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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अभिप्रेत ८४ अभियुक्त अभिप्रेत (भू०क०कृ०) [अभि+प्र+इ+क्त] ०लक्षित, उद्दिष्ट, अभिमन्त्रणं (नपुं०) संस्कार जन्य, पवित्रीकरण, मनोरम, ____ अर्थपूर्ण, ०अभिप्रायजन्य, अभिलषित, ०इष्ट, स्वीकृत। आमन्त्रित, परामर्शित। अभिप्रोक्षणं (नपुं०) [अभि+प्र+उ+ ल्युट्] छिड़काव, अभिमरः (पुं०) [अभि+मृ+अच्] ०घात, प्रतिघात, नाश, छिड़कना, सिञ्चित करना। ___०हानि, क्षय। अभिप्लुतः (भू०क०कृ०) [अभि+प्लु+क्त] पराभूत, अभिभूत, | अभिमर्दः (पुं०) [अभि+मृद्+घञ्] ०मर्दन, गलन, उच्छेद, व्याकुल। कुचलना। अभिप्लुवः (पुं०) [अभि+प्लु+अप्] पीड़ा, दु:ख, बाधा, अभिमर्दनं (नपुं०) मद्रन, नाश, उच्छेद। रुकावट। अभिमादः (पुं०) [अभि+मद+घञ] मादकता, मदहोशी, नशा। अभिबुद्धिः (स्त्री०) १. ज्ञानेन्द्रिय। २. ज्ञान की ओर। अभिमानः (पुं०) [अभि+मन्+घञ्] १. अहंकार, गर्व, घमण्ड, अभिबोधितुम् (अभि+बुध+इ+तुमुन्) समझने के लिए, जानने दर्प। (मुनि०) मा चित्तेऽभिमानं भजे-२. स्वाभिमान, के लिए, ०ज्ञान के लिए। पूर्णचन्द्रमभिबोधितुम्' (समु० सम्मान, योग्य भावना। मानकषायोदयापादितोऽभिमानः। ५/१) (जयो० ५/१८) (स०वा०४/३१) अभिबोधिनी (वि०) ०बोधप्रध, ०बोधदायिनी, यथोचित बोध । अभिमानवंत (वि०) स्वाभिमानी, सम्मानीय। (जयो० ७० कारक। (जयो० २/५४) भूरिशो ह्यभिनयानुरोधिनी ५/९) वागलङ्करणतोऽभिबोधिनी।। (जयो० २/५४) अभिमानिन् (वि०) [अभि+मन्+णिनि] १. घमण्डी, अहंकारी, अभिभवः (पुं०) [अभि+भू+अप्] ०पराभव, हार, तिरस्कार, दी, गर्वीला, अहमन्यता। (जयो० १५/१५) प्रत्युपक्रिया ०अपमान, निरादर। बलिरत्नत्रयमृदुलोदरिणिं नाभिभवार्थी मिवाभमानी। (जयो० १४/३४) अभिमानी-मानस्य सुगुणाश्रय। (सुद० १२२) पराकाष्ठामितः। (जयो० वृ० १५/१५) २. समादर सहित, अभिभवनं (नपुं०) [अभि+भू+ल्युट्] पराजित करना, जीतना। सम्मानीय, योग्यता युक्त, पूजनीय, विश्वसनीय, स्नेही। अभिभावकः (वि०) ०रक्षक, प्रतिपालक, ०भाई-बन्धु, (जयो० वृ० १५/१५) ०माता-पिता। (जयो० ३० अभिमानिनी (स्त्री०) नायिका विशेष। [अभि+मन्+णिनि डीप्] अभिभावनं (नपुं०) [अभि+भू+णिच्+ ल्युट] विजयी कराना। वैमुख्यमप्यस्त्वभिमानिनीनामस्तीह यावन्न निशा सुपीना। अभिभाविन् (वि०) पराजित कराने वाला। (वीरो० ९/३९) अभिभाषणं (नपुं०) [अभि+भाष्+ल्युट्] सम्बोधन करना, अभिमुख (वि०) ०अनुकूल, सम्मुख, ०सामने, ० अग्रगण्य, समझाना, बोध देना, दिशानिर्देश देना। ०सन्निकट, ०समीपस्था (जयो० वृ० ६/११) अभिभूत (वि०) आक्रान्त, पराभूत, दुःखित, वेदनाशील। अभिमुख्य (वि०) प्रमुख, मुखिया, प्रधान, द्विरदेष्विव (जयो० ११/११) 'नतभुवो भोगभुजा भिभूतः।' (जयो० ११/११) मेदिनीपतिष्वभिमुख्यः। (समु० २/१६) उक्तवती सुगुणवती अभिभूतिः (स्त्री०) [अभि+भू+क्तिन्] १. प्रभुत्व, प्रधानता, दर-वलिताङ्ग तदाभिमुख्येन। (जयो० ६/३४) आधिपत्य, अधिकार, २. पराभव, जीतना, पराजित करना। "वर्ण्यमानजनस्याभिमुख्येन संमुखत्वेन।" (जयो० ६/३४) अभिभ्रमणं (नपुं०) परिभ्रमण, घूमना, चलना। वभूव उक्त पंक्ति में 'अभिमुख्य' का अर्थ सम्मुखत्व है। नाभिभ्रमणान्धकूपा। (सुद० २/४) । अभियाचनं (नपुं०) [अभि+याच्+युच्] निवेदन, अनुरोध, अभिमत (भू०क०कृ०) [अभि+मन्+क्त] १. इष्ट, वाञ्छनीय, प्रार्थना। ०रुचिकर, योग्य, प्रिय, स्नेही। २. सम्मत, स्वीकार, अभियातिः (पुं०) शत्रु, प्रतिपक्षी। इच्छित, "षट्पद-मत-गुञ्जाभिमता।" (सुद० ८२) अभियानं (नपुं०) [अभि+या+ल्युट्] ०उपगमन, चढ़ाई, अघ-भूराष्ट्र- कण्टकोऽयं खलु विपदे स्थितिरस्याभिमता। आरोहन, ऊपरी गमन। ० युद्धप्रस्थान। (सुद० १०५) जिनवोऽभिमतः पराजय। (जयो० २६/४५) अभियुक्त (भू०क०कृ०) (वि०) [अभि+युज्+क्त] १. अभिमतिः (स्त्री०) स्वीकृति, सम्मति। (सुद० ९१) परिवारित, परिवेष्टित, आच्छादित, २. दक्ष, कुशल, निपुण, अभिमनस् (वि०) उत्कठित, लालायित, आतुर, प्रतीक्षक। For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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