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गरीरमुद्रा
ए
कल
anth) SAMAPAD समपाद
ल ABHANG आभंग
TRIBHANG विभंग
ATIBHANG
अतिभंग
'समरांगण सूत्रधार' में शरीर मुद्रा के ये नौ प्रकार वर्णित हैं : १. वैष्णवम् ४. आलिढ्य
७. आभंग २. वैशारवम् ५. प्रत्यालिढ्य
८. विभंग ३. मण्डलम् ६. समपाद
९. प्रतिभंग नत्य में हस्त, पाद मुख और शरीरावयव मुद्राओं भावादि व्यक्त करने का परम साधन है। भाषा में भाव प्रकाश होता है किंतु ये चागें अवयवों से मुद्रामो मुक भाव व्यक्त करने का सर्वोत्तम साधन है।
NOP
LALATMUDRA
ललाटमुद्रा
ALIDYA आलिदघ
PRATYALIDYA प्रत्यालिंढय
UTKATIK उत्कटिक
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