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पट्टनं
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पण्डावत्
शिरोवेष्टन, पगड़ी, रंगीन रेशमी साफा। सिंहासन, गद्दी, कुर्सी, आसंदी। ०पार, चक्की का पाट। ०चौराहा, नगर का चहुंमार्ग के मिलन का स्थान। नगर, कस्बा ।
रेशमी वस्त्र। पट्टनं (नपुं०) [पट्ट+तनप्] नगर, जिस नगर में रत्नों का
उत्पादन होता है 'वररयणाणं जोणी, पट्टणणामं विणिद्दिट्ट्ठ।
(ति०प० ४/१३०/९) पट्टों (नपुं०) कपड़ा वस्त्र। पट्टदेविका (स्त्री०) पटरानी, प्रमुखरानी, राजरानी। पट्टदेवी (स्त्री०) पटरानी। (वीरो० १५/४६) पट्टमहिषी (स्त्री०) राजरानी। पट्टरानी (स्त्री०) प्रधानरानी, प्रमुख रानी (जयो०६/१०९) पट्टाजी (स्त्री०) पटरानी। महिलाप्रधानापट्टराज्ञी। (जयो०७०
११/८२) पट्टवस्त्रं (नपुं०) रेशमी वस्त्र। पट्टिका (स्त्री०) [पट्टी+कन्+टाप्] फलक, पट्टी, लिखने
की पाटी। प्रलेख, आलेख, दस्तावेज।
०बन्धनी, तनी, पट्टी बांधने वाली धज्जी, चिंदी। पट्टिशः (पुं०) वी। पट्टोलिका (स्त्री०) [पट्ट उल्+ण्वुल्+टाप्] पट्टा, कमरबन्ध। पठ् (सक०) पढ़ना, अभ्यास करना, (जयो० २/५७) पठेत्
(जयो० २/५३) ०दुहराना, बार-बार याद करना, सस्वर पाठ करना, अध्ययन करना। अनुशीलन करना, मनन करना। ०आवाहन करना, बुलाना। साक्षी देना, उद्धृत करना। घोषणा करना, अभिव्यक्त करना, प्रतिपादित करना। (जयो० २/१५) मंगले न पठितुं समर्हति०अध्यापन करना, शिक्षा देना पाठित, पाठयति।
(दयो० ५९) पठक (वि०) [पठ्+ण्वुल] पढ़ने वाला, अभ्यासी, अध्ययनशील, |
निरन्तर अभ्यासरत। पठनं (नपुं०) [पढ्+ल्युट्] पढ़ना, पाठ करना, उल्लेख
करना। ०अध्ययन, अनुशीलन, अभ्यास।
मनन, चिन्तन, स्मरण। 'पठन-चिन्तनादि कृत्वा' (जयो०
वृ० १/३४) पठिः (स्त्री०) [पठ्+इन्] पढ़ना, अध्ययन करना, अभ्यास
करना, अनुशीलन करना। पण (सक०) खरीदना, व्यापार करना, लेन-देन करना,
वाणिज्य करना, व्यवसाय करना। प्रशंसा करना, सम्मान करना। बेचना, आदान-प्रदान करना।
दांव लगाना। पणः (पुं०) [पण+अप्] ०दांव लगाना, पांसों से खेलना।
०जुआं, धूत।
शर्त, संविदा, समझौता। ०पारितोषिक, पुरस्कार। मूल्य-पणं-मूल्यम्। (जयो० १०/६५) प्रतिज्ञान, ०वचनबद्धता। (जयो० १२/९०)
विषय। (भक्ति० ४४) पणकः (पुं०) काई। (मुनि०६) पणजनः (पुं०) द्यूतजना पणग्रन्थिः (स्त्री०) मेला, मण्डी। पणनं (नपुं०) [पण ल्युट्] मूल्य, खरीद, लेन-देन, बिक्री। पणबन्धः (पुं०) सन्धि, सुलह। पणपणत्व (वि०) कौड़ी मूल्य वाला। कपर्द एव पणो
मूल्यं-कौड़ी मूल्यम्। (जयो० १/७) पणमापः (पुं०) मूल्य की प्रमाणिता। (सुद० १३६) पणयित (वि०) विक्रीत, बेचा हुआ। (जयो० २३/७५) पणवः (पुं०) [पणं स्तुति वाति-पण+वा+क] एक वाद्ययन्त्र। पणाया (स्त्री०) [पण्+आय्+अप्+टाप्] व्यवसाय, व्यापार,
लेन-देन, बिक्री। ०मण्डी वाणिज्यस्थल, जूंआ खेलना,
शर्त रखना। पणिः (स्त्री०) बाजार। पणिः (पुं०) कंजूस, लो भी, लालची। शर्त लगाया गया। पणित (वि०) ०क्रीत, खरीदा गया, मूल्य प्रदान कर लिया गया।
शर्त लगाया गया। पण्ड् (सक०) संग्रह करना, ढेर लगाना। जाना, हिलना-डुलना। पण्डः (पुं०) [पण्ड्+अच्] हिजड़ा, नपुंसक। पण्डा (स्त्री०) [पण्ड्+टाप्] बुद्धिमता, समझ। ज्ञान-विज्ञान। पण्डावत् (पुं०) [पण्डा+मतुप्] बुद्धिमान्, धीमान, ज्ञानी।
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