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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निरव्यप ५६१ निरीक्ष्य निरव्यप (वि०) निर्दोष। (जयो० ७/३८) निराय (वि०) लाभरहित, इच्छाशून्य। निरशन (वि०) भोजन से रहित, उपवास करने वाला। निरायास (वि०) सुलभ, तत्काल प्राप्त की जाने वाली, निरस्त (वि०) समाप्त, गत। (जयो० १४/८२) परिश्रम के बिना प्राप्त होने वाली। निरस्तदोष (वि०) दोष रहित। (सुद० १/९) निरायुध (वि०) निरस्त्र, निहत्था, हथियार से रहित। निरस्त्र (वि०) अस्त्र रहित। निराग (वि०) राग रहित। (सम्य० १३०) निरस्तगत (वि०) समाप्त हुई। निरालंब (वि०) स्वतंत्र, पराधीनता से विमुक्त, अकेला, निरस्य (सं०१०) निराकृत्य। (जयो०वृ० १/११) असहाय, आत्मस्थ ध्यान। निरहंकार (वि०) घमण्डरहित, अभिमान शून्य। निरालोप (वि०) ०इधर उधर नहीं देखने वाला। दृष्टिहीन, निरंहकृति (वि०) अहंकार से रहित। विनीत, नम्र। प्रकाश रहित, अंधकार युक्त। निरहम् (वि०) अहं से मुक्त। निरावरणज्ञानं (नपुं०) आवरण रहित ज्ञान, सर्वज्ञज्ञान। निराकांक्षा (वि०) आकांक्षा विहीन, चाह रहित। वस्तु तत्त्व भविष्यतामत्र सतां गतानां, तथा प्रणीलीं दधता प्रतानाम्। का ज्ञाता। ज्ञानस्य माहात्म्यमसाववाधा-वृत्तेः पवित्रं भगवानधाऽधात्।। निराकार (वि०) आकार रहित, आकृति शून्य। 'अनाकार (वीरो० २०/५) दर्शनम्' ०आकार विहीन। निराश (वि०) आशा रहित, उम्मीद रहित। निराकुल (वि०) आकुलता रहित, स्वस्थ। (जयो० २/१६४) निराशंक (वि०) निर्भय, शान्त, निरापद, निराकुल। सचेष्ट, शान्त, स्थिर (जयोवृ० २३/६४) ०स्वच्छ, निराशिष् (वि०) उदासीन, खिन्न, अशान्त। निर्मल। चेतनाशील। निराश्रय (वि०) आश्रयहीन, (जयो० २७/५८), मित्रहीन, निराकुलता (वि०) शान्ति। (जयो०वृ० १/११०) दरिद्र, अकेला, एकाकी। ०शरणरहित, निरालम्ब निराकुलभाव (वि०) प्रसन्नता, आनंद, खुशी (जयो०वृ० २३/४७) (जयो०३/६५) 'निराश्रया न शोभन्ते वनिता हि लता इव' निराकुलमतिः (स्त्री०) स्वस्थ्यबुद्धि। निराकुलामतिर्यस्य | निरासः (पुं०) विनाश, नष्ट। (जयो० ३/६५) य तो (जयो०वृ० २/१०४) ममान्तस्तमसो निरासः (वीरो० १४/२३) निराक्रोश (वि०) तिरस्कार से रहित, दोष से रहित, आक्रोश निरास्वाद (वि०) आस्वाद रहित, फीका। शन्य। निराहार (वि०) उपवास करने वाला। निरागास् (वि०) निर्दोष, निरीह, निष्पाप, निरपराध। (जयो० निरिंधन (वि०) ईंधनरहित। २/१३४) 'रक्षेच्छक्त्या किन्न निरागसः' (जयो० ४/४१) निरिच्छ (वि०) उदासीन, इच्छा हित। निराचार (वि०) आचारहीन, सदाचरण रहित। निरिन्द्रिय (वि०) विकलांग, अग, दुर्बल, अशक्त, बलहीन। निराडंबर (वि०) आडम्बर मुक्त, ढोंग रहित। (वीरो०२२/१६) ____०इन्द्रिय अभाव, मन। निरातंक (वि०) आतंक से रहित, भयमुक्त, निर्भय। ० नीरोग, निरिय (वि०) चलने वाला। (वीरो० ७/७) स्वस्थ्य, सुखद। (जयो० ४/२७) निरीक्ष (वि०) निरीक्षण, दर्शनार्थ। (वीरो० ५/८) गुरोगुरुणां निरादर (वि०) सम्मान हीन। (जयो० ३/४२) भवतो निरीक्षा। निरापद (वि०) संकटमुक्त, आपत्तिविहीन। निरीक्षण (वि०) दर्शनार्थ, देखना, अवलोकन। (जयो० ३/३) निराबाध (वि०) बाधामुक्त, बाधारहित, उत्पीड़न मुक्त। शान्त। निरीक्षणीय (वि०) दर्शनीय, अवलोकनीय। निरामय (वि०) ०रोगमुक्त, स्वस्थ्य, नीरोग। (मुनि० ६) निरीक्षमाण (वि०) देखने योग्य। (सुद० २/३४) (वीरो० १८/६) निष्कलंक विशुद्ध। (हित० ४५) निरीक्षित (वि०) अवलोकित। (जयो० १/२२) निर्दोष, सम्पूर्ण, आनन्द, मंगलयुक्त। निरीक्ष्य (वि०) देखने योग्य। (सुद० १०८) निरामिष (वि०) मांसाहार से रहित। (हित० ४५) | निरीति (स्त्री०) प्रावर्तत। ०वासनाशून्य, ब्रह्मलीन। निरीतिभावः (पुं०) निराकरण भाव। (जयो० १/११) इच्छा निराम्य (वि०) निरामय, नीरोग, पूर्ण प्रसन्नचित्त रहित, आर्शीवाद से वञ्चित, आशीष से रहित। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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