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निन्दनं
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निपानं
० क्षति पहुंचाने वाला। ० बदनाम करने वाला।
० प्रच्छन्नस्तुति करने वाला। निन्दनं (नपुं०) प्रतिकार, विरोध 'स्वस्यदुक्ष्यरितमास स निन्दन,
तत्परस्य विधिनाभ्यनुविन्दन् (समु० ५/१२) ० निन्दा करना, अपमान करना। ० दोषारोपण। ० फटकारना। ० भला-बुरा कहना। ० क्षति, हानि, नुकसान। ० प्रच्छन्नस्तुति।
० व्याजस्तुति। निन्दा (स्त्री०) ० पश्चात्ताप। (मुनि० १९) सच्चरित्रस्य सत्त्वस्य
पश्चात्तापः स्वप्रत्यक्षं जुगुप्सा निन्दा। ० आत्मसाक्षिकी निन्दा। • दोष का उद्भावन, दोषारोपण। ० जुगुप्सा, ग्लानि। ० कलंका ० दोषोदभावननेच्छा।
० परिवाद। (जयो० १२/१४५) निन्दाकरणं (नपुं०) निन्दा करना, दोषारोपण करना, कलंक
लगाना। समस्तु दौस्थित्यविधिहूंदाचान्यस्यात्र निन्दाकरणादि
वाचा। (समु० ८/२८) निन्दागत (वि०) निन्दा को प्राप्त। निन्दापरायणः (पुं०) निन्दा में चतुर। (जयो० ११/१३) निन्दापहरणकर (वि०) परिवादहर। (जयो० १२/१४५) निन्दापूर्वकं (नपुं०) नन्दासहित, पश्चात्तापपूर्वक। दुष्कर्मार्जित
महतामधिपते! त्वत्पादमूलेऽत्र तन्निन्दापूर्वकमुज्जहामि सुपथे
वर्वतिषुः साम्प्रतम्।। (मुनि० १९) निन्दायोग्यः (पुं०) निन्दा का पात्र। (जयोवृ० ११/२७) निन्दित (भूक०कृ०) [निन्द्+क्त] कुत्सित। (जयो०वृ०
२/१२६) कलंकित, अपमानित, अप्रशंसित, दोषारोपित,
गाली दिया हुआ। निन्दित-व्यभिचारादिकर्मन् (नपुं०) कुत्सिताचरण। (जयो०वृ०
२/१२६) निंदु (स्त्री०) [निदु+उ] मृतवत्सा, मृत बच्चे को जन्म देने वाली। निंद्य (वि०) [निंद्+ण्यात्] ०कलंक योग्य, घृणा योग्य,
गर्हित, ०जघन्या ० प्रतिषिद्ध, वर्जित।
निंद्यवस्तु (नपुं०) अतयं वस्तु। (वीरो० १६/२६) निपः (पुं०) [नियतं पिवति अनेन नि+पा+क] जल भरने का
घट। निपः (पुं०) कदम्ब तरु। निपठः (पुं०) पढ़ना, सस्वर पाठ करना, अध्ययन, अभ्यास। निपत् (अक०) गिरना, प्राप्त होना। निपपात (सुद० १०९)
(वीरो० १८/४२) 'सक्ताः सुरापलपरा' (जयो० ६/५९)
निपतन्यकेषु (सुद० १२७) निपतनं (नपुं०) [नि+पत्+ल्युट] नीचे गिरना, उतरना, नीचे
की ओर जाना। (दयो० ८) निपतन-जात (वि०) पतन को प्राप्त हुआ। निपत्य (सं०कृ०) गिरकर। 'अधर्मतामित्यत एति सत्यमसौ
स्वीवात् सुतरां निपत्य' (सम्य० ७१) निपत्या (स्त्री०) [निपतन्ति अस्याम्-नि+पत्+क्यप्+टाप्]
० फिसलन युक्त भूमि।
. रणक्षेत्र। निपाकः (पुं०) [नि+पच्+घञ्] पकाना, परिपक्व करना। निपातः (पुं०) [नि+पत्+घञ्] निपात, अव्यय विशेष।
० नीचे गिरना, नीचे आना, नीचे उतरना। ० आक्रमण करना, टूट पड़ना, कूदना झपटना। • फेंकना, दागना, मारना। ० उतार, प्रपात। ० मरण, मृत्यु। ० आकस्मिक घटना। ० अनियमित रूप, अपवाद मानना। ० अव्यय, -वह शब्द जिसके अन्य रूप न बने। ० गिनने का अङ्क-निकालना, उत्कीर्णन। 'गुणानां गणनाया
योऽङ्क निपातउत्कीर्णनम्।' (जयो०वृ० ६/१०५) निपातनं (नपुं०) [नि+पत्+णिच्+ल्युट्]
० मारना, पछाड़ना, गिराना। (समु० २/२४) ० परास्त करना, ध्वस्त करना। ० अपवाद, अनियमितता।
० मर्म स्पर्श करना। निपानं (नपुं०) [नि+पा+ल्युट्]
० पीना, आचमन करना। • जलाशय, जोहड़, पोखर। ० पानी का माद। ० कूप, कुंआ।
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