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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नगरं नडिनी नगरं (नपुं०) [नग इव प्रासादाः सन्त्यत्र] चतुर्गोपुरान्वितं नगरम्। शहर, पुर। (समु० २/३१) नगरकेंद्रः (नपुं०) नगर का भाग। नगरगत (वि०) नगर को प्राप्त हुआ। नगरघातः (पुं०) हस्ति, हाथी। नगरजनः (पुं०) पुरजन, शहरी व्यक्ति। नगरनिवासी (वि०) नगर में रहने वाले। (दयो०६४) नगरपथं (नपुं०) राजमार्ग। नगरपरिधि (स्त्री०) नगर की सीमा। नगरप्रांतः (पुं०) नगर का उपप्रान्त। नगरमार्गः (पुं०) नगरपथ, राजपथ। नगररक्षा (स्त्री०) पुर सुरक्षा। नगरस्थ (वि०) नगरीय नागरिक, नगर में रहने वाला, नगरवासी। नगरस्थापित (वि०) नगर में नियुक्त किया गया। नगरस्थापितमन्त्रि (पुं०) नगर में नियुक्त मन्त्री। (जयो० २१/७२) नगराजः (पुं०) मेरु पर्वत। नगरी (स्त्रो०) [नगर-ङीप्] पुरी, नगरी, शहर। विशालापि सुशाला सा नगरी सगरीत्यभूत्। वसुधा महिता तावद्युक्ता नवसुधान्वयैः।। (जयो० ३/७९) नगरीकाकः (पुं०) सारस। नगरीगत (वि०) पुरगत, नगर को प्राप्त हुआ। नगरीप्रघाणवः (पुं०) नगरी की देहली। 'नगरी सर्वदा निवासयोग्यत्वात् तस्या प्रद्याकावद् देहलीमिव' (जयो० २१/६०) नगरीभूखण्डं (नपुं०) नगर की भूमि। नगरीमध्यं (नपुं०) नगर के बीच। नगरीय (वि०) नगर संबंधी। नगरीयोद्यानं (नपुं०) नगर सम्बंधी आराम गृह, नगर के बगीचे। नगी (स्त्री०) स्थली, स्थल सम्बंधी। (जयो०१० ५/५५) नगोकस् (पुं०) १. विजयार्ध पर्वत निवासी, २. वृक्ष निवासी। नागरिक। (जयो० ६/८) नगेन्दः (पुं०) नगराज पर्वत, सुमेरु पर्वत। नग्न, (वि०) [नज्+क्त] अचेलक १. नंगा, निर्वस्त्र, २. निर्ग्रन्थ ___ साधु। (दयो० २४) 'यः सर्वसङ्ग संत्यक्तः स नग्नः' दिगम्बरमुनि। नग्नक (वि०) [नग्न कन्] निर्लज्ज, लज्जाहीन। नग्नकः (पुं०) दिगम्बर मुनि, निर्ग्रन्थ। नग्नका (स्त्री०) निर्लज्ज स्त्री, लज्जाविहीन नारी। नग्नता (वि०) निर्ग्रन्थपना। (सुद० ९९) नग्नत्व (वि०) अचेलकत्व प्राप्त। (सभ्य० ७०) नग्नभावः (पुं०) दिगम्बर भाव। (सुद० १२३) नचिकेतस् (पुं०) अग्नि, आग। नचिर (वि०) [न चिरम्] अचिर, थोड़े समय का। नच् (सक०) सघन करना। न चेत् (अव्य०) नहीं। मधुरेण समं तेन सङ्गमात्कौतुकं न चेत्। (सुद०८६) नञ् (अव्य०) निषेधात्मक अव्यय, 'न' का लाक्षाणिक शब्द, नञ् समास रूप शब्द। नट् (अक०) नाचना, अभिनय करना, हाव-भाव व्यक्त करना। नटः (पुं०) [नट्+अच्] १. नर्तक, नाचने वाला अभिनेता। २. अशोक वृक्षा ० कुशीलता। (जयो० २/१११) नटचर्या (स्त्री०) अभिनय, हाव-भाव व्यक्तिकरण। नटत (वि०) नृत्य करने वाला (जयो० २५/१५) नटदप्सरोभर (वि०) नृत्यकारिणी समूह। (जयो० २६/५५) नटन्तीमामप्सरसां या भरो। नटनं (नपुं०) [नट्+ ल्युट्] नाच, नृत्य, नाचना, अभिनय __ करना, अनुकरण करना। (जयो० ५/५०) नटभूषणः (पुं०) हरताल। नटमण्डनं (नपुं०) हरताल। नटरंगः (पुं०) रंगमंच, नृत्यस्थान। नटवत् (वि०) नट की तरह, नृत्यकारक। (जयो० २६) नटवरः (पुं०) प्रमुख नट, अभिनेता। नटशाला (स्त्री०) नृत्यशाला। नटसजकः (पुं०) अभिनेता, नायक। नटसजकं (नपुं०) हरताल। नटायु (अक०) व्यवहार करना। (वीरो० १८/३४) नटी (पुं०) [नट ङीष] १. अभिनेत्री, नर्तकी, नायिका। २. रण्डी, वेश्या। नटीसुता (स्त्री०) नर्तकी की पुत्री। नट्या (स्त्री०) [नट्+य+टाप्] अभिनेता समूह। नडः (पुं०) [नल्+अच्] मनुष्य का एक प्रकार। नडश (वि०) [नड+श] सरकण्डों से आच्छादित। नडिनी (स्त्री०) [नडइनि+ ङीष्] सरकण्डों का समूह, मूढा, शय्या। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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