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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निमीलिका ५५८ नियमः निमीलिका (स्त्री०) पलक झपकना। निमीलिताक्ष (नपुं०) मुद्रित नेत्र। (जयो० १३/०८) निमूल (अव्य०) [नितरां मूलम्] नीचे तक, जल तक। निमेषः (पुं०) [नि+मिष्+घञ्] आंख झपकना, ०टकटकी ___ लगाना, ०एक टक देखना, दृष्टि रखना। निमेषकृत् (स्त्री०) विद्युत, बिजली। निमेषकृत् (पुं०) खद्योत, जुगनू। निम्नः (पुं०) [नि+म्ना+क] ० गहरा, गहीर। ० निम्न, नीचा। ० तल्लीतल। (जयो०वृ० ११/९८) निम्नं (नपुं०) गहराई, नीचा प्रदेश। ० निम्नभाग, अधोभाग। ० ढलान, ढाल। ० व्यवधान, भूरन्ध्रा ० अवसाद। निम्नगतं (नपुं०) अधोगत, नीचे की ओर गया। निम्नगतिः (स्त्री०) नीचगति। निम्नगा (स्त्री०) नदी, पर्वतीय सरिता (वीरो० २/१७)-'निम्न गच्छतीति निम्नगा' (जयो० १४/८३) ० अवनतस्थानगत'निम्नमनतवस्थानं गच्छतीति निम्नगा' (जयो० २०/४९) ० नीचे की ओर बहने वाली। (सुद० १४८, १/४३) निम्नपदं (नपुं०) तुच्छपद। निम्नप्रेमः (पुं०) तुच्छप्रेम। निम्नभावः (पुं०) गम्भीर भाव। निम्न-रूपः (पुं०) नाशक। सम्बभूव वचनं नभसोऽपि निम्नरूपतस्तत्स्मयलोपि। (सु० १०८) निम्नलिखित (वि०) निम्नोदित, निम्नाङ्कित। (सुद० ११३) निम्नाङ्कित (वि०) निम्नोदित, निम्नलिखित। (जयो०वृ० १/९१) निम्नोक्त (वि०) अधो अंकित, कथन, इस प्रकार का कथन। (सुद० ९२) निम्नोक्ति (वि०) निम्नलिखित। (सुद० ११३) निम्नान्नतः (वि०) ऊबड़ खाबड़, नीचा-ऊँचा, अवनत-उन्नत। निम्बः (पुं०) [निन्ब्+अच्] नीम का पेड़। निम्बकल्पः (पुं०) नीम का प्रयोग, कल्प, रस। निम्बप्रयोगः (पुं०) नीम का कल्प, प्रयोग रस। निम्बिका (स्त्री०) निम्बफल। 'मधुरसा करटस्य हि निम्बिका धनमहो दुरितस्य कदर्पिका। (जयो० २५/२१) निम्बफल (नपुं०) निम्बोली, निथेरी, निम्बिका। (जयो०७० २५/२१) निम्लोचः (पुं०) [नि+म्लुच्] सूर्यास्त। देना, नियच्छ प्रदान करना, (जयो० १/९२) नियत (भू०क०कृ०) [नि यम्+क्त] ० निश्चित, ध्रुव, शाश्वत। (वीरो० १७/४०) ० अवश्यंभावी, अचूक, जो होना है, वह होगा, अनिवार्य नियुक्त। (जयो० ३/१९) ० नियंत्रित, संयमित, नियोजित। (जयो०८.३८) ० अभिभूत, स्वशासित। ० मिताहारी, सावधान। नियतं (अव्य०) हमेशा, लगातार, क्रमशः, अवश्य, अनिवार्यतः, निश्चय ही। 'तदेकदेशे नियतं प्रतीतौ' (सुद० २/२४) नियतस्थानं (नपुं०) निश्चित स्थान। नियति (स्त्री०) [नि+यम्+क्तिन्] नियतिवाद। ० भवितव्यता, प्रारब्ध, दैव। सम्मता हि महतां महान्वयाः संस्मरन्तु नियति दृढाशयाः। (जयो० २/११) • धार्मिक कर्तव्य। ० आत्म नियंत्रण, आत्म संयम। ० प्रतिबन्धा (जयो० १३/२४) नियतिवादः (पुं०) एक निश्चितकथन, जो जिस समय में जिससे, जैसे और जिस नियम से होता है, वह उस समय, उसी के द्वारा, उसी प्रकार से और उसके होगा ही। नियंतृ (पुं०) [नि+यम् तृच्] ० सारथि, चालक। ० शासक, अधिकारी। (वीरो० १८/१२) . स्वामी, मालिका ० राज्यपाल। ० नियंता, विनियंता। नियंत्रणं (नपुं०) [नि+यन्त्र ल्युट्] आरक्षण, रोक, प्रतिबन्ध। नियन्त्रित (वि०) [नि+यन्त्र+क्त] प्रतिबद्ध, आरक्षित, संयमित, सीमित। नियमः (पुं०) [नि+यम्+अम्] प्रतिबन्ध, संयम, नियंत्रण, सीमित करना। ० निग्रह, निरोध। ० प्रतिज्ञा, व्रत। ० निश्चित, अनिवार्यता, आवश्यकता। ० विधि-विधान, कार्य पद्धति। ० धार्मिक साधना, व्रत की पद्धति। (सम्य० १५) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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