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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिवारि ६२० परिवेष्टित परिवारि (वि०) कुटुम्बी, परिवार के सदस्य गण। (जयो०१२/३३) परिवारिसम्पदा (स्त्री०) कुटुम्बियों का सम्पर्क। परिवारिणां पितृ-पुत्रादीनां सम्पत् संपर्क: परिचयो वा। (जयो०१०२१/६८) परिवारित (भू०क०कृ०) [परि+वृ+णिच्+क्त] अभियुक्त। (जयो०वृ० ५/५८) ०परिवेष्टित, घेरा हुआ, लपेटा हुआ। (वीरो० ७/२२) ०अभिसिंचित। प्रभुरेष गभीरताविधेः स च तन्वा परिवारितोऽब्निधेः।। (वीरो० ७/२२) ० लिटाना, उठाना-सोपाहरत्तं शयने तु राज्ञया यथा तदीया परिवारिताऽऽज्ञा।। (सुद० ९९) परिवारिलोकः (पुं०) परिजन, परिवार के सदस्य। (दयो० ३७) सम्पूर्ण गृहीजन। परिवासः (पुं०) [परि+वस्+घञ्] आवास स्थान, निवास स्थान, पड़ाव, प्रवास, बसेरा, टिकना, रहना। परिवाहः (पुं०) [परि+व+घञ्] सरोवर, झील। परिवाह्नि (वि०) [परि+व+णिनि] तरंगित, हिलोरित, उछलता हुआ। परिविण्णः (पुं०) [परि+विद्+क्त] अविवाहित भाई। परिविद्धः (पुं०) [परि+व्यध्+क्त] कुबेर। परिविंदकः (पुं०) [परि+विद्+ण्वुल] अविवाहित भाई। परिविशुद्धिः (स्त्री०) अति पवित्रता। भस्म-वह्रि -समयाम्बु गोमयानैर्जुगुटस्य-सुसमीरणाशयाः। ऐहिकव्यवहतै तु संविधाकारिणी परि विशुद्धिरष्टधा।। (जयो० २/७६) परिविहारः (पुं०) [परितो विहार:] हिंडन, परिभ्रमण, इधर-उधर पर्यटन। परिविह्वल (वि०) अत्यन्त व्याकुल, क्षुब्ध, घबड़ाया हुआ। परिवूढः (पुं०) [परि+वृंह+क्त] प्रभु. स्वामी प्रमुख, प्रधान, मुख्य। परिवृत (भू०क०कृ०) [परि+वृ+क्त] घिरा हुआ, परिवेष्टित, सेवित। ०प्रच्छन्न, गुप्त व्याप्त, फैला हुआ। ०ज्ञात, परिज्ञात, जानता हुआ। परिवृत्त (भू०क०कृ०) [परि+वृत्+क्त] प्रत्यावर्तित, पीछे मुड़ा हुआ। ०घुमा हुआ, मोड़ा हुआ। विनिमय किया हुआ, अदला-बदली युक्त। अन्त को प्राप्त हुआ, समाप्त हुआ। परिवृत्तिः (स्त्री०) [परि वृत्+क्तिन्] ०लौटना, वापस आना। | विनिमय, अदला-बदली। अन्त, समाप्ति। घेरा, परिधि। रहना, बसना। परिवृत्त्यलङ्कारः (पुं०) एक अलंकार, जिसमें दो की जगह चार को लौटाया जाता। हारं हृदोऽनुकूलं स समवाप्य महाशयः। जयः समादरात्त स्मायुपहारं वितीर्णवान्।। (जयो० ३/९४) लघुनोपहारीकृतं वस्तुजातमेव वर्धयित्वा प्रत्युपहरन्ति महान्त इति रीतिस्तथैव जयोऽपि हारमवाप्य उपहारं दत्तवानित्याशयः। (जयो०वृ० ३/९४) परिवद्धिः (स्त्री०) संवर्धन, उन्नति, विकास। द्विगुणीकृत। (जयो० १४/९२) परिवद्धिमितो दरा हि ता सुलसद्धारपयोधराञ्चिताम्। (सुद० २/५०) परिवेत्तु (पुं०) परिवेदक, विवाहित छोटा भाई। परिवेदनं (नपुं०) [परि+विद्+ल्युट्] ०अधिग्रहण, उपलब्धि। ०सर्वव्याप्ति, विश्वव्यापी। विवाह, पाणिग्रहण। परिवेदना (स्त्री०) बुद्धिमानी, समझदारी, बुद्धिमत्ता, दूरदर्शिता। परिवेदनीया (स्त्री०) [परि+विद्+अनीयर्+टाप्] बुद्धिमत्ता, दूरदर्शिता। परिवेशः (पुं०) [परि+विश्+घञ्] मण्डल, चक्र वृत्त। प्रतिबिम्ब, प्रति रक्षा। भोजन परोसना। परिवेषकः (पुं०) भोजन परोसने वाला। परिवेषणं (नपुं०) भोजन परोसना, प्रस्तुत रहना, वितरण करना। ०लपेटना, घेरना। सूर्यमण्डल, चन्द्रमण्डल। ०परिधि, वृत्त। परिवेषता (वि०) प्रतिबिम्बित। (दयो०४) परिवेषिक (वि०) कहने वाली। (जयो० १२/१३०) परिवेषिका (स्त्री०) युवती, यौवना। 'कयापि परिवेषिकया' (जयो० ७१/१३४) परिवेष्ट् (सक०) घेरना, लपेटना। नो चेत्तत्परिवेष्टियेदपि पुनः स्वाध्यायनाम्नाऽमुना। (मुनि० २७) परिवेष्टनं (नपुं०) [परि+वेष्ट्+ल्युट] घेरना, लपेटना। ०परिधि, वृत्त, घेरा, बाढ़। ०ढक्कन, आवरण। परिवेष्टित (वि०) घिरे हुए, लिपटे हए। उद्गारैः परिवेष्टितोऽवनि रुहेपूर्णायुवत्स्वावशे'। (मुनि० २०) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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