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पारलौकिक
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पारिप्लाब्यः
पारलौकिक (वि०) [परलोकाय हितं पर+लोक+ठक] परलोक | पारिणामिकत्व (वि०) अवस्थान्तर की प्राप्ति-भवान्तरोपादानं
से सम्बन्ध रखने वाला, उत्तर सुख युक्त (वीरो०वृ०२/१०) पारिणामिकत्वमुच्यते' (त०वृ० ५/३७) परिणामयतीति पारवत: (पुं०) [पार+आ+ पत्+अच्] कबूतर, कपोत।
पारिणामिकः, परिणामिक इव पारिणामिकः। (त०वृ०५/३७) पारवश्य (नपुं०) [परवेश+ष्यञ्] आधीनता, पराश्रयता। | पारिणामिक भावः (पुं०) द्रव्यात्मलाभमात्र का कारण। पारवश्यकविचारवेशिनी (वि०) सर्व साधारण विचार प्रवेश 'सकल-कर्मोपाधिविनिर्मुक्तः परिणामे भव: पारिणामिक वाली (२/४)
भावः। (निय०सा०वृ० ४१) पारशव (वि०) [परशु+अण] लोहे से निर्मित।
० दूसरी अवस्था को प्राप्त भाव। पारशकः (पुं०) लोहा, शूद्र पुत्र।
पारिणामिकी (वि०) हितकारी। (दयो० १०४) पारस (वि०) [पारस्यदेशे भव:] फारसी, फारस देशवासी। पारिणामिकी (स्त्री०) पारिणामिकी बुद्धि, अपने अपने अभीष्ट पारसिकः (वि०) फारस देश।
की साधक बुद्धि। पारसी (स्त्री०) फारसी भाषा।
अभ्युदय या निःश्रेयस् कारक बुद्धि। 'णिय-णिय-जादिपारसीकः (पुं०) पारस देश।
विसेसे उप्पण्णा पारिणामिकी णामा। (ति०प०४/१०२०) पारस्परिक (वि०) एक दूसरे से सम्बन्धित। (दयो०वृ० ११/४८) | पारिणाम्य (वि०) [परिणय+ष्यञ्] विवाह से सम्बंध रखने पारा (स्त्री०) एक नदी का नाम।
वाला। पारापतः (पुं०) [पार+आ+पत्] कपोत, कबूतर।
पारिणाम्यं (नपुं०) वैवाहिक सम्पत्ति। पारायणं (नपुं०) पारगमन, पूर्ण अध्ययनकर्ता। 'पारायणं नाम पारितथ्या (स्त्री०) [परितथ्य+ष्यञ्] मोतियों की लड़ी, बेड़ी ___ सूत्रार्थ-तदुभयानां पारगमनम्' (जैन०ल० ७०५) ___ में गूंथी जाने वाली लड़ी। पारायणिकः (पुं०) [पारायण+ठक्] व्याख्यानदाता। पारितोषिक (वि०) [परितोष्+ठञ्] सुखकर, संतुष्टि युक्त, शिष्य, छात्र।
हितकर, सान्त्वना से परिपूर्ण। पारारुकः (पुं०) [पार+ऋ+उकञ्] प्रस्तर, चट्टान। पारितोषिकः (पुं०) उपहार, भेंट, प्राभृत, पुरस्कार। (दयो०६१) पारावतः (पुं०) कपोत, कबूतर। (जयो० १५/४५) ०वानर, | पारिध्वजिकः (पुं०) [परिता ध्वजा-परिध्वजा+ठक्] झण्डा पर्वत।
से चलने वाला, झण्डा युक्त। पारावारः (पुं०) समुद्र, उदधि। (सुद० ९८)
पारिन्दः (पुं०) सिंह, केसरी। पारावारीण (वि०) दोनों ओर तक जाने वाला।
पारिपंथिकः (पुं०) [परिपंथ+ठक्] डाकू, लुटेरा। पाराशरः (पुं०) व्यास ऋषि।
पारिपाट्यं (नपुं०) [परिपाटी+ष्यञ्] ०पद्धति, रीति, प्रणाली, पाराशरिका (स्त्री०) शाण्डिल्य ब्राह्मण की पत्नी। (वीरो० ११/१०)
नियमितता। पाराशरिन् (पुं०) [पाराशन्-इनि] साधु, मुनि, अध्येता, सूत्र । पारिपार्वं (नपुं०) [पारिपार्श्व+अण्] अनुचर, सेवक, अनुयायी। कंठस्थकर्ता।
पारिपार्श्वकः (पुं०) [पारिपार्श्व+कन्] ०अनुचर, सेवक, भृत्य। पारिक्षितः (वि०) [परिक्षित्+अण] अर्जुन का प्रपौत्र।
सूत्रधार, अन्तर्वादी, पीछे से बोलने वाला, उद्घोषक। पारिखेय (वि०) [परिखा+द] परिखा से घिरा हुआ, खाई से पारिपाश्विका (स्त्री०) सेविका, अनुचारी। परिपूर्ण।
पारिप्लव (वि०) [परिप्लव+अण] ०इधर उधर, घूमने वाला। पारिग्राहिणी (वि०) परिग्रह से होने वाली क्रिया।
०चंचल, अस्थिर, कम्पायमान। पारिजातः (पुं०) [पारमस्य अस्ति इति पारी समुद्रः तस्माज्जातः ०क्षुब्ध, उद्विग्न, परेशान।
पारिजात+कन्] परिजात नामक तरु, स्वर्ग के देवेन्द्र के ०व्याकुल, घबराया हुआ। उद्यान का एक वृक्ष।
पारिप्लवः (पुं०) नाव। पारिणामिक (वि०) अवस्थान की प्राप्ति। परिणामः पारिप्लवं (नपुं०) बेचैनी, व्याकुलता। प्रयोजनमस्येति पारिणामिक। (स०सि० २/१)
पारिप्लाब्यः (पुं०) हंस।
ढंग।
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