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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कामकर्मन् २७८ कामन्धमिन् कामकर्मन् (नपुं०) विवाहाकार्य, (जयो० ३/७३) कामकला (स्त्री०) रति, कामदेष की पत्नी। कामकलाश्रमः (पुं०) रतिकेलिखेद. संभोग से उत्पन्न थकान। (जयो० १७/१९२) कामकेतु (स्त्री०) कामदेव की ध्वजा, 'कामकेतो रतिपतिध्वजा' (जयो० वृ० १२/४४, कामकृत् (वि०) इच्छानुसार कार्य करने वाला, समय पर कार्य करने वाला। कामक्रीड़ा (स्त्री०) रति क्रीड़ा, संभोग। कामग (वि०) कामस्थान। कामगति (वि०) काम स्थान पर जाने दो। कामगविः (स्त्री०) कामधेनु, इच्छापूर्ति करने वाली गाय। (जयो० ३/२३) कामगुण: (पुं०) स्नेह, प्रीति, प्रेमभाव, आमोद-प्रमोद, प्रणयभाव। कामचर (वि०) इच्छानुसार गमन/विचरण करने वाला। कामचार (वि०) काम-वासना का आचरण करने वाला। कामचारिन् (वि०) आसक्ति पूर्ण आचरण करने वाला, विषयी. काम लालसा युक्त। कामचारिन् (पुं०) गरुड़ पक्षी। कामज (वि०) इच्छा युक्त। कामजय (पुं०) काम पर विजय, सर्वेष्वपिजयेष्वपिगतः', विषयाभिलाषा पर नियन्त्रण, कामजयो गतः (वीरो०८/४१) कामजयी (वि०) इन्द्रिय विषय को जीतने वाला। कामजित् (वि.) इन्द्रिय जयी, प्रेमजयी। (जयो० वृ० १९/३८) कामतः (अव्य०) [काम+तसिल्] स्वेच्छा से, इच्छापूर्वक, अपनी इच्छा से, भावनावश। कामतन्त्र (नपुं०) १. कामोद्दीषक, २. कामपुरुषार्थ शिक्षक शास्त्र, कामशास्त्र। कामतन्त्रमुपयामि जघन्यं शून्यवादमुदरं खलु धन्यम्। (जयो० ५/४३) 'कामतन्त्रमति यत्नतः' पठेद्युपस्थिति रूपादिमन्मठे' (जयो० २/५७) काम-तीव्रता (वि०) इच्छा की तीव्रता, आसक्ति की अधिकता। कामदा (स्त्री०) १. कामधेनु. २. वाञ्छितदायिनी, इच्छित फलप्रदात्री। (जयो० ११/९४)। काम-दारता (स्त्री०) रति रूपता कामदेव की पत्नी स्वरूप वाली। 'कामस्य मदनस्य दारतां रतिरूप तामततु' (जयो० वृ० ११/९४) कामदर्शन (वि०) संदर दिखने वाला, रूपवान दृष्टि वाला। कामदुध (वि०) अभीष्ट पदार्थ प्रदाता। कामदुधा (स्त्री०) कामधेनु। कामदुह् (स्त्री०) कामधेनु। कामदूती (स्त्री०) मादा कोयल। कामदेवः (पुं०) सुमेषी-सुमेषी: कामदेवस्य (जयो० ११/३२) विस्मापनदेवता-(जयो० ११/६२) पुष्पशर-(जयो० ११/१२) मकरध्वज-(जयो० ५/६०) चित्तभू-(जयो० ३/४) वाम-(जयो० ९१/९) सुमायुध-(जयो० २६/४५) सुद र्शनाख्यान्तिमकामदेव कथा पथायातरथा मुदे वः। (सुद० १/४) कामधनं (नपुं०) काम पुरुषार्थ और अर्थ पुरुषार्थ। 'कामश्च धनं च' (जयो० वृ० २/१३) कामधुरता (वि०) १. काम की प्रधानता। २. कौन सी उत्कृष्ट मधुरता, का मधुरता माधुर्यम्। (जयो० वृ० २२/४५) कामधुरतां स्मस्य प्रधानभाव तामारादेवावाप। (जयो० वृ० २२/४५) वसन्तयुक्ता--'का नाम मधुरता वसन्तयुक्तता। मधुरतोदारा सती कामधुरता न कामधुरता बभावुदारात्र कामधुरतामवाप साऽरात्। (जयो० २२/४५) कामधेनुः (स्त्री०) इच्छादायिनी गाय, (जयो० ५/४) (वीरो० १/१७) इच्छाप्रदात्री गाय, कामदा, कामदुध, कामदुधा। कामस्य सुरम्या वाञ्छितका । (जयो० ११/८६) कामध्वंसिन् (वि०) काम को जीतने वाले जितेन्द्रिय। कामन (वि०) [कम्+णि+युच्] विषयाभिलाषी, कामासक्त। कामना (स्त्री०) मनोभावना, इच्छा, वाञ्छा, चाह। 'उचितामिति कामनां प्रपन्नौ' (जयो० १२/१०३) कामना रसः (पुं०) आम रस की इच्छा। सर्वमेतच्च भव्यात्मन् विद्धिधर्मतरोः फलम्। कामनारस यस्य स्यादर्थ- स्तत्समु च्चयः।। (सुद०४/३९) काम-निकारः (पुं०) रतिपति का पराभव, कामदेव को लज्जायुक्त करने वाला। 'देहदीप्तिकृतकाम-निकारा:' (जयो०५/१) 'कामस्य रतिपतेर्निकार : पराभवो' (जयो० वृ० ५/१) कामनीयं (वि०) [कमनीयस्य भावः] रमणीयता, रम्यता, रूप सौम्यता, सौन्दर्य, लावण्यता। कामन्धमिन् (पुं०) [कामं यथेष्ठं धमति काम+ध्मा-णिनि] कसेरा, ठठेरा। For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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