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पुण्यनिधीश्वरः
६५३
पुत्रिका
पुण्यसम्पादिनी (वि०) पुण्य प्रकट करने वाली। (दयो० १११) पुण्यस्थानं (नपुं०) तीर्थस्थान, पवित्रस्थल। पुण्या (स्त्री०) तुलसी। पुण्यात्मन् (वि०) धन्य, सौभाग्यशाली। (जयो०० ५/१३) पुण्याधिकारिणी (वि०) भाग्यवती, सौभाग्यशालिनी। (जयो०७०
६/७४)
पुण्यनिधीश्वरः (पुं०) धनपति। (समु० ४/२२) पुण्यक्षेत्रं (नपुं०) तीर्थस्थान, पवित्र स्थल, धार्मिक क्षेत्र,
पुण्यभूमि। पुण्यगृहं (नपुं०) शुभस्थलं, धर्मस्थल, देवगृह, देवालय। पुण्यजनः (पुं०) सज्जन, गुणीजन। पुण्यजित् (वि०) पुण्यात्मा। पुण्यतीर्थं (नपुं०) पवित्र तीर्थ, शुभ यात्रा। पुण्यदर्शन (वि०) शुभ दर्शन, परमश्रद्धान। पुण्यदानं (नपुं०) समुचित दान। पुण्यपयोभि (पुं०) पुण्य रूप समुद्र। (सुद० २/४२) पुण्यपरिपाकः (पुं०) अभ्यदुय। (जयो०वृ० १/१११) पुण्यपरिणामः (पुं०) भाग्योदय। (जयो० १/१००) पुण्यपाकः (पुं०) परम शुभोदय। (जयो० २६/६८) पुण्यपातकः (पुं०) सुकृतोदय। (जयो० ३/५६) पुण्यधनं (नपुं०) सुकृत निधि। (जयो०८/६) पुण्यपुरुषः (पुं०) सज्जन, गुणीजन। महाभागज। (जयो०१४/५) पुण्य-प्रकृतिः (स्त्री०) शुभ प्रकृति। 'पुण्यप्रकृतयो
जीवाह्लादजनका: शुभा उच्यन्ते' (जैन०ल० ७१२) पुण्यप्रतापः (पुं०) नैतिक प्रभाव, श्रेष्ठकीर्ति, उत्तम यश। पुण्यफलं (स्त्री०) शुभ परिणाम, उचित परिपाक, शुभ परिपाक। पुण्यभाज् (वि०) धर्मात्मा, पुण्यशाली, सौभाग्यशील। पुण्यभावः (पुं०) शुभपरिणाम, शुभ विपाक। पुण्यभ् (स्त्री०) पुण्यधरा। पुण्यभूमि (स्त्री०) तीर्थस्थान, पवित्र स्थान। पुण्यमय (वि०) पुण्य युक्त, अच्छे कार्य सहित। (सुद०३/१) पुष्यवंत (वि०) पुण्यात्मा। (समु० १/१५) पुण्ययोगः (पुं०) शुभोपयोण। (सुद० ४/२९) पुण्यरात्रः (पुं०) शुभरात्रि। पुण्यलोकः (पुं०) तीर्थस्थल, स्वर्ग, शुभ स्थल। पुण्यविधि (स्त्री०) शुभ कर्म। (जयो० ५/८६) पुण्यविधेरुपासिका (स्त्री०) आराधयित्री। (जयो० १०/७६) पुण्यशकुनं (नपुं०) शुभ शकुन। पुण्यशील (वि०) सुजन, सज्जन, अच्छे कर्म करने वाला।
(जयो०वृ० १२/३४) पुण्यश्लोक (वि०) शुभकीर्ति वाला, शुभ परिणाम वाला,
सुविख्यात, उचित वर्णन वाला। पुण्यसत्व (वि०) पुण्य की प्रमुखता। (सुद० १/३५) पुण्यसम्पत् (स्त्री०) पुण्य रूपी वैभव। (सुद० ४/४७)
पुण्याहवाचनं (नपुं०) स्वस्तीत्यादिदिसमुच्चारण, कल्याणकारी
उच्चारण। (जयो० १८/७१) पुत् (नपुं०) [पृ+डुति] नरकस्थान। पुत्तलः (पुं०) [पुत्त+घञ्-पुत्तं गमनं ज्ञाति-पुत्त ला+क] पुतला।
प्रतिमा, मूर्ति, पुतली (सुद० ९२) बुत, पुतला। (सुद०९९) पुत्तलव्रतं (नपुं०) प्रतिमावत, देवदर्शनव्रत। (द० ९५) पुत्तली (स्त्री०) पुत्तलिका, गुड़िया।
मूर्ति, प्रतिमा, पुतली, बुत। पुत्तलकः (पुं०) गुड़िया, प्रतिमा, मूर्ति। (सुद० ९४)
पुत्तलिका (स्त्री०) गुड़िया, पुतली।
०बुत, पुतला। पुत्तिका (स्त्री०) [पुत्त+ठन्+टाप्] ०दीमक, ०एक प्रकार
की मधुमक्खी । पुत्रः (पुं०) [युत्+त्रैक] सुत, जाय, बेटा, लड़का। (सुद० ४/९)
बच्चा, शिशु। प्रिय, वत्स। व्यः उत्पन्नः पुनीते वंशं स पुत्रः। (नीति ५/११) 'पुनाति
पितुराचारवर्तितयाऽऽत्मानमिति पुत्रः' (जैन०ल० ७१२) पुत्रकः (पुं०) [पुत्र कन्] छोटा पुत्र, शिशु, बालक, बच्चा।
वत्स।
गुड़िया, कठपुतली। ०धूर्त, ठग।
पतंग, शरभ। पुत्रका (स्त्री०) [पुत्र+टाप्] पुत्री, बेटी, लड़की, सुता,
दुहिता। पुत्रत्व (वि०) पुत्रपना। (सुद० ४/९) पुत्रप्रेमः (पुं०) पुत्रस्नेह। (वीरो० ८/२७) पुत्ररत्नः (पुं०) सुपुत्र। (सुद० २/४०) पुत्रिका (स्त्री०) [पुत्र कन्+टाप्] पुत्री, सुता, दुहिता।
(समु० ५/१९) गुड़िया, पुतली।
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