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देवांगना स्वरूप
९. पद्मिनी १०. गूढ़शब्दा-पद्मनेत्रा ११. चित्रिणी १२. चित्रवल्लभा (चित्ररूपा-पुत्रवल्लभा) १३. गौरी १४. गांधारी १५. देवशाखा (देवज्ञा) १६. मरीचिका १७. चंद्रावली १८. पत्रलेखा (चंद्ररेखा) १९. सुगंधा २०. शत्रुमर्दिनी
२१. मानवी (माननी, मानिकी) २२. मानहंसा २३. सुस्वभावा (सुस्वभावी) २४. भावचंद्रा (भावमुद्रिका) २५. मृगाक्षी २६. उर्वशी २७. रंभा (उत्तान) २८. भुजघोषा (मंजुघोषा) २९. जया ३०. विजया (मोहिनी) ३१. चंद्रवका (उत्ताना) ३२. कामरूपा (तिलोत्तमा)
देवांगनाओं के स्वरूप लक्षण १. मेनकाः
मेनका षड्गखेटं च नृत्यति च पदस्तले हाथ में खड्ग-ढाल धारण करके, बायां पैर ऊपर किये, नृत्य करती हुई मेनका।
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MARATH
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मेनका
लीलावती
. विधिचिता
सुंदरी
२. लीलावती :
पालस्य च लीलावती पालस्ययुक्त होती है लीलावती।
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