________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
परिभ्रमणं
६१७
परिमुग्ध
परिभ्रमणं (नपुं०) [परि+भ्रम ल्युट्] घूमना, हिंडन करना, परिमार्जनं (नपुं०) [परि+मृज्+णिच्+ ल्युट्] ०मांजना, साफ टहना।
करना, स्वच्छ करना। (मुनि० १२) ०झाड़ना, पोंछना, ०पर्यटन, चक्कर लगाना।
प्रच्छालन करना। परिभ्रष्ट (भू०क०कृ०) [परि+भ्रश्+क्त) स्खलित, पतिता | परिमार्जनी (स्त्री०) बुहारी, झाडू। इतस्ततो भो परिमार्ज०वञ्चित, अभावग्रस्त।
नीवाऽविदग्धनुः सावगुणार्जिनी वाक्। (जयो० २७/९) अवहेलना करने वाला।
परिमार्जयन्ती (शतृ०) प्रक्षालयन्ती, साफ करने वाली, प्रच्छालन परिमण्डलं (नपुं०) ०पिण्ड, गोलक, ०गेंद, वृत्त, गोला, करने वाली। (जयो० १८/१००) बाला जलेन वदनं चक्र। (जयो०१० ११/२२)
परिमार्जयन्ती। परिमण्डल (वि०) गोलाकार, वर्तुलाकार।
परिमार्जित (वि०) प्रमाष्टि, प्रक्षालित, बुहारित। परिमंथर (वि०) अत्यन्त मंद।
परिमार्जितुं (तुमुन्) साफ करने के लिए। प्रक्षालयितुं परिमंद (वि०) धुंधला, बहुत ही अस्पष्ट, नहीं दिखाई देने वाले।
'परिमार्जितुमादृता शची व्यतरत्सस्वथसस्मितां रुचिम्। ०थका हुआ।
(वीरो० ७/३६) ०बहुत कम, अल्पतम।
परिमित (भू०क०कृ०) [परि-मा+क्त] सीमित, नपा तुला, परिमदः (पुं०) [परि+मृ+अप्] ०अविनाश, घात।
विनिमित, समंजित, पूर्ण (जयो० ३/२९) ०अल्प (जयो० परिमर्दः (पुं०) [परि+मृद्+घञ्] रंगड़ना, पीसना, चूर्ण
वृ० ५/५८) मध्यम, मितव्ययी। करना, मसलना।
परिमितकालं (पुं०) सीमित समय। कुचलना, क्षति पहुंचाना।
परिमितकालसामायिकः (पुं०) सीमित समय की सामायिक। परिमर्दनं (नपुं०) [परि+मृद्+ ल्युट्] ०रगड़ना, पीसना, चूर्ण
___ 'स्वाध्यायादौ सामायिकग्रहणं परिमितकालम्। करना।
परिमित-कथा (वि०) अल्पभाषी, थोड़ा बोलने वाला। ०कुचलना, मर्दन करना, मसलना। परिमर्शनं (नपुं०) स्पर्श करना, हाथ से छुना। 'परिमर्शनं
परिमित-कथा (स्त्री०) लघुकथा। सर्वगात्रस्पर्शनम्' (भ०आ० ६४९)
परिमित-भोजनं (नपुं०) स्वल्प भोजन, कम भोजन। परिमर्षः (पुं०) [परि+मृष्+घञ्] ०अरुचि, ईर्ष्या।
परिमिताभरणं (नपुं०) स्वल्प आभूषण। ०क्रोध, गुस्सा।
परिमितायुस् (पुं०) अल्पायु। परिमल: (पुं०) [परि+मल्+अच्] सुगन्ध, सुवास, सुरभि,
परिमिताहार (पुं०) स्वल्प भोजन। सौरभ, गन्ध, महक।
परिमिति (स्त्री०) [परि+आ+क्तिन्] ०माप, परिमाण। सुगन्धित पदार्थों का पीसना।
०सीमाकरण, सीमाबन्धन। विद्वत्सभा।
परिमिलनं (नपुं०) [परि+मिल्+ल्युट्] स्पर्श, संपर्क। ०कलंक, धब्बा।
आलिंगन गले लगाना। परिमलित (वि०) [परि+मल्+क्त] सुगन्धित, सुरभित,
सम्मिश्रण, मेल। सुवासित। ०कुलुषित मुहुर्मर्दित। (जयो० १४/४१)
परिमुक्त (वि०) [परि+मुच्+क्त] ०अलंकृत किया, विभूषित ०बार-बार मर्दित। प्रिय-परिमलित गुरुपरिणामौ कलभ- किया। निकुम्भविभाभिरामौ। (जयो० १४/४१)
रहित, अभाव, शून्य। (दयो० ३०) परिमाणं (नपुं०) [परि+मा+ल्युट्] ०मापना, माप, प्रमाण, परिमुखम् (अव्य०) मुंह के सामने, चारों ओर। तोल, संख्या, मूल्य।
परिमुग (वि०) छोड़ते हुए, विकासशील। 'परिमुञ्चतीति परिमुग्' परिमार्गः (पुं०) [परि+मार्ग+घञ्] ०खोजना, अन्वेषण करना, (जयो०वृ० ३/१३) स्पर्श, सम्पर्क।
परिमुग्ध (वि०) [परि+मुह्+क्त] प्रिय, मनोहर, रमणीय, परिमार्गणं (नपुं०) [परि+मा+ल्युट] ०खोजना, अन्वेषण करना। सुन्दर। स्पर्श, सम्पर्क।
०सरल, मृदु।
For Private and Personal Use Only