SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 147
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निरीश्वर ५६२ निरोधः निरीश्वर (वि०) ईश्वर को नहीं मानने वाला, आत्मवादी। । निरुद्यम (वि०) परिश्रम का अभाव, आलस्य। निरीषं (पुं०) हल का फाल। निरुद्यमी (वि०) आलसी, सुस्त, कर्तव्यहीनता रहित, उद्योग निरीह (वि०) उदासीन, तृष्णा रहित। में अभिरुचित नहीं रखने वाला। निरीहचित् (वि०) निस्पृहचित्त। (वीरो० १८/२३) निहथा, निरुद्धभूतल (वि०) अभिव्याप्त भू। (जयो० २४/४७) निष्काम, निष्क्रिय। (जयो० २४/९०), ०इच्छा रहित विरुद्धवती (स्त्री०) प्रतिरुद्ध करने वाली। (जयो० १/४५) (जयो० २४/९०) निरुदव (वि०) सुखद, भाग्यशाली, निर्बाध, निर्भय, शान्त। निरीहचारिन् (वि०) इच्छा रहित विहार। (वीरो० १५/११) किलानक-निरूपद्रवं। (जयो० २६/१५) निरीहता (वि.) आदृता, नि:स्पृता, वीतरागता। (वीरो० २०/२, निरुष्मन् (वि०) शीतल, ठंडा। वीरो० १०/१५) इच्छा का अभाव, संतोपना। 'अधारयत निरुद्वेग (वि०) गम्भीर, शान्त, उत्तेजना रहित। ईशिताऽऽदृता क्व रहोनीतिरहो निरीहता। (जयो० २६/६०) निरूप (वि०) निरूपण, कथन। (जयो० ५/४७) निरीहत्त्व (वि०) नि:स्पृहता। (जयो० २७/५४) निरूपक्रम (वि०) आरम्भ रहित, कार्य के प्रारम्भ से रहित। निरीहतार्चिषिः (स्त्री०) नि:स्पृहता रूपी अग्नि। (मुनि० ३३) निरूपक्रम (वि.) कर्म परिपाक के प्रयत्न से रहित। 'सम्यक्त्वेन निरीहतार्चिषि तपत्येवं तपस्वी भवेत्। । निरूपणं (नपुं०) आलम्बन, सहारा-०कथन, विवेचन। (जयो० (मुनि० ३३) ५/४७), बौद्धमत के पांच विज्ञानधातुओं में एक निरुच्छवास (वि०) श्वास रहित। निरूपण विज्ञान, भक्तप्रत्याख्यान मरण, राज्यादि का निरुत्तर (वि०) अद्वितीय, अनुपमा (जयो० २०/७१) अन्वेषणा निरुक्त (वि०) कथित, प्रतिपादित। (जयो० ४/३२) निरूद्ध (वि०) [निरुध्+क्त] अविरुद्ध, प्रतिरुद्ध। निरुक्तमूर्ति (वि०) स्थित, स्थिर, पुत्तलिका की तरह। निरूपयोगि (वि०) अनुपयोगी, उपयोग में नहीं आने वाला। 'तम:समूहेन, निरुक्तमूर्तिमिभं तदाऽरुक्षदथार्ककीर्ति:' 'यत्र यन्निरूपयोग तत्र तद्दानमप्यनुवदामि पापकृत्। (जयो (जयो०८/६०) २/१०३) निरुक्ति (स्त्री०) [निर+व+क्तिन] कथन, (वीरो० २२/२३) निरूपप्लव (वि०) बाधा रहित। ०व्युत्पत्ति, शब्दों की व्याख्या, परिभाषात्मक व्याख्या, निरूपम (वि०) अनुपम, अद्वितीय, बेजोड़। शब्द विश्लेषात्मक व्याख्या। 'ईदृक् निरुक्तिः क्रियते निरूपरागः (पुं०) शुद्धात्मानुभूति से च्युत। (सम्य० १३५) (सम्य०७१) उक्ति का नाम निरुक्ति। (सम्य० ७१) निरूपसर्ग (वि०) उत्पात रहित, उपद्रव रहित। क्रिया एवं कृदन्त द्वारा काव्यालंकारपूर्वक विवेचन। 'पदानि निरूपेक्ष (वि०) उपेक्षा विहीन, सतर्क, सावधान। सुप्तिङन्तात्मकानि उद्धरन्, प्रकृति- प्रत्ययादि-निरुक्तया निरूह (पुं०) [नि+रुह्+घञ्] तर्क, युक्ति, नि:संकोच, शोधयन्। (जयो०१० २/५२) निर्णयात्मिको-क्तिर्यस्य स | निश्चितता, निश्चय (जयो० १४/९५) निरुक्तिः (जयो० ४/१४) ०कहने वाला। प्रवृत्ति (जयो० निरेति निकलना (जयो० १३/५०) निःसरति, निर्गच्छति (जयो० १९/६) गृहीततमूर्तिः शशिनः प्रसाद आसीच्च ९/४८) गण्डूषनिरुक्तिवादः। (जयो० १९/६) निरेना (वि०) पाप हीन। (जयो० २२/९) (सम्य० १०९) निरुक्तिवादः (पुं०) प्रवृत्तिवाद। (जयो० १९/६) ०व्याख्या, निरेन (वि०) नहीं हुए। (वीरो० २२/४) विश्लेषण निरोधः (पुं०) [निरुध्+घञ्] रोक, रोकना, घेरना, वश में निरुचि (वि०) रुचि का अभाव। निरुच्यते-बतलाना (जयो०) करना। प्रतिबन्ध, दमन, नियंत्रण। एकचिन्ताविरोधो (वीरो०४/६) यस्तद्ध्यानभावना परा। (सम्य० ११६) निरुत्सवः (वि०) उत्सव विना। ० रुकावट, विरोधा निरुत्साह (वि०) स्फूर्ति रहित, उत्साह से रहित, उदासीन। • ध्वंस, विनाश। निरुत्सुक (वि०) शान्त, उदासीन, चुपचाप। ० अरुचि। निरुदक (वि०) जलविहीन। ० निराशा। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy