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निर्रज
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निर्वाणधनं
निज (वि०) राग रहित, रज रहित, धूल से विहीन। निर्वर्तना (स्त्री०) जो रचा जाता। 'निर्वर्त्यते इति निर्वर्तना' निर्रजस् (वि०) रजस्वला से रहित स्त्री।
(त०वा० ६/९) निर्रव (वि०) ध्वनि रहित।
निवर्तमान (वि०) अतिवर्तमान, आने वाला समय। (वीरो०६/२४) निर्रस (वि०) रस विहीन, स्वादरहित।
निर्वचनं (नपुं०) [निर+व+ल्युट] अभिप्रायस्पष्टीकरण (जयो० सूखा, रूखा, शुष्क।
२३/२४) उच्चारण, उक्ति, लोकोक्ति, नियुक्ति, व्युत्पत्ति, व्यर्थ, बेकार।
शब्दावली, शब्दसूची। निर्लक्षण (वि०) ०लक्षण रहित, चिह्न से विमुक्त, ०अनावश्यक, निर्वचनान्वयः (पुं०) कथञ्चिद् वाद की स्वीकृति। (वीरो०१२) अमंगलकारी, निरर्थक।
निर्वप् (सक०) देना, प्रदान करना। (जयो० २/१००) निर्लज्ज (वि०) लज्जाविहीन, ढीठ।
निर्वपणं (नपुं०) [नि+व+ल्युट] उड़ेल देना, डालना, भेद निर्लज्जता (वि०) लज्जाविहीनता। (सुद० ११२) अकारि करना, उपहार देना, दान, पुरस्कार।
निर्लज्जतया तया तु नाहो कुलीनत्वमधारि जातु। (सुद०१०१) निर्वर्णनं (नपुं०) [निर्+वर्ण+ल्युट्] देखना, अवलोकन करना। निर्लाञ्छनं (नपुं०) नासिक वेधन, गल-कम्बल विच्छेद, निर्वस्त्रं (नपुं०) निर्ग्रन्थ, दिगम्बर (जयो० १/२२) __ अङ्गावयव छेद।
निर्वहणं (नपुं०) [नि+व+ल्युट] ०अन्त, पूर्ति। निर्वाह निर्लिंग (वि०) चिह्न विहीन, लक्षण रहित, पहचान रहित। करना, जीवित रखना (सुद० १३१), ०ध्वंस, विनाश, निर्लुञ्चनं (नपुं०) [नि+लुंच। ल्युट्] उखाड़ना, फाड़ना, छीलना। सर्वनाश। उपक्रान्ति, परिवर्तन, अन्तिम अवस्था। निर्लुठनं (नपुं०) [निर्+लुंठ+ ल्युट्] लूटना, अपहरण करना। निर्वहणीय (वि०) निर्वाह करने योग्य। (वीरो० १८/३१) निर्लेखनं (नपुं०) [निर्+लिख्+ ल्युट्] ०नोचना, खरोंचना, निर्वाञ्छक (वि०) वाञ्छारहित। (जयो० १२/८७) खुरचना।
निर्वाण (भू०क०कृ०) [निर्वा +क्त]०मुक्ति, मोक्ष। रोपी, खुरपी, खुरचनी।
०परतन्त्रता की निवृत्ति। निर्लेप (वि०) लेप रहित, मालिश रहित।
०आत्मतत्त्व की उपलब्धि। निर्लेपनं (नपुं०) आहार, शरीर, इन्द्रिय और आनपान अपर्याप्तियों राग-द्वेष की इतिश्री। की निर्वृत्ति।
सकल कर्म विमोचन निर्लेपनस्थानं (नपुं०) कर्मलेप से दूर होने का स्थान।
•बुझाया, फूंक मारना। निर्लोभ (वि०) लोभ रहित, लालच रहित।
लुप्त, नाश, क्षय। निर्लोमन् (वि०) ०लोमाभाव, विलोम। (जयो० ११/१८) मृत, मरा हुआ, जीवन मुक्त।
रोम राजिरहित। (जयो० ३/४६), बाल रहित, ० अस्त, ०शान्त, ०चुपचाप। केशराजिशून्य।
०लोप, दृष्टि ओझल। निर्वंश (वि०) नि:सन्तान, वंशहीन।
विघटन। निर्वण (वि०) नग्न, निर्ग्रन्थ।
०शून्यता, टिकता, अभाव। ०वन से रहित।
०आनन्द, परमपद प्राप्त। ०खुला हुआ।
निर्वाणगत (वि०) मुक्ति प्राप्त। निर्वर्गुणा (स्त्री०) अपसरण भेद, बन्ध और उदय सम्बंधी निर्वाणगृहं (नपुं०) नष्ट गृह।
जघन्य कृष्टियों के अनन्त गुण-हानि के क्रम से होने निर्वाण-कर्म (पुं०) कर्मक्षय। वाले अपसरण भेद।
निर्वाणकाण्डं (नपुं०) मुक्तिपथिक का खण्ड के रूप में निर्वर्गणाकाण्डकः (पुं०) एक प्रमाण, अध: प्रवृत्तकरणकाल वर्णन, निर्वाण स्थान का कथन।
के संख्यातवें भाग मात्र परिणामस्थानों का नाम। निर्वाणतोषः (पुं०) संतोष का अभाव। निर्वर्तनं (नपुं०) प्रमाण विशेष, पल्योपम के असंख्यातवें भाग | निर्वाणदोष (पुं०) दोष क्षय। प्रमाण स्थिति। निष्पत्ति, पूर्ति, कार्यान्विति।
निर्वाणधनं (नपुं०) लुप्तधन।
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