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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नियोधिन् ५६० निरववेषेण नियोधिन् (वि०) [नि+युध्न इनि] युद्ध करने वाला, संग्राम | निरनुग (वि०) अनुयायी से रहित। करने वाला। 'नियोधिनां दर्पभृदर्पणालैर्यव्युत्थितं व्योम्नि निरनुनासिक (वि०) अनुनासिक विहीन, जिसके उच्चारण में रजोऽङ्घिचालैः। (जयो० ८/१४) 'नियोधिनां संग्राम नासिका का सहारा न लिया जाता हो। कुर्वताम्' (जयो०वृ०८/१४) निरानुरोध (वि०) मैत्री की कमी, मैत्री का अभाव, निर् (अव्य०) [नृ+क्विप्] से मुक्त, से रहित, उससे दूर, अनुरोध रहित, सद्भावशून्य, करुणा विहीन। __बाहर, उसके बिना, पृथक्। (जयो० १/११) निरपराध (वि०) निरालम्ब, अपराध रहित। (जयो० २/१३४) निरंश (वि०) पूर्ण, सम्पूर्ण, समस्त। निरभ्यासः (पुं०) निरन्तर अभ्यास, अत्यधिक परिश्रम, निरक्षः (पुं०) ज्योतिष का भोगांश से मुक्त स्थान। निरपत्रप (वि०) निर्लज्ज, ठीठ। निरंकुश (वि०) दबाव रहित, स्वतन्त्र। (जयो० ६/२९) (दयो० निरपराध (वि०) निर्दोष, दोष रहित। अनागसृजन (जयो०वृ०३/५) ४०, जयो० ११/८९) निरपाय (वि०) ०दुष्टता रहित, ०क्षयरहित, ०अमोध, निरंकुशकथन (वि०) उच्छृङ्खलभाषिन्। (जयो० ११/४१) निरपेक्ष (वि०) अपेक्षा रहित, परानपेक्षा (भक्ति० ४) निरंग (वि०) अंगहीन, अवयव रहित। स्वावलम्बी, अपने अस्तित्त्व को समझने वाला, अनपेक्ष निरंजन (वि०) निर्दोष, निष्कलंक (भक्ति०३), मिथ्यात्व (भक्ति० ४) तृष्णा मुक्त, भयहीन। उदासीन, असावधान, रहित, राग-द्वेषादि रहित। सरल, मृदुस्वभावी (सुद० ०सांसारिक विषय वासनाओं से परे। १३५) ० परम विशुद्ध, आत्मस्वभावी। निरभिभव (वि०) तिरस्कार से रहित, दीनता के भाव से निरगुः (वि०) निष्क्रान्त। (जयो० ८/३५) विहीन। निरग (वि०) निकला हुआ। (जयो० १/१९) निरभिमान (वि०) स्वाभिमानी, अहंकार से रहित। निरगत (वि०) बहना, बाहर निकलना। (जयो० ९/६४) निरभिलाष (वि०) इच्छा शून्य, उदासीन। निरन्तरः (वि०) गुणस्थान से अन्तर नहीं। निरभ्र (वि०) मेघ रहित, स्वच्छ गगन। निरंतर (वि०) लगातार, अव्यवहित। (वीरो० २/११ (सुद०१०७) निरम्बर (वि०) दिगम्बर निर्दोष। (जयो० ८/५६) (वीरो० ९/२२) (जयो० १/११) व्यवधान रहित, अव्यच्छिन्न। अनारत निरम्बु (वि०) प्रतिबन्ध रहित शून्य (जयो० २/५) अर्गलारहित, (जयो० २३/२) निरन्तगौरवधार (वि०) सदैव गौरव का आधार। (जयो०२/११०) निबोध, अनियंत्रित, निर्विघ्न, पूर्णता, मुक्त। निरर्थ (वि०) निर्धन, धनहीन, गरीब, ०अर्थहीन, निरर्थक, निरग्नि (वि०) अग्नि से रहित। निरत (वि०) तल्लीनता, उदासीन रहित, तत्पर। (जयो० २/१२) ०व्यर्थ, बेकार, अलाभकर। निरर्थक (वि०) अनर्थक, व्यर्थ। तर्कसंगत न हो। निरत (वि०) उद्यत, प्रयत्नशील १. असदाचरण युक्त। २. नारक, नरक में उत्पन्न होने वाला। निरवकाश (वि०) मुक्त स्थान से रहित। कार्य के प्रति निरतगतिः (स्त्री०) नरकगति। 'निरतानां गतिर्निरतगतिः' संलग्न, तत्पर। (धव० १/२०१) निवग्रह (वि०) मुक्त, स्वतन्त्र, अनियंत्रित, अनवरुद्ध, निरतिचार (वि०) अतिचार रहित। दुर्निवार, ०स्वेच्छाचारी, दुराग्रही, निर्दोष। निरतिचारिता (वि०) अतिचार का अभाव, परित्याग भाव निरवद्यभावः (पुं०) निर्दोष अवस्था। (जयो० ११/१०) वाला। निरवधि (वि०) असीम, अनन्त अवधि से रहित। निरनुकम्प (वि०) स्वयं कंपित न होता हुआ, शान्त, सहृदय, निरवद्य (वि०) पापवर्जित, निर्दोष। (जयो० २७/८) अनुकम्पा रहित। निरवयव (वि०) ०अविभाज्य, ०खण्डरहित, भाग रहित, अंग निरनुतापी (वि०) पश्चात्ताप नहीं करने वाला। रहित, ०अन्तरहित। निरतिशय (वि०) अद्वितीय, अनुपम, बेजोड़। निरवलंब (वि०) असहाय, निराश्रम। निरत्यय (वि०) निर्भय, निरापद, भयहीन, सुरक्षित। निरवशेष (वि०) पूर्ण, समस्त, सम्पूर्ण, अखिल। निरध्व (वि०) मार्ग से च्युत, मार्ग को भूला हुआ। निरववेषेण (अव्य०) पूरी तरह से, पूर्ण रूप से। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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