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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतीतिः ६९७ प्रत्त सभी ज्ञात, जाना गया। प्रतीपं (अव्य०) इसके विपरीत, विपरीत क्रमानुसार। के विख्यात, विश्रुत, प्रसिद्ध। विरुद्ध, के विरोध में। दृढ़संकल्पयुक्त, विश्वास करने वाला। प्रतीपग (वि०) विरुद्ध चलने वाला, विपरीत, प्रतिकूल, प्रसन्न, खुश, आनंदित। विरोधी। प्रस्थित, प्रयात। प्रतीपगतिः (स्त्री०) उलटी गति, विपरीत चाल। गुजरा हुआ, बीता हुआ। प्रतीपगमनं (नपुं०) विपरीत गमन। प्रमाणित, संस्थापित। प्रतीपतरणं (नपुं०) धार के विरुद्ध जाना। ०चतुर, बुद्धिमान्। नाव चलाना। प्रतीतिः (स्त्री०) [प्रति ई+क्तिन] विश्वास. प्रसक्ति | प्रतीपपत्नी (स्त्री०) सौत, दूसरी पत्नी। प्रतीपत्न्यास्तदेव किन्न (जयो० १४/६) सुसमये भाग्यप्रतीति प्रजाः (जयो० ८/८५) समभूत्स्विदसीमशोकचिह्नम्। (जयो० १४/३०) प्रति इति-गमन होना। (जयो०वृ० १४/६) प्रतीपवचनं (नपुं०) ०खण्डन। ०परिज्ञान, ज्ञान। (जयो० २७/६१) (सुद० २/२४) जनस्य प्रतिपक्षीवचन, प्रतिकूल वाणी। नीतिः परत प्रणीतिः। समीतिरास्ते विकलप्रतीतिः। प्रतीपवर्शिनी (स्त्री०) खण्डन। (जयो० २७/६१) दुराग्रह पूर्व बोलने वाला। प्रतीपविपाकिन् (वि०) विपरीत फलदायक। निश्चय, स्पष्ट ज्ञान, प्रत्यक्षज्ञान। प्रतीम (वि०) प्रतीति करने योग्य। विरागमेकान्तया प्रतीमः यश, कीर्ति। सिद्धौ रतः किन्तु भवान् सुपीम। (जयो० २६/७५) 'प्रतीमः आदर, सम्मान। प्रतीतिं कुर्मः' (जयो०वृ० २६/२५) ०हर्ष, खुशी, आनन्द। प्रतीय (वि०) पर्यटन, भ्रमण। (जयो०१/२०) प्रतीयन्तु (जयो० प्रतीतिदूती (स्त्री०) प्रेषित दूती, भेजी गई दूती। प्रति समीपं १/२०) प्रियस्येतिप्रेषितादूती। (जयो०वृ० १५/८९) प्रतीरं (नपुं०) [प्र.तीर्क ] तट, किनारा। प्रतीत्त (वि०) [प्रति+दा+क्त] लौटाया हुआ। वाघिस किया प्रतीवापः (पुं०) [प्रति+वप्+घञ्] ०भस्म बनाना, धातु हुआ। पिघलाना। प्रतीत्य (वि०) अन्य वस्तु की अपेक्षा वाला, विवक्षित। ०महामारी, छूत की बीमारी। (सम्य०८९) प्रतिवेशः (पुं०) [प्रति विश्+ह-हस्+घञ्] द्वारपाल। प्रतीत्यसत्यं (नपुं०) अन्य वस्तु की अपेक्षा करके बोला जाने प्रतिवेशिन् (वि०) [प्रतिवेश+इनि] प्रतिवेश वाला। वाला सत्य। प्रतिहारता (वि०) द्वारपालपना। (वीरो० १३/९) प्रतीत्या (स्त्री०) पश्चिम दिशा। (जयो० १५/४) प्रतीहारी (स्त्री०) [प्रतीहार+अच्+ङीष] द्वारपालिन। प्रतीन्धकः (पुं०) एक देश का नाम। प्रतुदः (पुं०) [प्र+तुद्+क] पक्षियों की एक जाति तोता, काक प्रतीप (वि०) [प्रतिगता आपो यत्र, प्रति+अप्+अच्] प्रतिकूल, विशेष। विरुद्ध, विपरीत, ०चुभोने का उपकरण, अंकुश, भाला। विरोधी, शत्रु बैरी। (जयो० १/४६)(जयो० १/११) प्रतुष्टिः (स्त्री०) [प्र+तुष्+क्तिन्] तृप्ति, संतोष, हर्ष, खुशी। उलटा, विपरीत। ०प्रसन्न भाव। ०आनन्द। ०आशुतोष। प्रतिगामी (भक्ति० ३) ०अनुसरण शील। प्रतोदः (पुं०) [प्र+तुद्+घञ्] ०अंकुश, भाला। चाबुक। अरुचिकर, अप्रिया प्रतूर्ण (वि०) [प्रात्वर्+क्त] ०त्वरित, क्षिप्रगामी, शीघ्रगामी। ०हठी, दुराग्रही, अडियल। दिवस दीप। ___ ०तेज, तीव्रगति वाला, फुर्तीला। प्रतीपः (पुं०) सूर्य (सुद० २/३३) प्रतोली (स्त्री०) [प्र+तुल्+घञ्+ङीष्] गली, नगर के मध्य प्रतीपं (नपुं०) एक अलंकार जिसमें उपमान की उपमेय से की सड़क। द्वार का ऊपरी भाग, द्वारोपरिप्राङ्गणभाग प्रतोली तुलना करते हैं। कथ्यते। (वीरो० २/३४) उपमा से विपरीत। प्रत्त (भू०क०कृ०) [प्र+दा+क्त] ०प्रदत्त, दिया गया। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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