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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतिभामुख ६९१ प्रतियातना प्रतिभामुख (वि०) साहसी, शक्तिशाली, बलवान्। प्रतिमामुक्त (वि०) [प्रति+मुच्+क्त] प्रतिमा रहित प्रतिभावः (पुं०) अनुकूल वृत्ति। प्रतिमावतारः (पुं०) प्रतिबिम्ब, छवि। (जयो० ६/४०) प्रतिमायाः प्रतिभावान् (वि०) बुद्धिशाली, प्रखरधी वाला। प्रतिबिम्बस्यावतारा:। (जयो० १६/३३) प्रतिभासा (स्त्री०) [प्रति+भाष्+अ+टाप्] समाधान, उत्तर। प्रतिमामोक्षः (पुं०) प्रतिशोध, प्रतिहिंसा। प्रतिभा सम्पन्न (वि०) धीगत, बुद्धिसम्पन्न, प्रज्ञवंत। प्रतिमावलोक (नपुं०) मूर्ति दर्शन। प्रतिभासनं (नपुं०) [प्रति+भास+ल्युट्] झलक, चमक, दीप्ति, प्रतिमावान् (वि०) प्रतिमा युक्त, प्रतिज्ञा युक्त, नियम सहित। प्रभा। (जयो०वृ० ६/९३) प्रतिभिन्न (भूक०कृ०) [प्रति+भिद्+क्त] विभक्त, विभाजित, | प्रतिमुक्त (वि०) [प्रति+मुच्+क्त] ०धारण किया हुआ, पहना प्रज्ञक। हुआ। ०पारविद्ध। ०प्रयुक्त किया हुआ। ०सटा हुआ, जुड़ा हुआ। कसा हुआ, बांधा हुआ, जकड़ा हुआ। प्रतिभू (अक०) समर्थ होना। प्रतिभवामि (जयो० ४/२९) ०शस्त्र सुसज्जित, हथियार युक्त। प्रतिभवेत् (मुनि० २९) ०लौटाया हुआ, वापिस किया हुआ। प्रतिभू (स्त्री०) [प्रति+भू+क्विप्] प्रतिभूति, जमानत। ० फेंका हुआ, उछाला हुआ। उत्तरदायी का प्रमाण पत्र। प्रतिमूर्तिः (स्त्री०) प्रतिबिम्ब, प्रतिमा, पुतला, बुत। (दयो० प्रतिभूषा (स्त्री०) अलंकार, आभूषण। (समु० २/१०) ४०) (जयो०१० ३/८१) प्रतिभेदनं (नपुं०) [प्रति+भिद्+ल्युट] ०फाड़ना, विदीर्ण करना, छवि, शोभा। (जयो०७० ३/८१) खण्ड-खण्ड करना। प्रतिमोचनं (नपुं०) [प्रति+मुच्+ल्युट] ०प्रतिशोध, प्रतिहिंसा। काटना, छिन्न करना, भेद करना। मुक्ति, छुटकारा। निकाल लेना, पृथक् कर देना। प्रतियत्तिमत्व (वि०) प्रतिशोध युक्त। (जयो० १/२४) विभक्त, विभाजन, भेद। प्रतियत्नः (पुं०) [प्रति+यन्+न] ०उद्योग, चेष्टा, उद्यम, प्रतिभोगः (पुं०) [प्रति+भुज+घञ्] उपभोग, भोगना। परिश्रम। प्रतिम (वि०) सदृश, समान, सरीखा। (समु० २/३) •पूर्ण, सम्पूर्ण, पूरा। प्रतिमा (स्त्री०) [प्रति+मा+अङ्+टाप्] प्रतिबिम्ब, प्रतिमूर्ति, अभिलाषा, इच्छा, वाञ्छा। प्रतिरूप। (जयो०वृ० ६/४०) विरोध। प्रतिच्छवि। (जयो० १६/४८) प्रतियच्छ् (सक०) प्रदान करना, देना। प्रतियच्छन्तु (जयो० छाया, परछाई। कुतः पुनमें प्रतिमेति कृत्वा निश्छायतामाप १२/१११) वपुर्हितत्त्वात्। (वीरो० १२/४४) प्रतिया (सक०) [प्रति+या] लौटना, वापिस आना। प्रतियाति आकृति, पुतला, बुत। (जयो० १३/१८), प्रतियात् (सुद० १/३६) एक प्रतिज्ञा, व्रती श्रावक द्वारा लिया जाने वाला व्रत का प्रतिहिंसा, प्रतिशोध। नियम। 'प्रतिमा यावज्जीवं नियमस्य स्थिरीकरण की प्रतिज्ञा। बन्दी बनाना, कैद करना। (जैन०ल०७४४) अनुग्रह। प्रतिमागत (वि०) प्रतिज्ञा शील, स्थिरीकरण युक्त। प्रतियातनं (नपुं०) [प्रति+यत्+णिच् ल्युट] ०प्रतिशोध, प्रतिमागृहं (नपुं०) देवालय, देवघर। प्रतिहिंसा, विशेष कष्ट। प्रतिमाजोतिः (स्त्री०) ज्योति की परछाई। ज्योति की छाया। वैरी के प्रति वैरभाव। प्रतिमानं (नपुं०) सम्मान। (जयो० ५/४९०) प्रतियातना (स्त्री०) [प्रति+यत्-णिच्+युच्+टाप्] ०प्रतिबिम्ब, ०द्रव्य प्रमाण। प्रतिमूर्ति, प्रतिमा, मूर्ति। प्रतिमापरिचारकः (पुं०) पुजारी, सेवक। परस्पर में वैरभाव। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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