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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कृततीर्थसेवः ३०९ कृतिः कृततीर्थसेवः (पुं०) धर्मतीर्थ की सेवा। दिनादि अत्येति तटस्थ एव स्वक्तितोऽसौ कृततीर्थ सेवः' (सुद० १११) कृतदासः (4) सेवक, भृत्य बनाना! कृतधी (वि० । दुरदर्शी, शिक्षित, बुद्धिमान। कृतनिश्चय (वि०) निश्चय किया गया, दृढ़ प्रतिज्ञ, संकल्पशील, बनाया गया, अच्छी तरह निश्चय किया गया। कृतप्रचार (वि०) उत्पन्न करने वाला। 'अनेक धान्यार्थकृतप्रचारा।' (सुद० १४८) कृतप्रभाव (वि०) प्रभाव युक्त। (जयो० १३/३५) कृतप्रयत्नः (पुं०) प्रयत्न जन्य। (वीरो० १४/३२) कृतप्रयाण (वि०) प्रयाण करने वाला। (वीरो० २१/९) 'सोम शरत्सम्मुखमीक्षमाणा रुपेव वर्षा तु कृतप्रयाणा' (वीरो २१/९) कृतप्रतिकृतं (नपुं०) आक्रमण करना, बदला लेना। कृतप्रतिज्ञ (वि०) प्रतिज्ञा युक्त, निदान वाला, संकल्प युक्त! कृतबुद्धि (वि०) ज्ञानी, पंडित, विद्वान्। कृतम् (अव्य०) पर्याप्त, इतना ही, मात्र, केवल! कृतमङ्गला (स्त्री०) मांगलिक कार्य करने वाला। 'अथ प्रभाते कृतमङ्गला सा' (सुद० २/१२) कृतमुख (वि०) विज्ञान, प्रज्ञ. बुद्धिमान! कृतयुग (विव) सुखोत्पादक युग। जेण य जुगं णिविटुं पुहईए सयलसत्त सुह-जणणं। तेण उ जगम्मि घुटं तं कानं कयजुगं णाम।। (पउम०वृ०३/११८) कृतयुग्म (वि० ) एक राशि विशेष, चार का भाग देने पर जिस संख्या में चार अवस्थित रहे अर्थात् चार से जो अपहृत हो जाती है व शेप कुछ नहीं रहता है उसे कृतयुग्म राशि कहते हैं। चहि अवहिरिज्जमाणे जम्हि रासिम्हि चत्तारि ट्ठांति तं कदजुम्म। (धव० ३/२४९) कृतवर्मन् (पु०) कृतवर्मन् राजा। कृतवान् (वि०) किया गया, सम्पन्न पूर्ण हुआ। (वीरो० २२/३४) इत्यनन्यमनस्कारैः प्रस्थानं कृतवाञ्जवात्। (जयो० कृतशर्मपूर्तिः (स्त्री०) सुख सम्पदा की पूर्ति। (समु० ५/११) कृतशोभ (वि०) विभूषण सहित, शोभाशील। कृतशौच (वि०) शुचिता युक्त, पवित्रता सहित, सुन्दर. उत्तम, श्रेष्ठ। कृतश्रम (वि०) श्रम साध्य, परिश्रम करने वाला, अध्येता, अध्ययनशील। कृतसंकल्प (वि०) दृढ़ संकल्प. निश्चय युक्त। कृतसंकेत (वि०) नियत संकेत, निश्चित संकेत युक्त। कृतसंज्ञ (वि०) चेतन प्राप्त! कृतसंनाह (वि०) कवचधारी। कृतसापलिका (वि०) द्वितीय व्याहस्युक्त, दूसरी पत्नी वाला। कृतसूचिः (स्त्री०) संकेतपद्धति। 'कृता सूची संकेतपद्धतिः' (जयो० ६/९१) कृतहस्त (वि०) दक्ष, चतुर, योग्य, कुशल, पटु। कृतहस्तक (वि०) प्रवीण, प्रज्ञ, श्रेष्ठ। कृतहस्तता (वि०) दक्षता प्राप्त। कृताकृत (वि०) पूरा नहीं किया गया। कृताङ्क (वि०) चिह्नित, लाञ्छित। कृताञ्जलिः (वि०) विनम्रभाव वाला। कृतोऽञ्जलौ हस्तसंयोग अत्यादरः (जयो० ६/७५) हस्तपुट युक्त, हाथ जोड़ने वाला। कृतान्त (वि०) विध्वंसकारी। १. पापकर्म, अशुभकर्म, प्रारब्ध, २. उपसंहार। कृतान्त (वि०) पक्वाहार, पचा हुआ भोजन। कृतापराध (वि०) अपराध करने वाला, अपराधी, दोषी। (सुद० २/२६) कृताभय (वि०) सुरक्षित, भय रहित। कृताभिषेक (वि० ) अभिषिक्त, राज्य अभिषेक युक्त। कृताभ्यास (वि०) अभ्यास जन्य, अध्ययनशील। कृतार्थ (वि०) प्रयोजन युक्त, उद्देश्य सिद्ध। 'कृतार्थतां सकलजीवनतां गता' (जयो० वृ० २३/८०) सफल, धन्य धन्य, प्रस्पष्टलक्षण, कृतकृत्य। 'नीताश्च कृतार्थतां भवन्द्रिः' (जयो० १२/१३९) 'पदेन हावादिगणः कृतार्थः' (जयोल १६/४२) 'कृतार्थ प्रस्पष्टलक्षणो बभूव' (जयो० वृ० १६/४२) कृतार्थन् (वि०) की गई प्रार्थना वाला। (वीरो० १३/३९) कृतार्थिन् (वि०) कृतार्थी, कृतज्ञता वाला। (वीरो० १८/१) कृतावान (वि०) बना लिया (सुद० १३४) (जयो० २४/९४) कृतिः (स्त्री०) [कृ+क्तिन्] उत्पादन, निर्माण, रचना, अनुष्ठान, कृतविद्य (विव) विद्वान, प्रज्ञ, यज्ञ, शिक्षक। कृतवेतन (वि०) वेतन वाला, वैतनिक। कृतवेदिन् (वि०) कृतज्ञ, आभारी। कृतवेश (वि०) वेश युक्त, भूषण सहित, विभूषित। कृतशंस (वि०) प्रशंसा कृत, प्रशंसा की जाने वाला। 'अर्हतामुत सतां कृतशंसः' समनि न्यवसदगिवतंस'। For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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