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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निष्ठापनं ५७६ निष्प्रतीप प्रवीणता, कुशलता, श्रेष्ठता, पूर्णता। निष्पन्न (भू०क०कृ०) [निस्+पद्+क्त] ०पूर्ण हुआ, समाप्त उपसंहार, अन्त, अवसार। हुआ। मृत्यु, विनाश, प्रलय। निष्पादनार्थ (वि०) उत्पत्ति के लिए, सम्पन्नता हेतु। (जयो०९३) निश्चिति। निष्परिग्रह (वि०) परिग्रहरहित। निष्ठापनं (नपुं०) [नि+स्था ल्युट्] चटनी, मसाला। निष्परिच्छद (वि०) अनुचर बिना। निष्ठाप्य (वि०) रखकर। (जयो० ३/३६) निष्परीक्ष (वि.) परख रहित। निष्ठित (वि०) स्थित, आश्रित, निर्भर। (जयो० २४/२३) उदित हुआ, जन्म लिया, उद्गत। लोक-वर्त्मनि सकावशस्यवन्निष्ठिते' (जयो० २/१७) तत्पर, उद्यत, सम्पन्न। प्रवीणता, श्रेष्ठता, कुशलता। निष्पवनं (नपुं०) [निस्+पू+ल्युट्] फटकना, शोधना, उड़ाना। निष्ठितिः (स्त्री०) कर्तव्य, परिणति। 'समयोचितमात्र- निष्पादनं (नपुं०) [निस्+पद्+णिच्+ल्युट] निष्पत्ति, उत्पत्ति निष्ठितिर्घटिता' (सुद० ३/११) (दयो० ९३) ०संचयन, संकलन, समूह। ह्रासमेति जडताप्रतिष्ठितिः उत्पादन, पैदा करना। किन्तु यत्र बहुधाऽन्यनिष्ठितिः' (जयो० ३/८) कार्यान्विति। निष्ठीवः (पुं०) [नि+ष्ठिव्+घञ्] थूक देना, थूकना। निष्पाप (वि०) पातकातिग, अपाप। (सुद० ११९) निष्ठीवनं (नपुं०) लार, थूक। (जयो०७० ३/२९) (जयो०वृ०१५/५३) ०पुण्यशाली। निष्ठुर (वि०) [नि स्था+उरच] जालम, निर्दयी। (दयो० । निष्पावः (पुं०) [निस्+पू+घञ्] धान्य साफ करना, उड़ाना, २३) फटकना, शोधना। ०कठोर, कर्कश, रुखा। (सुद० १३४) ०पवन, वायु। कड़ा, तेज। निष्पीडय (अक०) ०पीडित होना, ०दुःखित होना। ०क्रूर, पत्थर हृदय। (जयो०१८/५१) ०दबाना, मसलना, बाधित होना। निष्ठुरवयः (पुं०) कठोर वचन। (सुद० १३४) निष्पीडित (भू०क०कृ०) [निस्+पीड्+णिच्+क्त] निचोड़ा निष्ठयूत (भू०क०कृ०) [नि+ष्ठिव्+च्च] फेंका हुआ, च्युत हुआ, भींचा हुआ। हुआ, निकाला गया। निष्पुरुष (वि.) निर्जन, शून्य। निष्ठ्यूतिः (स्त्री०) [नि+ष्ठिन्+तिन्] थूक, खकार, निष्येषः (पुं०) [निस्+पिय्+घञ्] ०पीसना, चूर्ण करना। निष्ण (वि०) चतुर, प्रवीण, कुशल, विज्ञ, दक्ष, विशेषज्ञ। कुचलना, मसलना। प्रकाशित, सम्पन्न, निष्पन्न। निष्येषणं (नपुं०) कुचलना, पीसना। निष्णात (वि०) चतुर, दक्ष, प्रवीण, कुशल, प्रज्ञा कूटना, आघात करना। निष्पक्व (वि०) [निस्+पच्+क्त] भिगोया हुआ, भली प्रकार निष्प्रवाणं (नपुं०) [निस्+प्र+वे+ल्युट्] नूतन वस्त्र, नया कपड़ा। से पकाया गया। निष्प्रकंप (वि०) स्थिर, अचल।। निष्पतनं (नपुं०) [निस्+पत्+ल्युट] शीघ्र निकालना, तत्परता निष्प्रकारक (वि.) निर्विकल्प, भेद रहित, अस्पष्ट। से बाहर करना। निष्प्रचार (वि०) केन्द्रित, ध्रुवीकृत, एकीकृत। निष्पताक (वि०) बिना ध्वज। निष्प्रतिकार (वि०) उपचार विहीन। निष्पत्तिः (स्त्री०) [निस्+पद्+क्तिन्] निष्प्रतिक्रिय (वि०) उपचार नहीं किया जा सके। उत्पादन, उत्पत्ति। निष्प्रतिघ (वि०) निर्बाध, बाधा शून्य। जन्म लेना। निष्प्रतिद्वन्द्व (वि०) निर्विरोध, शत्रु रहित। संपूर्ति, संपन्नता, समाप्ति, पूर्णता। अप्रतिम, अनुपम। परिपक्वावस्था, परिपाक। निष्प्रतिभान (वि०) भीरु, कायर, भयाक्रान्त। निष्पत्र (वि०) पंख बिना। निष्प्रतीप (वि०) असम्बद्ध, पीछे मुड़कर नहीं देखने वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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