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कामविनयः
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कामोदय-कारणं
कामविनयः (पुं०) इन्द्रिय जन्य प्रवृत्ति।
कामात्मन् (वि०) कामुक, विषयी। काम-विहत (वि०) इच्छाओं को विनष्ट करने वाला। कामायुध (नपुं०) कामदेव शस्त्र। काम-वृत्त (वि०) कामासक्त, वासनागम विषयों के घेरों में | कामायुः (पुं०) गिद्ध, गरुड़। पड़ा हुआ।
कामासक्त (वि०) विषयासक्त, इच्छाओं में लीन। कामवृत्ति (वि०) कामासक्त, स्वेच्छाचारी।
कामिकान्त (वि०) रतिकान्तवाली। 'कामिभ्यः कान्ताकामवृद्धिः (स्त्री०) वासनाभिवृद्धि, तीव्र काम-वेदना।
कामिकान्ता' (जयो० ६/९१) कामवृन्तं (नपुं०)शृंगवल्ली पुष्प।
कामिकान्ता (स्त्री०) काम की इच्छुक स्त्री। 'कामिभ्यः कामशरः (पुं०) काम बाण, प्रेम-बाण। 'कामशरैः कान्ता कामिकान्ता' (जयो० ७० ६/५१) यथेच्छमुन्मुक्तैः शरैः' (जयो० वृ० ६/४४)
कामिजन-मनोहरः (पुं०) कामीजनों के लिए अत्यन्त प्रिय कामशर-प्रतानं (नपुं०) काम बाण समूह (जयो० १८०) सुन्दरी। (जयो० वृ६/५१) कामशास्त्र (नपुं०) रतिशास्त्र, कामतन्त्र। (जयोवृ०५/४३) कामिजनाश्रय (वि०) (जयो० ३/७२) काम-संयोगः (पुं०) इच्छित वस्तुओं की उपलब्धिः , यथेष्ट कामित-दायिनी (वि०) काम देने वाली, विषयाभिलाषा उत्पन्न का संयोग/मिलन।
करने वाली। (जयो० १२/२५) कामसखः (पुं०) वसन्तराज, वसन्त।
कायित (वि०) वाञ्छित। (वीरो० १/२) पंञ्चमी विभक्ति युक्त कामसत्कृतिः (स्त्री०) कामसेना। (वीरो० ९/६)
(जयो० १९//३) कामसुधारसः (पुं) इच्छित अमृत रस, कामवासना रूप कामिता (स्त्री०) कामासक्त, वाञ्छायुक्त। (जयो० १९/३२) पीयूष रस। (सुद० १००)
कामित्व (वि०) काम-वासना युक्त। (सुद० १२३) कामभाव कामस् (वि०) काम की अभिलाषा करने वाला।
से जागृत 'कामित्वमापादयितुं रसादित' (सुद० १२३) कामसूत्रं (नपु०) रतिशास्त्र, कामतन्त्र।
कामिन् (वि०) [कम+णिनि ] प्रेमी, प्रेमासक्त, रति युक्त, कामहेतुकः (वि०) इच्छाभाव को उत्पन्न।
कामुक। विलासी, यथेष्टार्थ अभिलाषी, अभिप्राय जन्य। कामांकुशः (पुं०) १. नख। २. लिंग, जननेन्द्रिय।
'कामिनोऽभिप्रायपुष्टिकरीति' (जयो० वृ० ३/३६) कामान्ध कामातुरः (पुं०) विषयातुर, इन्द्रिय इच्छाओं की ओर अग्रसर। (जयो० वृ० २/१५६) (जयो० १/३, ३/१०५, सुद० ११/५२)
कामिनी (स्त्री०) प्रिया, प्रेमिका, स्नेही, प्रीतिकरा, प्रियंकरा, कामातिशयः (पुं०) काम की प्रमुखता। (समु० ४/३०) सुन्दरी। कविकृतेरनुकी कामिनी अलङ्कारमाश्रितवती। 'कामातिशयात्स एव ताम्'
(जयो० ३/११) 'चौर्यालीक-कथाकृतोऽपि न भवेत् सा कामाधिकारः (पुं०) काम का अधिकार, प्रेम प्रभाव, कामिनी कामिन:।' (मुनि० २) कामासक्ति भाव।
कामी (वि०) कामाभिलाषिणी। (सुद० १०२) कामाधिष्ठित (वि०) कामासक्त युक्त, प्रेम के वशीभूत। कामुक (वि०) अभिसारी (जयो० वृ० १४/१९) इच्छुक, कामानुरूपः (पुं०) काम के अनुरूप। (सुद० ११९)
वाञ्छा युक्त, कामासक्त, प्रेमवशीभूत, कामातुर। कामारण्यं (नपुं०) प्रेम-वन, आसक्ति का उपवन।
कामुकः (पुं०) प्रेमी, नायक, कामी पुरुष। (जयो० ४/५६) कामारिः (पुं०) शिव, हर, शंकर। (जयो० १६/१०) | कामुकी (स्त्री०) प्रेमासक्त, प्रेमी स्त्री, इच्छावती, वाञ्छाशीला।
'कामस्यारिहरस्तस्य नामापि ललाम' (जयो० वृ० १६/१०) (हित०सं०१६) कामारित (वि०) काम नाशक। 'कामारिता कामितसिद्धये नः' कामेप्सु (वि०) अभीष्ट वस्तु का इच्छुक। (वीरो० १/२)
कामेश्वरः (पुं०) कुबेर। कामार्थिन् (वि०) कामेच्छुक, विषयी।
कामोत्पत्तिकर (वि०) काम की उत्पत्ति करने वाला। (जयो० १६) कामावतारः (पुं०) प्रद्युम्न कुमार।
कामोदयः (पुं०) काम का उदय। (सुद० ९९) कामभाव को कामावसाय: (पुं०) कामशमन, आसक्ति हनन।
जागृत करना। इत्यादि कामोदयकृन्नयगादि कृत्वा। (सुद० ९९) कामाशनं (नपुं०) इच्छानुसार भोजन।
कामोदय-कारणं (नपुं०) कामभाव को जागृत करना। 'अभीष्ट
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