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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नरत्वशंस ५३४ नर्मविधिः नरत्वशंस (वि०) मनुष्यपन। (वीरो० १४/२७) नर्तकी (स्त्री०) नृत्याङ्गना, नटी, अभिनेता। (वीरो० १७/३८) नरमानिका (स्त्री०) मनुष्य जैसी स्त्री, मर्दागनी। (जयो०वृ० १/३२) नरयन्त्रं (नपुं०) मनुष्य द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी, पालकी। ० हथिनी। (जयो० १३/३१) __० मयूरी, मोरनी। नररथः (पुं०) मनुष्य द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी। नर्तन: (पुं०) [नृत्+ल्युट्] नाचने वाला, अभिनेता। नरराट् (पुं०) राजा। नर्तनगृहं (नपुं०) नृत्यशाला। नरराजन् (पुं०) राज कुमार। (जयो० ३/१५, ३/१०९) नर्तनालयः (पुं०) नृत्यशाला। (जयो० २१/३४) नर्तकप्रतिगुण: नरवर्गः (पुं०) मनुष्य समूह। (जयो०वृ० ३/९०) शुभाननेऽमुष्य पश्य किल नर्तनालयः। (जयो० २१/३४) नरलोकः (पुं०) कुबेर। नर्तित (वि०) [नृत्+णिच्+क्ति] नचाया हुआ, नाचने वाला। नरवीरः (पुं०) शूरवीर, पराक्रमी व्यक्ति। नर्तिमुखं (नपुं०) नम्रमुख, झुका हुआ मुख। (वीरो० ६/५) नरवेशः (पुं०) मर्त्य शरीर। (जयो० ४/४४) नई (अक०) गरजना, दहाड़ना, शब्द करना, गतिशील होना। नरशस्य (पुं०) राजा। (जयो० ६/६८) नर्द (वि०) [न अच्] गरजना, दहाड़। नरशार्दूलः (पुं०) प्रमुख पुरुष, प्रधान व्यक्ति। नर्दनं (नपुं०) [न ल्युट्] गरजना, दहाड़ना, प्रार्थना करना। नरशृंगं (नपुं०) सत्ताविहीनता का लक्षण। नर्दितं (नपुं०) गर्जना, दहाड़, चिल्लाना, चीखना। नरर्षभः (पुं०) नरोत्तम, पुरुषश्रेष्ठ। (जयो० १/९६) नर्मटः (पुं०) [नर्मन्+अटन्] ठीकरा, बर्तन का टुकड़ा। नरसंसर्गः (पुं०) मानव समूह। नर्मठः (पुं०) [नर्मन्+अठन्] १. भांड, लम्पट, २. दुश्चरित्र नरसिंहः (पुं०) एक नाम विशेष। वाला, ३. दुराचारी। क्रीड़ा, ४. मनोरंजन विनोद, नरहरिः (पुं०) नाम विशेष। ५. मैथुन, संभोग। नरांगः (पुं०) [नर्+अंग्+अण्] लिङ्ग, ज्ञाननेन्द्रिय। नर्मन् (नपुं०) [नृ+मनिन्] क्रीडा, विनोद, आमोद, प्रमोद के नरायित (वि०) पुरुषायित। नरस्येवाचरण नरायित। लिए विहार, हास्य भाव। अवस्था (सम्य० ४२) 'नर्मशर्मणि (जयो०वृ० १/२६) (वीरो० ९/३५) शरीरमाश्रयन्' (जयो० ३/१) नरी (स्त्री०) नारी, स्त्री। ० विनोदवृत्ति (सम्य० ३३) संशर्म नर्म भुवि भर्म नरीनर्ति (स्त्री०) स्त्री के नाच। समेत्यशोकः। (जयो० १०९५) 'क्षणिकनकर्मणि नरेन्द्रः (पुं०) नराणाम् इन्द्रः चक्रवर्ती, नरोत्तम। (सुद० १/२८) निजयशोमणि' (सुद० ३८) भक्ति० ३२, जयो० ४/१) ० अर्थ पुरुषार्थ (जयो० १२/४८) शोभा-सत्संगतं नरेशः (पुं०) नराणामीशो नरेशः रामा, अधिपति। (वीरो० ५/३) माणिक्यमिव खलु स्वं नर्म यानि। (सम्य० २६) नरेशललना (स्त्री०) रानी, महाराज्ञी। (सुद० नर्मदा (स्त्री०) मेकलकन्यका, नर्मदा नदी। विन्ध्याचल से नरेशवर्गः (पुं०) राजा समूह, नृपतिवर्ग। 'कदाचिदासीदपराजिताख्यः निकलने वाली नदी। 'मेकलकन्यकाया नर्मदाया नद्याः ___पराजिताशेष-नरेशवर्गः' (समु० ६/९) श्रेणी प्रवाह-तुल्या वर्तते' (जयो० ११/७०) नर्म प्रसादनं नरेश्वरः (पुं०) नृपति, अधिपति, राजा। (जयो० ३/७१) ददानीति नर्मदा (जयो० ११/३०) समुद्र-सदसनादरतायामस्तु नरोत्तमः (पुं०) १. प्रधान पुरुष। २. विष्णु (जयो० ११/९१, सज्जनाभिनर्मदायाम्।' (जयो० २२/११) नरर्षभ (जयो०वृ० १/९६) उत्तम पुरुष। नरोत्तमदीनता नर्मकीलः (पुं०) पति। यस्मान्न भोगाधीनता स्वस्मात्। (सुद० १०९) नर्मगर्भ (वि०) रसिक, ठिठोलिया, विनोदी। नर्तः (पुं०) [नृत्+अच्] नृत्य, नाच।। नर्मगर्भः (पुं०) गुप्तप्रेमी। नर्तकः (पुं०) नृत्यवृत्ति वाला पुरुष, अभिनेता, नट, भाट, चर्मधर (वि०) उत्साहधारी। (सम्य० १४०) चारा। ० हस्ति, ० राजा, ० मयूर। ० कदलीवृक्ष, केला | नर्मद्युतिः (वि.) प्रसन्नमुख, हर्षभाव से युक्त। का वृक्षा (जयो० २१/३४) नर्तकः कदलीवृक्ष नटश्च | नर्मविधिः (स्त्री०) विनोद छटा। 'सुखेन खे नर्मविधेर्विधाति' तस्य प्रतिगुणः प्रभावो यत्र सः' (जयो० २१/३४) (समु० ३/८) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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