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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुवादः अनुषक्त अनुवादः (पुं०) [अनु+वद्+घञ्] समर्थन, प्रातिनिध्य, व्याख्या, अनुवृत्त (वि०) [अनु+वृत्+क्त] आज्ञाकारी, अनुगामी, उदाहरण, दृष्टान्त, प्ररूपणा, निरूपणा। ढक्कानिनादस्तनितानुवादः प्रतिगामी। अनुकूल। (वीरो० १७/८) (जयो० ८/६७) उक्त पंक्ति में 'अनुवाद' का अर्थ अनुवृत्तबुद्धिः (वि०) अनुकूल आचरण। (वीरो० १७/८) 'प्रातिनिध्य' है, प्रतिध्वनि भी इसका अर्थ है। भवताद्भवतां अनुवृत्तिः (स्त्री०) [अनु+वृत्+क्तिन्] आज्ञाकारिता, अनुरूपता, प्रसन्नपाद-परिणेत्रीति वरं ममानुवादः। (जयो० १२/१६) अनुगामिता, अनुकूलाचरणकारिणी। (जयो० २२/२७) उक्त पंक्ति में अनुवाद' का अर्थ समर्थन है। दृढ़ संकल्प 'ते चानुवृत्ते अनुकूलाचरणकारिण्यौ' 'यथा राजा तथा भी इसका अर्थ है। प्रजा' इत्यादि सूक्ते, अनुवृत्ते: वर्तुलाकारे। (जयो० २२/२७) अनुवादक (वि०) [अनु+वद्+ण्वुक्] व्याख्याकार, वृत्तिकार, उक्त स्थान पर 'अनुवृत्ति' के दो अर्थ हैं। अनुकूलचारिणी अनुवाद करने वाला। और वर्तुलाकार। अनुवादिन् (वि०) [अनु+ वद्णिनि] अनुवादक, व्याख्याकार अनुविस्मय (वि०) अति विस्मय। (सुद० १२३) विवेचनकर्ता। अनुबंध (अक०) घुनना, खराब होना। (जयो० वृ० २/७७) अनुबाद्य (वि०) [अनु वद्+णिच् यत्] आख्येय, कथित, अनुशतं (नपुं०) सौ के साथ, सतसंख्या युक्त। प्रतिपाद्य। अनुशतिक (वि०) सौ रुपये सहित। अनुवासः (पुं०) सुगन्ध युक्त, सुरभि सम्पन्न, सुगन्धित बनाना। अनुशयः (पुं०) [अनु+श्री+अच्] रंज, खेद, पश्चात्ताप, __(जयो० १३/१९) संताप। अनुवासना (स्त्री०) सुगन्धदशा, सुगन्ध रूप वासना। (जयो० अनुशयान (वि०) [अनु+शी+शानच्] खेद प्रकट करता हुआ, १३/१९) दुःख व्यक्त करता हुआ। अनुवासित (वि०) सुवासित, सुगन्धित किया हुआ, धूपित। अनुशयिन् (वि०) [अनुशय+णिनि] अनुरक्त, श्रद्धालु, अनुवित्तिः (वि०) [अनु+विंद्+क्तिन्] निष्कर्ष, प्राप्ति। ... आस्थावान, पश्चात्ताप करने वाला। अनुविध् (सक०) जानना, समझना। तत्किमङ्गमिह नानुविधत्ते। अनुशयक मूल्यम् (नपुं०) एक रूपता का मूल्य (वीरो० (जयो० ४/३४) नानुविधत्ते नानुजानाति। (जयो० वृ० १७/२०) ४/३४) अनुशरः (पु०) [अनु+श+अच्] राक्षस, असुर। अनुबिद्ध (वि०) [अनु+व्यध्+क्त] ०आहत किया, घायल अनुशासक (वि०) [अनु+शास्+ण्वुण] शासक, निर्देशक, किया, ०भेदा गया, ०छेदित, मिश्रित, ०व्याप्त, विद्ध, शिक्षण, प्रशिक्षक, प्रशासक, नियन्त्रका पूर्ण, फैला हुआ, प्रसरिता कामशरैरनुविद्धान, सुगह्वराम्। | अनुशासनं (नपुं०) [अनु + शास्+ ल्युट्] प्रशासन, (जयो०६/४४) आत्मनियन्त्रण प्रोत्साहन, आदेश, नियामक, नीतिज्ञ, अनुविधानं (नपुं०) [अनु+वि+धा+ल्युट] आज्ञाकारिता, पितुः प्रसाद, विधिकर्ता। (हित०स००५) (जयो० वृ० आज्ञाशीलता। १/६७) नैवानुमन्यते धाष्ात्समाजस्यानुशासनम्। अनुविधापिन् (वि०) आज्ञाकारी, अनुगामी। अनुशिक्षिन् (वि०) [अनु+शिक्ष+णिनि] क्रियाशील, सीखने अनुविनाशः (वि०) [अनु+विनिश्+घञ्] पश्चात् नष्ट होना। | वाला। अनुविंद् (सक०) [अनु+विन्द्] ०लेना, ०देखना, ०धारण अनुशिष्टिः (स्त्री०) शिक्षण, अध्यापन। सूत्रानुसारेण शिक्षादानम्, करना वृत्तभावमनुविन्दति नित्यम्। (जयो० ५/४६) सदैव आज्ञा, आदेश। अनुशासनं शिक्षणं निर्यापकाचार्यस्य। वृत्तभाव को धारण करता है। अनुविन्दति सुन्दरे नवीनां (भ० आ०७०) दर- रूपोच्चकुचामितः प्रवीणा। (जयो० १२/११४) कामपि अनुशोकः (पुं०) [अनु+शुच्+घञ्] पश्चात्ताप, खेद, संताप। वधटीमनुविन्दति, पश्यति सति। (जयो० ४२/११४) उक्त अनुश्रेणि: (स्त्री०) अनुक्रम से अवस्थित। अनुशब्दस्य आनुपूर्वीण पंक्ति में 'अनुविंद्' का अर्थ ०देखना, ०अवलोकन करना वृत्तिः श्रेणेरानुपूयेणानुश्रेणीति। (स०सि०२/२६) भी है। तत्परस्य विधिनाभ्यनुविंदन्। (समु०५/१२) उक्त अनुश्रोत (पुं०) अतिशय बुद्धिधारक। पंक्ति में 'अनुविंद्' का अर्थ प्रतिकार करना भी है। अनुषक्त (वि०) [अनुषंज्+क्त] संबद्ध, संलग्न, संसक्त। For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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