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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नियमकृत ५५९ नियोद्ध ० नियम से जो किया जाता 'णियमेण य जं कज्ज नियुतं (नपुं०) [नि+यु+क्त]० एक क्षेत्र का प्रमाण। दस तण्णियमं णाण-दसण-चरित्ता' (नि०सा०३) लाख। ० निषिद्ध परिवर्तन। नियुज् (नपुं०) ०स्थापित कसा, नियुक्त करना, पद देना। ० परिमितकाल। नियोजयन् (जयो० ३/१) ० कालसीमाकरण। नियुद्धं (नपुं०) [नि+युध्। क्त]० घमासान युद्ध करना, पैदल नियमपूर्वक, निश्चितविधि से। (सुद०७०) 'भूरानन्दस्यात्र लड़ना, व्यक्तिगत संघर्ष। नियमतश्चैवं वयं भवामा' नियोगः (पुं०) [नि+युज्+घञ्] ० प्रयोग, उपयोग, नियुक्ति। नियमकृत (वि०) निसम से करने योग्य। ० आज्ञा, आदेश, प्रतिपालना, समझना। (समु० ४/३) नियमगत (वि०) नियम को प्राप्त, सीमाकरण को प्राप्त। ० अधिकार, कार्यभार, आयोग निदेश। (जयो०व० १/२०) नियमचर (वि०) परिमित समय पर विचरण करने वाला। ० आवश्यकता, अनिवार्यता। नियमनं (नपुं०) शासन, अवरोध, प्रतिबन्ध, सीमा, आचरण। ० प्रयत्न, चेष्टा, शिट रीति। नियमनिषिद्ध (वि०) अतिचारों से रहित, अनुष्ठान युक्त, ० कार्य में लगना। मूलगुण और उत्तरगुण से अतिचारों से रहित। ० निवासविधि (जयो० २७/११) नियमनिष्ठा (स्त्री०) नियम में दृढ़ता। नियम का पालन। | नियोगपूजित (वि०) पूजनीयमात्र। 'नियोगेन पूजितं नियमपत्रं (नपुं०) लिखित पत्र, नियमावली। पूजनीयमात्रम्' (जयो०वृ० २/२४) नियमवती (स्त्री०) नियम वाली, वतिनी, व्रत पालन करने वाली। | नियोगवान् (वि०) समझने वाला। (समु०४/३) नियमित (वि०) ० विहित, निर्धारित। ० स्थिर, संवेदित, | नियोगिन् (पुं०) [नियोग इनि] मन्त्री, अधिकारी, कार्यपालक, प्रतिज्ञात, ० शासित, निर्देशित। नियंत्रक, आमात्य। (जयो० १/१२) ० दूत (जयो०वृ० नियागः (पुं०) आमंत्रित आहार का ग्रहण, अनाचरित साधु। १/१२) 'निखिला अपि नियोगिनोऽमात्यादयस्ते' (जयो०१० नियानं (नपुं०) प्रयाण, प्रस्थान। (जयो० १३/४) २६/३७) नियामक (वि०) [नि+यम् णिच्+ण्वुल्] नियंता। नियोगिनी (वि०) अभिसम्बंध युक्त 'नियोगोऽभिसम्बन्धो यस्याः ० निरोधक, नियन्त्रक, नियम में आबद्ध रहने वाला। सा' (जयो० २४/३५) ० समागमिना-'निशमिन्दुनियोगिनीं ० प्रतिबन्धक, शासित। बुमक्षो' पतनं किन्न रवेरहो मुमुक्षो! (जयो० २०/३४) ० ० शासन करने वाला। विधेय, मान्य-'न त्रिवर्ग विषये नियोगिनी नापवर्गपथि नियामकः (पुं०) शासक, स्वामी, अधिकारी, नियंता। चोपयोगिनी। (जयो० २।८८) ० नियम पालन करने वाला . सारथि, चाचक, परिचालक। ० कर्णधार, केवट। 'वृषभृतां तदाश्रमगत-नियम-पालकानामेव नियोगिनी' नियुक्त (भू०क०कृ०) [नि+युज्+क्त] ० अधिकृत, निर्धारित (जयो०वृ० २/११७) (वीरो० २१/१८) ० जात, निर्देशित, आज्ञप्त, अनुदिष्ट, | नियोग्यः (पुं०) [नि+युष्यन्] ० स्वामी, अधिकारी। आदिष्ट। 'सहसा जग्धिविधौ तु ते नियुक्ताः' (जयो० १२/१५) नियोजनं (नपुं०) [नि+युज+ल्युट] संलग्न करना, लगाना, ० संलग्न, तत्पर, उपवद्ध। ०पद लेना, कार्य कराना, आदेश देना, विधान करना, नियुक्तजनः (पुं०) अधिकृत व्यक्ति, निर्देशित व्यक्ति, निर्धारित नियत करना, प्रेरित करना। व्यक्ति। नियोजित (भू०क०कृ०) [नि+युज+क्त] नियुक्त किया, नियुक्तनेत्रिन् (वि०) दत्त दृष्टि वाला, देखने वाला। 'शुकसन्नि- कार्यभार दिया, आदेश दिया, आज्ञा दी। 'यमेन नियोजतानि चयाश्च यात्रिणां हृदि भान्ति स्म नियुक्तनेत्रिणाम्' (जयो० नियुक्तानि' (जयो०८/३८) १३/६०) नियोध (वि०) [नि+युज्-यत्] अधिकारी, कार्यनिर्वाहक, नियुक्तिः (स्त्री०) [नि+युज+क्तिन्] • आदेश, आज्ञा, सेवक, भृत्य, नौकर। ० कार्यभार, पद, नियोजन। नियोद्ध् (पुं०) [नि+युध्+तृच्] योद्धा, मल्ल, बलवान्, नियुक्तिमान् (वि०) माने गए। (जयो० २/६३) शक्तिमान्। oferte For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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