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नुम्
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नृपाङ्गना
नुम् (वि०) नमन्। (सुद० ११८) नुमा (अव्य०) नामक, नाम वाला। 'यमनुमारिवरेण समर्पिताम्।
(समु०७/११) नाम संज्ञा-नामा (जयो० ५/३८) 'क्व
किन्नरीणान्तु नुमैव धन्या' (जयो० ११/७३) नुरछाया (वि०) छाया रहित। (वीरो०८/२४) नूतन (वि०) [नव+तनप्] नया, तात्कालिक, ताजा, भेंट,
उपहार, ०कुतूहल, पूर्ण, अजीब सा। नून (वि०) नूतन, नया, तात्कालिक। नूनं (नपुं०) नूतन। (वीरो० १८/३९) (जयो० २७/३०) नूतनकर्मबन्धः (पुं०) नए धर्मों का बन्ध। अतो
भवेन्नूतनकर्मबन्धः। (समु०८/१२) नूतनानन्दवती (स्त्री०) नवीन आनन्दकारी। (सुद० १/४१)
चन्द्रकलेव च नित्यनूतनाऽऽनन्दवती नृपशुचः पूतना। नूतनातृप्तिः (स्त्री०) १. नवीन तृप्ति। (जयो० १७/८३)
'नू तनायां रुचिरावश्यं भाविनी'। २. नवीन
अनुभूति। (जयो०वृ०१७/८३) नूनं (अव्य०) [नु ऊन्+अम्] निश्चय से, असन्दिग्ध रूप
से, (सुद०१०९) नूनं हन्तुं क्षमो न स्याज्ञान संचेतनामिमाम्' (सम्य० १२१) नि:संदेह। (सुद० १२४)
वैसे ही। (जयो० २/३६) नूनं अल्प। नूनमतून। नूनमनून-अल्प-बहुत। (जयो०वृ० १/६०) नूपुरः (पुं०) मञ्जरीक। (जयो० १७/८) •तुलाकोटि।
(जयो०१५/७५) ०पाजेब का धुंघरु, पैरों की अंगुलियों में पहलने वाला
बिछिया, बिछुड़ी, धुंघरु, एक छोटा आभूषण। नृ (पुं०) [नी+ऋन्] नर, मनुष्य, मानव। नृकपालं (नपुं०) मनुष्य की खोपड़ी। नकलत्रा (स्त्री०) पति-पत्नी। 'द्वयोरवस्थानुकलत्र-कल्पाः '
(सम्य० ३३) नृकेसरिन् (पुं०) नर शेर, नृसिंहावतार। नृगः (पुं०) वैवस्वत मनु का पुत्र। नृजलं (नपुं०) मानवमूत्र। नृत् (अक०) नाचना, नृत्य करना, हाव-भाव दिखाना, अभिनय
करना। नृता (वि०) मानवता। (जयो० २३/८०) नृतिः (स्त्री०) [नृत्+इनि] नृत्य, नाच।
नृत्यं (नृत्+क्त) नाचना, अभिनय करना, नाच, लास्य।
(जयो० १/३२) 'मूलसूत्रमनुरुद्ध्य नृत्यत:' (जयो० २/२९) नृत्यकारिणी (स्त्री०) लासनिवासिनी, हाव-भाव दर्शनी।
(जयो०७० २/५५) नटदप्सरोभर। नृत्य गत (वि.) नाच को प्राप्त, अभिनयशील। नृत्यचर (वि.) हाव-भाव का आचरण करने वाला। नृत्यशाला (स्त्री०) रंगमंच, अभिनय स्थान। (जयो०० २६/५५) नृत्यस्थानं (नपुं०) रंगमंच। नृदृग (नपुं०) नर-नयन, मानव अक्षिा (सुद० ३/२०) नृपः (पुं०) [नरान् पाति रक्षति-नृ+पा+क, नृणां पति] अधिपति,
राजा, नरेश। (सुद० १/२२) पार्थिव। (जयो०वृ० २/७०) नृपतिः (पुं०) राजा, अधिपति, नरेश, भूपति, भूप, भूपालक।
शासक। (जयो० २/११८) नरप, नरपति, (सुद० १/४६) दण्डं चेदपराधिने न नृपतिर्दधात्स्थितिः का भवेत्।
(सुद०११०) नृपतिरीति (स्त्री०) राजनीति राजा का कर्तव्य। नृपतिः
शासकस्तद्गतान् वर्णाश्रमगतान् सुधारयन्। (जयोवृ०
२/११८) नृपतीर्थपतिः (पुं०) राजतीर्थ। नृपतीर्थपतिर्ययोजयन्नृपतीनां
सन्नयो जयः। (जयो० २६/३) स्वस्वकर्मनिरतोस्तु धारयन् तद्गतोपनियमान् सुधारयन्। सारयन् पथि निज
परानथाऽऽधारयेन्नृपतिरीतिहत्कथा।। (जयो० २/११८) नृपद्वारः (पुं०) राज दरबार, राज्यसभा (समु० ३/३३) नृपधामः (पुं०) राजप्रसाद, राजमहल। (जयो० १०/१) नृपनाविकः (पुं०) राजकर्णधार। (जयो० ३/६१) नृपदण्डः (पुं०) राजदण्ड। नृपभूमि (वि०) राज बाहुल्य की भूमि। (जयो० ५/१४) नपयोषित (वि०) राजा द्वारा पालित, राजरानी। (सुद० १३४) नृपवरः (पुं०) श्रेष्ठ राजा। (जयो० १/९१) नृपशुचः (पुं०) राजा का शोक। चन्द्रकलेव च नित्यनूतना--- ____ऽऽनन्दवती नृपशुचः पूतना। (सुद० १/४१) नृपसदं (नपुं०) राजवचन। (जयो० १०/१४) नृपसुतः (पुं०) राजकुमार, राजपुत्र, राजकुंवर। (जयो० १५/२) नृपसौधः (पुं०) राज प्रसाद, राज भवन, राजमहल।
(जयो० ५/१५ सुद ५/९८) नृपस्थानं (नपुं०) राजा का स्थल, राज्य भू-भाग। नपाङ्गना (स्त्री०) राजरानी, महारानी, नृपभार्या। (सुद० ९०)
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