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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नवतिः ५३६ नविविदुमः पता नवतिः (स्त्री०) नब्बे। नवतिका (स्त्री०) [नवति कन्+टाप] एक संख्या विशेष। (९०) ० नब्बे। ० चित्रकार की कुंची। नवन् (सं०वि०) [नु+कनिन्] १. नवीन, २. नौ। नवनवारम्भः (पुं०) १, नवीन केले के स्तम्भ, २. सुन्दर अप्सरा। (जयो० ४/६८) नवनवतिः (स्त्री०) निन्यानवें। नवनिधिः (स्त्री०) नौ निधियां-महापद्म, पद्म, शंख, मकर, कच्छप आदि। (जयो० ११/३६) (जयो० ७८) नवनी (स्त्री०) नवीनता युक्त। नवनीतं (नपुं०) १. मक्खन, ताजा मक्खन। २. नवीनता से संघटित, अत्यन्त सुन्दर। नवीनतया नीतं संघटितं सुन्दरमस्ति (जयो०११/३६) (जयो० १०/१३) 'दुग्धतो हि नवनीतमुदेति गौस्तृणानि हि समादरणेऽत्ति। (जयो० ४/२१) 'तक्रतो हि नवनीतमाप्यतेऽत पुनघृतकृते विधाप्यते। (जयो० २/१४) 'समुचितो नवनीतविनीतकः' (जयो० १/१००) सन्धानं च नवनीतमगालितजलं सदा। पत्रशाक च वर्षासु नाऽहंतव्यं दयावता।। (सुद० १२९) नवनीतकं (नपुं०) परिष्कृत मक्खन, नैनू, ताजा मक्खन। नवपरिणीता (स्त्री०) नवलावधू, नई व्यवाहित। (जयो० ७/६१) नवपंचाश (वि०) उनसठवां। नवपंचाशत् (स्त्री०) उनसठ। नवपदार्थः (पुं०) नौ जीवादि पदार्थ। जीव, अजीव, आश्रव, बन्ध, संवर, निर्जरा, मोक्ष, पुण्य और पाप। नवपाठकः (पुं०) नया अध्यापक, नया शिक्षक। नवपुष्पं (नपुं०) नूतन पुष्प। नवपुष्यः (पुं०) पुष्य नक्षत्र, ज्योतिर्लोक का एक पुष्य नक्षत्र। लोकोऽखिल: सत्कृतिक: पुनस्ताः स्त्रियः समस्ता नवपुष्य शस्ताः ।। (सुद० १/२९) नवप्रवाहः (पुं०) नौ द्वार का प्रवाह, शरीर के नौ स्थानों से बहने वाला मला शश्वन्मलस्त्रावि नवप्रवाहं शरीरमेतत्समुपैम्यथाऽहम्। पित्रोश्च मूत्रेन्द्रियपूतिमूलं घृणास्पदं केवलमस्य तूलम्।। (सुद० १०२) नवभक्तिः (स्त्री०) १. नूतन भक्ति, अभिनव भक्ति। २. नवधाभक्ति (जयो० २/९५) प्रतिग्रहण, उच्चासनदान, साधु पूजा, प्रशंसा, मन:शुद्धि, वचन शुद्धि/वाक्यशुद्धि, | कायशुद्धि, अन्नशुद्धि/आहारशुद्धि। (हित०सुं० ५०) भोजनोपकृति-भेषज-श्रुती: श्रद्धया स नवभक्तिभिः कृती। पूरयेद्यतिषु सन्मना गुणगृह्य एव यतिनामहो गणः।। (जयो० २/९५) नवमसर्गः (पुं०) नवीन आहूति। नवयौवनं (नपुं०) यौवन का नया क्रम। नवयौवनयुक्त (वि०) नव युवावस्था से युक्त। (समु० २/१४) नवयौवनवती (स्त्री०) नवयौवना। (जयो० ११/८९) नवयौवना (स्त्री०) नवयुवती। कौमारं कुमार भावुत्क्रान्तवती लङ्कितवती-नवयौवनाऽभवदित्यर्थः। (जयो०वृ० ३/४२) नवरजस् (स्त्री०) नूतन रजस्वला वाली लड़की। नवरत्नं (नपुं०) नौ अमूल्य रत्न, मुक्ता, माणिक्य, वैडूर्य, गोमेद, वज्र, विद्रुम, पद्मराग, मरकत और नीत रत्न। नवरसाः (पुं०) काव्य के नौ रस। शृंगार, वीर, करुण, हास्य, रौद्र, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शान्त। नवरात्रं (नपुं०) नौ दिन का समय। आश्विन मास के प्रथम नौ दिन का समय, उपासना का समय। नवराट् (पुं०) नवभूप। (जयो० २६/१८) नवला (स्त्री०) नवपरिणीता, नई नवेली। (जयो० १६/६९) व्याहिता। (जयो० १७/६१) नवलोहितः (पुं०) नया रक्त, नूतन रक्त, तात्कालिक निकला लाल वर्ण का खून। 'नवं च तल्लोहितं रक्तवर्ण च' (जयो० १५/४०) नववधू (स्त्री०) नई व्याहिता स्त्री। नववधू किल संकुचतान्मतिरपसरेन्मुखवारिमिषाद्धृतिः। (समु० ७/४) नववधू-समयी (पुं०) नववधू का स्वामी। (जयो० ४/५१) नववरिका (स्त्री०) नई व्याहिता। नववल्लभं (नपुं०) चन्दन की एक जाति। नववल्लभः (पुं०) नया प्रियतम। नववस्त्रं (नपुं०) नूतन वस्त्र, नया परिधान, स्वच्छ कपड़े। नवविंश (वि०) उन्नीसवां। नवविंशतिः (स्त्री०) उन्तीस। नवविस्मयः (पुं०) अधिक आश्चर्य, नया आश्चर्य, नूतन चमत्कार। नवो नूतनो यो विस्मयस्तमै विस्मयाय भवन्ति। (जयो०६/९) नवसुधान्वयः (पुं०) नए चुने से पुते। नवैनूतनैः सुधाया अकुलेपनैर्युक्तेति (जयो० ३/७८) नवविदुमः (पुं०) प्रवाल। (जयो० ३/७५) नई कोंपला नवैविद्रुमैः प्रवालैः पल्लवैर्वा For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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