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पक्षकक्षः
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पङ्कजटव
पक्षकक्षः (पुं०) समीपवर्ती वनखण्ड। 'पक्षकक्षमिति कस्य
दहन्ति श्रीवर, न मदनदावा। पक्षकीय (वि०) पक्ष बाली। (वीरो० १८/५३) पक्षगत (वि.) ०समूह युक्त।
विकल्प युक्त।
०समाधान को प्राप्त। पक्षचरः (पुं०) चन्द्र। पक्षछिद् (पुं०) इन्द्र। पक्षजः (पुं०) चन्द्र। पक्षद्वयं (नपुं०) दो पक्ष, दोनों पहलू। पक्षता (वि०) मित्रता, पक्षता (स्त्री०) किसी एक पक्ष से सम्बन्धित। पक्षतिः (स्त्री०) [पक्षस्य मूलं-पक्ष-ति] पंख की जड़। शुक्ल
पक्षा ०सभा, सदन, परिषद। (जयो० ३/७) सुखेन गतं गमन
जीवननिर्वहणं तस्मै पक्षतिः सभा सा। पक्षद्वार (नपुं०) दरवाजा, द्वारभाग। पक्षधर (वि०) ०पक्ष रखने वाला।
पंखधारी। पक्षधरः (पुं०) चन्द्र, राशि। पक्षपरिच्युतिः (स्त्री०) प्रतिज्ञाहानि। (जयो० २६/८२) पक्षपातः (पुं०) किसी वस्तु के प्रति स्नेह, प्रेम, इच्छा, रुचि।
(सुद० १२१) पक्षपातवान् (वि०) पक्ष प्रस्तुत करने वाला। (सुद० ४/४४) पक्षपातिन् (वि०) पक्षपात करने वाला, पतनशील, सहानुभूति
रखने वाला, दुरुपयोगसमर्थ। (जयो० ३/१५) पक्षपालि: (स्त्री०) चोर द्वार। पक्षबिन्दु (स्त्री०) कंक पक्षी। पक्षभागः (पुं०) पार्श्वभाग, समीपवर्ती स्थान। (जयो० ३/१०३) पक्षमुक्तिः (स्त्री०) समय की सीमा। वचन सीमा। पक्षवादः (पुं०) ०मताभिव्यक्ति, अपने पक्ष का कथन,
पक्ष सम्मति। उत्तर, समाधान। पक्षवाहनः (पुं०) पक्षी, पक्षेव वाहनः यस्या सा। पक्षहत (वि०) पंख विहीन, पंख का घात। पक्षहरः (पुं०) पक्षी। पक्षहोमः (पुं०) पाक्षिक होम। पक्षालु (पुं०) पक्षी, पंछी। पक्षिणी (स्त्री०) [पक्ष इनि+ङीप्] पतत्त्रिणी। (वीरो० ३/२७)
०मादापक्षी, ०दो पक्ष वाली रात। ०पक्षपातवती। (जयो०
११/८१) पक्षिन् (पुं०) पक्षी, पंछी, खग। (जयो० ३/११३)
पक्षवन्तस्तिर्यंचः पक्षिणः। (धव० ३७/३९) पक्षिन् (वि०) पक्षवाला, अनुयायी। पक्षिगणः (पुं०) शकुनिसमूह, खग समुदाय, पंछीगण। (जयो०
१/८७) 'पादोदकं पक्षिगण: पिवन्ति' (जयो० १/८७) पक्षिराज् (पुं०) गरुड़, वैनतेय। (जयो०वृ० १/४४) पक्षिवरः (पुं०) श्रेष्ठपक्षी, गरुडपक्षी। (जयो०वृ० १८/४६) पक्षिशावकः (पुं०) पक्षी के बच्चे, खगशावक। (जयो०वृ०
१२/१३७) पक्षिशाला (स्त्री०) घोंसला, चिड़ियाघर। पक्षिसमूहः (पुं०) शकुन्तगण, शकुनिसमूह, खगकुल।
(जयो०१८/३) पक्षिसिंहः (पुं०) गरुड़ पक्षी। पक्षिस्वामिन् (पुं०) गरुड़राज। पक्ष्मन् (नपुं०) [पक्ष+मनिन] ०बटौनी, आंख के रोम।
फूल की पंखुड़ी।
०धागे का सिरा। पक्ष्मयुग्मः (पुं०) आंखों की बरौनी। (वीरो० १२/१४) पक्ष्मल (वि०) [पक्ष्मन्+लच्] दृढ़ बरौनी, सुन्दर भौंह। पक्ष्य (वि०) [पक्ष्+यत्] पाक्षिक, एक पक्ष से सम्बन्धित। पङ्कः (पुं०) [पच् विस्तारे कर्मणि कारणे वा घञ्]
पतन्त्यस्मिन्निति पङ्कः, पंकोनामत्वेदावद्धो मल:। कर्दम, मल, मैल, मिट्टी, दलदल। (सुद० १/६) (सुद० १२०) ०स एकदा मासिकवृत्तपारणा परायणोऽम्भः स्थलमेत्य
पङ्कसात्। (समु० ४/३४) पङ्ककीरः (पुं०) टिटहरी पक्षी। पङ्कक्रीड़ा (पुं०) सूकर। पङ्कगतिः (स्त्री०) कीचड़ से ऊपर गमन। पङ्कग्राहः (पुं०) मगरमच्छ, घड़ियाल। पङ्कजं (नपुं०) पंकादवकरात् जातानि पङ्कजान्येव। (जयो०वृ०
३/५०) कमल, वारिज। (जयो० ४/५६) पङ्कजः (पुं०) ब्रह्मा, सारस। (जयो० ) पङ्कजन्मन् (पुं०) कमल। पङ्कजटव (वि०) कीचड़ में पैदा होने वाला।
समुत्कीर्य करावस्या विधिना विधिवेदिना। तच्छेषांशैः कृतान्येव पङ्कजानीति सिद्धयति।। (जयो०३/५०) 'कमलानां पङ्कजत्वं सिद्ध्यतीति' (जयो०वृ० ३/५०)
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