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नहि किञ्चिदपि
५३८
नागमोथा
नहि किञ्चिदपि (अव्य०) किसी तरह का भी नहीं। (वीरो० नागकेसरः (पुं०) नागकेसर नामक वृक्षा ४/३६)
नागगर्भ (नपुं०) सिन्दूर। न ही न भा (स्त्री०) अक्षीणकान्ति। (जयो० ११/५४) नागचूडः (पुं०) शिव। नहुषः (पुं०) [नह। उषच्] एक चन्द्रवंश का नृपति। नागज (नपुं०) १. सिन्दूर, २. राग। ना [नह्+डा] नहीं, न, मत। न हि परतल्पमेति स ना तु। नागजिबिका (स्त्री०) मैनसिल। (सुद०८९)
नागजीवनं (नपुं०) रांगा। ० ना-नरः, मनुष्य। (जयो० २/६७) नागदंत: (पुं०) हाथी दांत। शिष्टमाचरणमाश्रयेदनावश्यकं च खलु तत्र तत्र न। (जयो० नागदंतकः (पुं०) हाथी दांत। २/४०) 'ना मनुष्यो महत्सु महापुरुषेशु भक्तिमानस्तु' नागदंशनं (नपुं०) सर्पदंशन, सर्प का काटना, सर्प डसना। (जयो० २/६७)
(दयो० ७७) नाकः (पुं०) [न+कम्-अकम् दु:खम्, तत् नास्ति अत्र इति] नागदंती (स्त्री०) सूरजमुखी पुष्प।
स्वर्ग, सुरालय। 'अनेक दुःखेन रहित नाकम्। (वीरो० नागदलः (पु०) १. नागसमूह, (वीरो० २/२३) २. २/२२) पाकोऽथवा पुण्यविधेनरन्यः नाकोऽनयात्रैव समस्तु नागवल्लीसमूह, ताम्बूल। (जयो० २२/५४) धन्यः। (जयो० ५/८६)
नाग दमनी (स्त्री०) नाश को वश में करने वाली औषधि। नाकपतिः (पुं०) इन्द्र। (वीरो० ४/४४)
(दयो० ७७) नाकिन् (पुं०) [नाक+इनि] देव, अमर। 'किन नाकिभिरेव | नागदेवः (पुं०) नागदेवता। (वीरो० २/२३) १. एक राजा निषेधितम्'
(वीरो० १२/३२) नाकिनायकः (पुं०) सौधर्मइन्द्र। (वीरो० ७/७)
नागदेवता (पुं०) नागों में शिरमोर, शेषनाग। नाकिजनः (पुं०) पुण्यात्मा (जयो० ९/२७)
नागनक्षत्रं (नपुं०) आश्लेषा नक्षत्र। नाकुः (पुं०) १. गिरि, पर्वत, २. वल्कीम।
नागपञ्चमी (स्त्री०) श्रावण शुक्ला, पंचमी का दिन, इस दिन नाक्षत्र (वि०) [नक्षत्र+अण्] नक्षत्र विषयक।
नागों की पूजा की जाती, उन्हें दूध पिलाया जाता है। नाक्षत्रं (नपुं०) नक्षत्रमास सम्बन्धी।
(दयो० ८०) नाक्षत्रिक (वि०) नक्षत्र सम्बन्धी, नक्षत्र के अन्तर्गत। नागपति (पुं०) शेष नाग। (सुद० १/३७) (दयो० ४३) नागः (पुं०) [नाग+अण्] १. सर्प, सर्पदेव, नागदेव। (जयो० (जयो०वृ० १/२५)
२/१५८) २. हत्थि, हाथी, करि गज। (जयो०१३/९८) नागपदः (पुं०) रतिबन्ध। ० कूर, अत्याचारी।
नागपाशः (पुं०) एक अस्त्र विशेष, जो नाग की आकृति का ० गणमान्य, पूज्य।
होता है, जिसमें शत्रुओं को फंसाने का कार्य किया जाता है। ० मेघ, बादल।
नागपुरी (स्त्री०) नागों की नगरी। (दयो० ३०) • खूटी।
नागपुष्पः (पुं०) चम्पक का पौधा, पुन्नाक वृक्षा ० नागकेसर, नागरमोथा।
नागपूजा (स्त्री०) नाग की अर्चना। ० नागकुमार नामक देव।
नागमलिकः (पुं०) सपेरा, सांप को पकड़ने वाला। नागकन्या (स्त्री०) नागपुत्री, नाग सुता। 'सा नागकन्या यतो नागमन्दिरं (नपुं०) नागदेवता का स्थान, नाग देव मन्दिर।
जघन्या क्व किन्नरीणान्तु तुमैव धन्या। (जयो० ११/७३) (वीरो० ११/५४, दयो० ८०) 'नागकन्या जगत्प्रसिद्ध-रूपवत्यपि यतो यस्या' (जयो०वृ० नागमणि (स्त्री०) सर्प शिरोरत्न। (जयो० २/१६) ११/७३) दयोदय काव्य में नागकन्या को भोगिनी भी नागमल्लः (पुं०) ऐरावत। कहा है। (दयो० १०९)
नागमुक्ता (स्त्री०) नागर मोथा (जयो० २८/३०) नागकुलं (नपुं०) नागकुल, नाग परम्परा। यन्निरन्तर नागमोथा (स्त्री०) ०नागर मोथा, नागमुक्ता, मेघ, बादल। नागकुलैकरम्यम्। (वीरो० २/२३)
(जयो० २८/३०)
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