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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतियानं ६९२ प्रतिवसथः 17मा प्रतियानं (नपुं०) [प्रति+या+ल्युट] लौटना, प्रत्यावर्तन, वापसी, | प्रतिरोधकः (पुं०) [प्रति+रुध्+ण्वुल] विरोधी, विपक्षी, शत्रु। पुनरागमन। चोर, लुटेरा, तस्कर। प्रतियोगः (पुं०) [प्रति+युज्+घञ्] बनाना, योजना तैयार । प्रतिरोधनं (नपुं०) [प्रति रुध्+ ल्युट्] ०विरोधी, विपक्षी, शत्रु। करना। चोर, लुटेरा। अन्तर्विरोध, वचनविरोध। प्रतिरोधिन् (पुं०) [प्रति+रुध+णिनि] विरोधी, विपक्षी, शत्रु। सहयोग। ०चोर, लुटेरा, तस्कर। विष निवारक औषधि। ०रुकावट, बाधा, विघ्न। उपचार। प्रतिलंभः (पुं०) [प्रति+लम्भ+घञ्] ०उपालम्भ, निन्दा, प्रतियोगिन (वि०) विरोधभाव युक्त। (जयो० ९/३) अपमान। प्रतियोगिन् (वि०) [प्रति+युज घिनुण] विरोध करने वाला, ग्रहण करना, हासिल करना। प्रतीकारक, बाधक। (जयो० १२/४) ०वापिस लेना। सहयोग करने वाला। प्रतिपक्ष स्वरूप। योगिनं योगिनं प्रतिलेखकः (पुं०) पुनरीक्षक, आगमानुसार निरीक्षण करने प्रति वाला साधु। प्रतियोगिन् (पुं०) विरोधी, विपक्षी, शत्रु। 'प्रतिलेखतीति प्रतिलेखकः,प्रवचनानुसारेण प्रतियोद्ध (पुं०) [प्रति+युध्+तुच्+घञ्] विरोधी, शत्रु प्रतिपक्षी। स्थानादिनिरीक्षकः, साधुरित्यर्थः। (जैन०ल० ७४५) प्रतिरक्षणं (नपुं०) [प्रति+र+ ल्युट्] ०रक्षा, बचाव, संधारण। लिपिकार। ०परस्पर में उपकार करना, एक दूसरे को बचाना। प्रतिलेखना (स्त्री०) क्षेत्रादि की प्ररूपणा, निरीक्षण, अवलोकन। प्रतिरराङ्कः (पुं०) प्रतिदन्तक्षत्, वृद्ध। (जयो० १८/९९) 'प्रतिलेखानं, प्रतिलेखना, प्रति प्रत्यागमानुसारेण प्रतिरंभः (पुं०) [प्रति+र+घञ्] ०कोप, रोष, क्रोध। निरूपणमित्यर्थः' (जैन०ल० ७४५) आरम्भ, हिंसा। प्रतिलेखा (स्त्री०) विचार करना, आराधना में हिताहित का प्रतिरवः (पुं०) [प्रति-रु+अच्] ०कलह, झगड़ा। ध्यान रखना। 'आराधनानिर्विघ्नसिद्ध्यर्थ देवतोपदेष्टांगगूंज, प्रतिध्वनि। निमित्तादिगगवेषणम्। (भ०आ०टी०६८) प्रतिरूपकः (पुं०) सोने चांदी में धोखा देना, कृत्रिम हिरण्यादि । प्रतिलोमः (पुं०) अनभिप्रेत, अभीष्टता का अभाव। लोमं लोमं करण। प्रति लोम-प्रतिक्षण (जयो० २८/४३) वञ्चनापूर्ण व्यवहार। प्रतिलोम-विचारः (पुं०) अनभिप्रेत विचार। (जयो० २८/४३) प्रतिरूपकव्यवहारः (पुं०) मेल-सम्मेल का व्यापार, मिलावटी प्रतिलोक (सक०) देखना, अवलोकन करना, ध्यान देना। वस्तु का व्यापार। (मुनि० १३) ०ब्याजीकरण, धोखाधड़ी। 'कृत्रिमहिरण्यादिकरणं प्रतिरूपक | प्रतिवचनं (नपुं०) [प्रति+व+ल्युट] पुनरुक्त, प्रतिवाद, उत्तम, व्यवहारः' (त०व० ७/२१) समाधान। प्रतिरुद्ध (भू०क०कृ०) [प्रति+रुध्+क्त] अवरुद्ध, वाधित, प्रतिवचस् (नपुं०) उत्तर, समाधान। व्यवधान युक्त। प्रतिवद् (सक०) उत्तर देना, समाधान करना। (समु० ३/५) अन्तरित, रुका हुआ। प्रतिवर्तिनि (स्त्री०) विद्यमाना। (जयो० १३/५७) ०क्षतियुक्त, खण्डित। प्रतिवदत् (वि०) अनुसरण करने वाला। (जयो० १२/१०८) वेष्टित, घेरा युक्त। प्रतिवर्जनं (नपुं०) छोड़ना, त्यागना। (समु० ३/४) प्रतिरोधः (पुं०) [प्रति+रुध्+घञ्] विरोध, प्रतिहिंसा, प्रतिशोध। प्रतिवर्तनं (नपुं०) [प्रति• वृत्+ ल्युट्] लौटाना, वापिस करना। विघ्न, बाधा, अवरोध। (जयो० ९/७५) __०आना। (जयो० २७/५०) ०रुकावट, अटकाव, शत्रु, प्रतिपक्षी। प्रतिवषित (वि.) बरसाए गए। (जयो०वृ० १२/१३३) छिपाना, रोकना। प्रतिवसथः (पुं०) [प्रति+वस्+अथच्] ०ग्राम, गांव। अपहरण करना, चोरी, ढकैती। उपनगर। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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