________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
देवानुचर, असुरादि कोन विशंती स्वरूप
शिल्प कर्म में अलंकृत पंचजीव इस प्रकार हैं:
१. कीर्तिमुख, २. नाग, ३. ग्रास, ४. मकर, रूप माने जाते हैं।
कीर्तीमुख KIRTI MUKHA
मकर MAKAR
NAG नाग
VIRALIKA-VYAL विरालिका
www.kobatirth.org
ग्रास GRAS
५.
201
शिल्पालंकार पंचजीव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal Use Only
६३
विराली. यह पांच जीव प्राणी शिल्पकृति के अलंकार