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पुष्करतीर्थः
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पुष्पचारणा
०जल,०मादकता। नृत्यकला, व्युद्ध, संग्राम। एकता। सूर्य, तालाब, आकाश, जलाशय। पुष्करं व्योम्निं पानीय
इति विश्व (जयो०वृ० १५/३२) पुष्करतीर्थः (पुं०) पवित्र तीर्थ स्थान, अजमेर के समीप
स्थित। एक तीर्थ स्थान। पुष्करद्वीपगत (वि०) पुष्कर द्वीपवर्ती। (वीरो० ३/८) पुष्करपत्र (नपुं०) कमलपत्र। पुष्करप्रियः (पुं०) मोम। पुष्करबीजं (नपुं०) कमलगट्टा। पुष्करवरः (पुं०) पुष्करवर द्वीप। पुष्करवरद्वीपः (पुं०) पुष्करवर द्वीप। पुष्करव्याघ्रः (पुं०) घड़ियाल। पुष्करशिखा (स्त्री०) कमलनाल। कमल की जड़। पुष्करस्थपतिः (पुं०) शिव। पुष्करसृज् (स्त्री०) कमलमाला, पद्म समूह की माला। पुष्करिणी (स्त्री०) [पुष्करिन् ङीप्] ०एक भील।
कमल सरोवर, जलाशय, तालाब। पद्य पादप।
०हथिनी। पुष्करिन् (वि०) [पुष्कर+इनि] पद्मों से परिपूर्ण स्थल। पुष्करिन् (पुं०) हस्ति, हाथी, करि। पुष्कल (वि०) [पुष्+कलच्] ०प्रचुर, अधिक, बहुत। ०पूर्ण, समग्र, सम्पूर्ण, समस्त।
उज्ज्वल, श्रेष्ठ। निकटवर्ती, समीपस्था समृद्धशाली।
प्रतिध्वनित, निर्घोषमय। पुष्कलः (पुं०) ढोल, मेरुपर्वत। पुष्कलं (नपुं०) एक माप विशेष, थोड़ा। (दयो० २३) पुष्कलकः (पुं०) [पुष्कल+कन] ०धातकी खण्ड का एक
द्वीप। (वीरो० ११/३२) ०कस्तूरी मुंग।
०कुंडी, चटखनी, पन्नी, सांकल। पुष्ट (भू०क०कृ०) [पुष्+क्त] ०शक्तिमान, बलवान, प्रबली।
हृष्ट-पुष्ट। ०समृद्ध, समुन्नत।
०पूर्ण, समस्त, समग्र।
०प्रमुख, प्रधान। पुष्टतरता (वि०) शक्ति सम्पन्नता, लम्बी। (जयो० ४/६०) पुष्टतम (वि०) शक्ति सम्पन्न, वज्रमयी। (वीरो० २।८१) पुष्टवपुस् (नपुं०) हृस्टपुष्ट देह। (मुनि० ४) पुष्टिः (स्त्री०) [पुष्ट्+क्तिन्] प्रबलता। (जयो०० २३/५९)
संवर्धन, पालन-पोषण। हर्षिताङ्ग (जयो० १/८५) प्रगति, वृद्धि, सिद्धि। (जयो० २/९३) पराक्रम, शक्ति, शालीनता स्थूलता। सम्पत्ति, सुख-साधन, वैभव।
०पुण्योपचय, पुण्यसंचय। पुष्टिकर (वि०) ०पौष्टिक, शक्तिशाली, बल प्रदान करने
वाला, संतुष्टिकारक, संतोषप्रद। पुष्टिकर्मन् (नपुं०) अनुष्ठान कार्य, धार्मिककार्य। पुष्टिद (वि०) संवर्धनशील, वृद्धिकारक, पोषण युक्त। पुष्टिवर्धनः (पुं०) कुक्कुट, मुर्गा। पुष्टिविषयः (पुं०) पोषणावसर। (जयो० २/१२३) पुष्प (अक०) खिलना, फूलना, विकसित होना, बढ़ना। पुष्पं (नपुं०) [पुष्प+अच्] ०फूल, कुसुम। (सम्य० १०६)
सुमन। रजःस्राव, पुष्पवती नारी। पुखराज। अक्षिरोग विशेष। पुष्पक विमान।
०शौर्य, नम्रता। पुष्पकं (नपुं०) ०पुष्पक विमान। फूल, सुमन। पुष्पकालः (पुं०) वसन्त समय, ०रजोधर्म का समय। पुष्पकालीसं (नपुं०) कसीस। पुष्पकीट: (पुं०) भ्रमर, भौंरा। पुष्पकेतनः (पुं०) कामदेव। पुष्पकेतु (पुं०) कामदेव। पुष्पगत्थः (पुं०) पुष्पनिकय, पुष्प गुच्छक। (वीरो० २/३६) पुष्पगृहं (नपुं०) ०उद्यान, उपवन, ०पुष्पसंधारक। पुष्पघातकः (पुं०) बांस। पुष्पचयः (पुं०) पुष्पसंचय, फूलों का चुनना, कुसुम संग्रहण। पुष्पचापः (पुं०) कामदेव। पुष्पचामरः (पुं०) एक वेंत विशेष। पुष्पचारणा (स्त्री०) पुष्पचारण ऋद्धि, जिस ऋद्धि के प्रभाव
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