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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निर्वाणपथं ५६८ निर्विवर निर्वाणपथं (नपुं०) मुक्तिपथ, दर्शन, ज्ञान और चारित्रपथ। निर्विण्ण (भू०क०कृ०) [निर्+विद्+क्त] ०व्याधि युक्ति। मोक्षपथ। खिन्न, दु+खित, निर्वेदयुक्त। निर्वाणमार्गः (पुं०) सकल कर्मों की आत्यन्तिक निवृत्ति का कृश, शरीर से खिन्न। मार्ग, मुक्तिमार्ग, मोक्षमार्ग। •पतित, क्षीण, मुझाया हुआ। निर्वाणसुखं (नपुं०) अनुपम सुख, अनन्त सुख, शाश्वत घृणित, वैराग्य। (जयो० २६/१०४) मुख। विनम्र, विनीता निर्वाणिभवः (पुं०) मुक्त पुरुष। (जयो० २/२४) निर्विण्णान्त (वि०) उदासीनता (समु०९/२) निर्वास (वि०) वायु रहित। निर्विघ्न (वि०) बाधा रहित। निर्वादः (पुं०) [नि+वद्+घञ्] दुर्वचन, दोषारोपण, निर्विचार (वि०) विचार शून्य, अविवेकी, अचङ्ग, अदक्ष। ०परिवाद, लोकापवाद। (जयो०७० २७/५७) निर्वापः (पुं०) [निर+वप्+घञ] समर्पण, दान, आहूति। निर्विचकित्स (वि०) घृणा रहित, ग्लानि रहित। (जयो० निर्वापकथा (स्त्री०) रस व्यञ्जक कथा। २७/१०१) ०शंका रहित। निर्वापणं (नपुं०) [निर्+वप्+णिच् ल्युट्] ०भेंट, उपहार, निर्विचिकित्सा (स्त्री०) ग्लानि रहित। सम्यक्त्व का अंग। चढ़ावा। ०बुझाना, गुल करना। निराकरण, उपशमन, निर्विचेष्ट (वि०) गतिहीन, ०संज्ञा रहित चेष्टा रहित। शान्ति। विनाश क्षय। निर्वृत (भू०क०कृ०) [निर्+वृ+क्त] ०संतृप्त, संतुष्ट, प्रसन्न, निर्वापयितुं (पुं०) निराकरण करने के लिए। खुश। निवार्यमाण (वि०) रोका गया। (वीरो० १८/५३) निश्चित। निर्वारि (वि०) जल रहित (सुद०८६) विश्रान्त, समाप्त। निर्वायस (वि०) कौओं से सुरक्षित। निर्वृतिः (स्त्री०) [निर्+वृ+क्तिन्] ०संतृप्ति, प्रसन्नता, खुशी, निर्वासः (पुं०) [निर्+वसृघञ्] देश निकाला, बाहर करना। हर्ष। निर्वाहः (पुं०) [निर्वह्+घञ्] निष्पन्न करना, सम्पन्न आकार की उत्पत्ति, इन्द्रिय रूप रचना। करना गति। (जयो०वृ० २/९७, २/५७) ०शान्ति, सुख, आनन्द। निर्वाहहेतु (स्त्री०) निर्वाह के निमित्त, जीवन यापन के लिए ०मुक्ति, मोक्ष, निर्वाण। (वीरो० १९/६) निर्वृत्तिनिर्वाणम्। भूमिदानं चकारापि तस्य निर्वाहहेतवे। मणि-माणिक्य संपूर्ति, समाप्ति, निष्पत्ति। सम्पन्न-शिखरं सुमनोहरम्।। (वीरो० १५/४८) ०अर्धान होना, मरण, विनाश। सम्पूर्ति। निवृत्त (भू०क०कृ०) [निर्+वृत्+क्त] निष्पन्न, सम्पन्न, समाप्त सहारा देना, धैर्य धारण करना। अवाप्त। अन्त तक निबाहना। निर्वृत्तिः (स्त्री०) पूर्णता, सम्पन्नता, समाप्ति मुक्ति। (सुद० ०पर्याप्त, जीवनपर्यन्त करना। ११३) (जयो० ५/७) दूर। व्यथेष्ट व्यवस्था, समुचित देखभाल। निर्वृत्तिपथं (नपुं०) ०मोक्षपथ। (जयो० १८/६) ०मोक्षपथ, ०वर्णन करना, बखान करना, विवेचन करना। ___ मुक्ति। निर्वाणमार्ग। (जयो० १८/६१) निर्वाहणं (नपुं०) [निर्+व+णिच् ल्युट्] निबाहना, पूर्ति । निर्वृत्तिस्थानं (नपुं०) आयु का स्थान। करना, सहारा देना। निर्विनोद (वि०) आमोद-रहित, प्रसन्नता शून्य। निवाहिनी (वि०) संधारिणी। (जयो०८/३३) निर्विन्ध्या (स्त्री०) विन्ध्य से निकलने वाली नदी। निर्विकल्प (वि०) विकल्प से रहित। निर्विमर्श (वि०) विचारशून्य, अविवेकी, अज्ञानी। ०प्रतिबन्ध युक्त। निर्विवर (वि०) छिद्र रहित, अन्तराल से रहित। निर्विकल्पध्यान। निर्विवर (वि०) यथार्थ, उचित, सटीक, सर्वसम्मत, मान्य। निर्विकार (वि०) विशुद्ध। (सम्य० ८४) (वीरो० १८/२५) विरोध रहित। (हित० सं० ) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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