, अभिमान, घमण्ड। प्रतिपादिन। प्रदर्शः (पुं०) [प्र+दृश्+घञ्] ०दृष्टि, दर्शन। ०सेवित। (सुद० ८२) निदेश, आज्ञा। दिखाया गया, प्रदर्शित किया गया। (सुद० १/११) युक्त प्रदर्शक (वि०) [प्र+दृश्+ण्वुल्] दिखाने वाला, प्रकट करने (जयो० ३/१०८) वाला। विख्यात, विश्रुत सुप्रसिद्ध। प्रदर्शनं (नपुं०) [प्र+दृश्+ल्युट्] ०दृष्टि, दर्शन, अवलोकन। प्रथिता (वि०) मीठी, मधुर। (सुद० १/२२) (जयो० ११/६०) दिखावा, प्रदर्शनी। प्रथिमन् (पुं०) [पृथोर्भावः, प्रथु+इमनिच्] विस्तार, चौड़ाई प्रकट होना। विशालता। ० अध्यापन, व्याख्यान, उपदेश। प्रथिवि (स्त्री०) धरती, धरा, भूमि। ०दृष्टान्त, उदाहरण। प्रथिष्ठ (वि०) [पृथु+इष्ठन्] सबसे बड़ा, सबसे चौडा, अत्यंत | प्रदर्शित (भू०क०कृ०) [प्र+दृश्+णिच् क्त] प्रकाशित, विशाल। दिखलाया गया। प्रथीयस् (वि०) [पृथु ईयसुन्] चौड़ा, विशाल, व्यापक, ०व्याख्यायित, प्रतिपादित। सिखाया गया, उद्घोषित किया गया। विस्तार युक्त, फैला हुआ। प्रदलः (पुं०) [प्र+दल्+अच्] ०बाण, तीर। प्रथु (वि०) [प्रथ्+उण] व्यापक, विशाल, विस्तीर्ण, फैला हुआ। प्रथुकः (पुं०) [प्रथ् उक्] चौले, चउले। प्रदवः (पुं०) [प्र+दु+अच्] ०जलना, ज्वाला उठना। प्रदा (सक०) [प्र+दा] ०प्रदान करना, देना, समर्पित करना, प्रदक्षिण (वि०) दाँई ओर रखा गया, दाँई ओर घूमने वाला। अर्पण करना। सम्मानपूर्वक, श्रद्धालु। प्रदा (वि०) प्रदान करने वाला। (जयो० २३/१४) प्रदक्षिण: (पुं०) श्रद्धापूर्ण, सम्मानजनक। प्रदातृ (पुं०) [प्र+दा+तृप्] ०उदार व्यक्ति, दानी। प्रदक्षिणं (अव्य०) दाईं ओर को, दाईं ओर प्रदक्षिणा की गई प्रदातृ (वि०) देने वाला, अर्पित करने वाला। परावर्तन की एक स्थिति को। प्रदात्री (वि०) देने वाली, समर्पित करने वाली। (समु०१/२६) ०दक्षिण दिशा की ओर। 'वाक्कामधेनुः खलशीलनेनाऽमृतप्रदात्री सुतरा मनेनाः। प्रदक्षिणा (स्त्री०) परिक्रमा, परावर्तन, गुरु, देव, गमन, (समु० १/२६) जिनालय की परिक्रमा। (जयो० १२/७३) प्रदानं (नपुं०) [प्र+दा+ल्युट्] ०देना, समर्पित करना, प्रस्तुत दाईं ओर से परिक्रमा करना। करना। प्रदक्षिणीकृत् (वि०) परिक्रान्त। (जयो० १२/१७५) शिक्षा देना, सीख देना। प्रदक्षिणीकृत्य (वि०) परीत्य, परिक्रमा करके। (जयो०७० विद्यादान, भेंट उपहार, प्राभृत। १/१००) प्रदानकं (नपुं०) भेंट, उपहार, पुरस्कार। प्रदग्ध (भू०क०कृ०) [प्र+दह्+क्त] भस्म किया गया, जलाया प्रदानदक्ष (वि०) देने में कुशल। (दयो० १०) गया। प्रदाय (नपुं०) [प्र+दा+घञ्] उपहार, भेंट, पुरस्कार, सम्मान। प्रदत्त (भू०क०कृ०) [प्र+दा+क्त] दिया गया, प्रदान किया प्रदिः (स्त्री०) उपहार, भेंट। गया। (जयो० १२/१२४) 'तद्वैशिष्टयमिदन्तु साम्प्रतमभूदैव प्रदिग्ध (भू०क०कृ०) [प्र+दिह्+क्त] चुपड़ी हुई, मालिश प्रदत्तात्पदात्' (मुनि० १४) युक्त, स्निग्ध युक्त, चिक्कण सहित हुई। प्रदरः (पुं०) [प्र+दृ+अप्] तोड़ना, फाड़ना। प्रदिग्धं (नपुं०) तला हुआ। ०अस्थिभंग होना। प्रदिश (सक०) संकेत करना, सूचित करना। दरार, छिद्र, विवर, छेद, सुराग। प्रदिश (स्त्री०) [प्रगता दिग्भ्य, प्र+दिश्+क्विप्] .आज्ञा, तीर। आदेश, दिशा निर्देश। प्रदर रोग, उदर पीड़ा, स्त्री जाति में होने वाली पीड़ा। संकेत, सूचना। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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