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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तरला ४३६ तर्कशास्त्र तरला (स्त्री०) हिलती-डुलती (जयो० ११/३९) तरलायते-लहराना, हिलना। तरलायितः (पुं०) [तरल-क्यच्+क्त] कल्लोल, लहर। तरलित (वि०) चल, चपल, चञ्चल होता हुआ। (जयो० २/१५५) तरलवारिका (स्त्री०) तलवार, असि। (जयो० १६/७६) तरलितदृक् (स्त्री०) चपलदृष्टि। (जयो० १७/१३०) तरवारिः (पुं०) तलवार, असि। तरस् (नपुं०) [तृ-असुन्] १. चाल, वेग, २. वीर्य, शक्ति, बल। ३. तट, कूल, किनारा। ४. बेड़ा। तरसं (तृ+असच्) मांस, आमिष। तरसा (स्त्री०) दुतकार। (जयो० ३/११३) तरसानः (पुं०) [तृ+आनच्+सुट्] नौका, नाव। तरस्विन् (वि०) तेज, फुर्तीला, गतिवान्, शक्तिशाली। तरा (वि०) सर्वस्व, प्रधान, प्रमुख। निजपतिरस्तु तरां सति! रम्यः कुलबालानां किन्नु परेण। तरामि-सिद्ध करना पार करना। (सुद० ९२) (सुद०८७) तरिः (स्त्री०) [तरति अनया-त+इ, तरि+डी] ०तरंणी:, नौका, नाव तरिरथः (पुं०) चम्पू, डाड। तरिकः (पुं०) मल्लाह, नाविक, खेवनहार, माझी। तरिकिन् (पुं०) [तरिक+इनि] मल्लाह, नाविक, माझी। तरिष्णु (वि०) पाट करने वाला। (जयो० २७/४०) तरिस्था (स्त्री०) नौका, नाव। तरीषः (पं०) [त ईषण] नौका, नाव। १. जलयान, २. समुद्र, ३. सक्षम, व्यक्ति, विशिष्ट व्यक्ति। वीर्यासिशय (जयो० ६/६६) तरुः (पु०) [तृ+उन्] पादप, पेड़, वृक्षा (सुद० ८२) 'सहकारतरोः सहसा गन्धः' तरु (वि०) उन्नत। (सुद० १/१८) १. कुरुह। (जयो० वृ० १३/६०) तरुकोटरः (पुं०) वृक्ष खोह, पादप, कोटर, वृक्ष घोषला। (जयो० १३/५०) 'तिष्ठन्ति सन्तस्तरुकोटरेषु' (भक्ति० १६) तरुखण्डः (पुं०) वृक्ष समूह, पादप आली। तरुखण्ड (नपुं०) वृक्ष निकर। तरुजीवनं (नपुं०) वृक्षाधार. पेड़ की जड़। तरुण (वि०) [तृ उनन्] १. युवक, जवान, युवावस्थागत। (सुद० ८७, जयो० ४/१५), २. सुकुमार, कोमल, नवोदित। तरुणचेष्टित (वि०) युवक युक्त। (जयो० १२/११८) तरुणा (वि०) नवयुवक। तरुणा वृक्षेण उपात्तां संजनितां तरुणेन युवकेन उपात्तां प्राप्तां अस्ति सुदर्शन-तरुणाऽभ्यूढेयं सुखलताऽयमथ च पुन:। (सुद० ८४) तरुणाकान्तः (पुं०) तरुणता से पीड़ित। (जयो० १४/४७) तरुणायते-तरुणाई धारण कर रहा है। (सुद० ८७) लतिका तरुणायते (सुद० ७९) तरुणिमा (स्त्री०) यौवनाभाव, यौवन की स्थिति, यौवन की लालिमा। तरुणी (स्त्री०) [तरूं नयतीति तरुणी] युवती, यौवना। तरुणोज्झित (वि०) विकलता को प्राप्त। तरुणोपात्त (वि०) युवक पने को प्राप्त। तरुणेन युवकेनोपात्तः (जयो० १४/३) तरुणेड़ित (वि०) तरुण चेष्टिन. युवकोचित चेष्टायुक्त। (जयो० १२/११८) तरुतरि (वि०) चलाने वाली। (दयो० २८) तरुमूलः (पुं०) वृक्षतल, पादपतल। (भक्ति० १४) तरुरुचा (स्त्री०) वल्कल वस्त्र। (जयो० २५/१३) तरुश (वि०) [तरु+श] वृक्षों से भरा हुआ। तरुशाखा (स्त्री०) विटपशाखा। तर्क (अक०) तर्क करना. शंका करना. विश्वास करना, सोचना, चिन्तन करना, विचार करना, मान लेना। निश्चय करना, कल्पना करना। (दयो० ५०) तर्कः (पु०) [त+अच्] १. कल्पना, चर्चा, विचार, २. न्याय, सन्देह। ० हेतु ज्ञापन। ० साध्य-साधन के अर्थ का निश्चय ० चिन्ता तर्क ० व्याप्तिज्ञान तर्क है। ० कामना, इच्छा करना। तर्ककः (पुं०) [त+ण्वुल] वादी, प्रतिवादी, प्रार्थी। तर्कगत (वि०) न्याय संगत। तर्कणा (स्त्रो०) विचारणा। (वीरो० १८/५६) तर्कनीतिः (स्त्री०) चर्चा। तर्कयन्ती (स्त्री०) तर्क करती हुई। (जयो० ६/२५) तर्कविद्या (स्त्री०) तर्क/विचार-विमर्श की विद्या, न्याय शास्त्र। तकरेखा (स्त्री०) विचारसीमा। (जयो०७/६२) तर्कशास्त्रं (नपुं०) न्याय शास्त्र, हेतूवाद/ (वीरो० २/३९) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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