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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निर्णयवेदः ५६४ निर्धारण निर्णयवेदः (पुं०) प्रमाणभूत ज्ञान। (जयो० २/१३७) ०वर्णित, प्रतिपादित, विवेचित, कथित, अधिन्यस्त, नियत, प्रमाणित करने वाला, प्रामाणिक। आदिष्ट, आज्ञापित, ०इंगित, निर्धारित। निर्णयात्मिक (वि०) कहने वाला। (जयो०वृ० ४/१४) निर्दुःख (वि०) पीड़ा रहित, स्वस्था । निर्णायक (वि.) [नि नी+ण्वुल] निर्णय देने वाला, फैसला निर्देशः (पुं०) [निर् दिश्+घञ्] ०आदेश, आज्ञा, निर्देश। करने वाला। उपदेश, कथन। निर्देशः स्वरूपाभिधानम्। (स०सि० १/७) निर्णायनं (नपुं०) [निर्+नी ल्युट्] निश्चय करना, प्रमाणित प्रमाण, निरूपण। करना। निश्चिय, स्पष्टीकरण। निर्णिक्त (भू०क०कृ०) [निर+नि+क्त] शुद्ध किया हुआ, निर्देशता (वि०) वाच्यता, वचनगोचरता, स्पष्टीकरण, निश्चयता। स्वच्छ किया गया। जग्मुर्निवृतिसत्सुखं समधिकं निर्देशतातीतिपम्' (जयो० निर्णितस्तिः (स्त्री०) [नि+नि+क्तिन्] सफाई, धुलाई, २७/६६) ०परिशोधन, पश्चात्ताप। निर्देशदोषः (पुं०) विवक्षित शब्द न कहना, उद्देश्य पदों में निर्णीत (वि०) अनुभूत, परिशोधित। तुष्टियुक्त। (जयो० एकवाक्यता न होना। निर्देशिनी (स्त्री०) देशिनी, प्ररूपिणी। (जयो० २/४३) २/१२३) निर्णेकः (पुं०) [नि+नि+घञ्] ०प्रक्षालन, सफाई, धुलाई। निर्देशित (वि०) प्ररूपित, कथित (जयो० ७) प्रायश्चित्त, पश्चात्ताप, परिशोधन। निदेष्टा (वि०) निर्देश करने वाला। (सम्य० ९३) निर्णेजकः (पुं०) [निर्+निज्+ण्वुल्] धोबी, रजक। निर्दोष (वि०) निरपराध, दोषरहित, ०शुचि, समुज्ज्वल, निर्णेजनं (नपुं०) [निर्'निज्+ल्युट्] प्रक्षालन, संचालन, प्राशुकत्व (जयो०१० २८०) ०अवमल, मलरहित (जयो० १४/९६) परिशोधन, प्रायश्चित्त, पश्चात्ताप। निर्दोषता (वि०) दोषों से, राग, द्वेष एवं मोहादि दोषों से रहित। निर्णोदः (पुं०) [निरनिद्घञ्] दूर करना, निर्वासन। (दयो० ६८) निर्दड (वि०) दण्ड रहित। निर्दोषत्व (वि०) निर्दोषता युक्त, मोहादि दोषों से रहित। निर्दण्डः (पुं०) क्षुद्र, शूद्र। निर्दोषप्रवृत्तिः (स्त्री०) उत्तम प्रवृत्ति, उज्ज्वल भाव, शुचि निर्दर्प (वि०) अहंकार रहित। (सुद०७१) भाव। (मुनि०८) निर्दय (वि०) क्रूर, निर्मम, करुणारहित। (जयो० १२/११६) निर्दोष रूपः (पुं०) शुचि स्वरूप, विकार रहित रूप, उत्तम निर्दयं (अव्य०) निष्ठुरता के साथ, क्रूरतापूर्वक। लक्षण। (भक्ति० २१) निर्दोषरूपाय गुणाश्रयाय तस्मै च निर्दयत्व (वि०) आकारूण्य, करुणा विहीन। (जयो० २/१३०) भव्याम्बुजभास्कराय। (भक्ति० २१) निर्दरः (पुं०) [निर्+दृ+अप्] कन्दर, गुफा। निर्द्वन्दभावः (पुं०) निराकुल भाव। (मुनि०५) (वीरो० १७/४५) निर्दलनं (नपुं०) [निर्+द+ल्युट] तोड़ना, ध्वंस करना, नष्ट निर्द्रव्य (वि०) सम्पत्ति रहित, धन रहित। करना, पीसना, खण्ड-खण्ड करना, चूर्ण करना, कुचलना। निदोह (वि०) द्रोह रहित, मैत्रीपूर्ण व्यवहार वाला। निर्दह (सक०) जलाना, प्रज्ज्वलित करना, दग्ध करना। निर्धन (वि०) गरीब, दरिद्र। (सुद० ११२) किं निर्धनं किं (जयो० ६/३६) पुनरत्र धन्यम्। धनहीन, सम्पत्तिरहित। (जयो०० २/२८) निर्दहनं (नपुं०) जलाना, दग्ध करना। निर्धनत्व (वि०) निर्धता, दरिद्रता। 'मृत्युं जीवनमामनन्ति सुधयो निर्दातृ (पुं०) [नि+दा+तृच्] ०दाता, गिराने वाला। ये निर्धनत्वं धनम्। (मुनि० २५) निर्दारित (वि०) [निर+दृ-णिच्+क्त] विदारित, विदीर्ण, खण्डित | निर्धर्म (वि०) धर्महीन, अधर्मी। किया। निर्धारः (पुं०) [निर्+धृ+णिच्+घञ्] निश्चय करना, निर्णय निर्दिग्ध (वि०) [निर+दिहक्त] सुपोषित, हृष्ट-पुष्ट किया, करना, फैसला करना। ०बहुत में से किसी एक का घर। लेपित, मर्दित। निर्धारणं (नपुं०) [निर्+धृ+णिच्ल्यूट्] निश्चय करना, नियत निर्दिष्ट (भूक०कृ०) [निर्+दिश्+क्त] ०संकेतित। 'साशयने करना, निर्णय करना, धारणा, विचार। 'न तु शक्नोमि निर्दिष्टे' (जयो० ६/२०) दिखाया हुआ, बताया हुआ। निर्धारण। (दयो०७३) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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