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DAND.
SHAKHA
शंख
CHAKRA
चक्र
CHAKRA
PHARSHI
फरशी
सुशळ
१५-१) =५३ प्रायुध होते हैं।
निरीक्षण करने के बाद (३६+
GADA
VAJRA
SHAKTI MUSAL BHUSHANDI गदा
वच शक्ति
मुशंडी राजस् (वाजिब) के आयुध पांच है : १. डमरु २. बंशी ३. भेरी ४. ढोलक ५. वीणा
उपरांत बालक मिलकर कुल (३६+४+७+५+१)=५३ आयुध होते हैं।
दो प्रायुधों के स्वरूप के बारे में थोड़ा मतभेद है। विविध प्रतिमाओं का बारीक तलस्पर्शी निरीक्षण करने के बाद (३६+१७ +२-५५) यह सूची बनाई गयी है।
उत्तर भारत की अपेक्षा द्रविड प्रदेश की मूर्तियों की आयुध धारण करने की शैली अनोखी है। द्रविड प्रदेश की मूर्तियों में ऊपर के हाथ की दो उंगलियों में प्रायुध धारण किये होते हैं। जब कि उत्तर भारत की मूर्तियां विशेषतः मुट्ठी में प्रायुध धारण करती हैं।
आयुधों को चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है । १. तीव्र संहार शस्त्र २. वाद्य तंतु ३. जीव-प्राणी ४. सात्विक, राजस, साधन उपकरण और इस प्रकार के तीन विभाग भी किये जा सकते है : १. सात्विक
३. तामस
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