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महेश-शिव-
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नपुंसक शिला मंदिरों के निर्माण कार्य में ली जाती है। राजलिंग और देवप्रतिमा पुंल्लिग शिला से और देवियों की मूर्तियां जलाधारी स्त्रीलिंग शिला से बनायी जाती हैं।
शिव की व्यक्त प्रतिमाओं में मुख्य बारह स्वरूप उत्तर भारत में पूजे जाते हैं । दक्षिण भारत में उनके अठारह स्वरूप पूजे जाते हैं। लेकिन उनमें शिवजी के बहुत से प्रासंगिक रूप भी है। १. सद्योजात
९. अघोरास्त्र २. वामदेव ६. मृत्युंजय
१०. श्रीकंठ ३. अघोर ७. विजय
११. सदाशिव ४. तत्पुरुष ८. किरणाक्ष .
१२. द्वादश कला संपूर्ण मूर्ति सदाशिव १. सद्योजात : श्वेतवर्ण । तीन श्वेत नेत्र, श्वेत लेपन, सर पर जटाभार में बालेन्दु, तीन नेत्र, सौम्य मुख कुंडल से अलंकृत । दो हाथो में वरद और अभय मुद्रा धारण की हुई होती है।
२. वामदेव : रक्त वस्त्र, तीन रक्त नेत्र, जटा पर चंद्र, सीधी सरल नासिका, रक्तादि सर्व आभूषण, हाथ में खड्ग और ढालतलवार होते हैं।
३. अघोर : भयंकर दांतोवाला मुंह, शिर पर सर्प, तीन नेत्र, नर मुंडमाला युक्त गला, कानों में सर्प के केदूर कुन्डल हार, उपवीत, कटिसून आदि में सर्प-बिच्छू की माला रहती है। नील कमल-जैसा वर्ण, पीली जटा में चंद्र धारण किया होता है। तक्षक और मुष्टिक नामक सर्प के नूपुर पैरों में धारण किये होते हैं। काल जैसे महाबलवान 'अघोर' को पाठ भुजायें रहती हैं। दायें हाथों में खटवांग, कपाल, ढाल और पात्र रहते हैं। बायें हाथों में त्रिशूल, परशु, खड्ग और दंड धारण किये होते हैं।
४. तत्पुरुष : पीले वस्त्र, यज्ञोपवीत, बायें हाथ में अक्षमाला और दायें में बीजोर होते हैं। ५. ईशः स्फटिक-जैसा श्वेत वर्ण, जटा में चंद्र, तीन नेत्र, त्रिशूल और कपाल (खप्पर) धारण किया होता है।
६. मृत्युंजय : खोपड़ी की माला धारण की होती है। अति श्वेत वर्ण, मुकुट में चंद्र धारण किया होता है। व्याघ्र चर्म युक्त, सर्प के आभूषणों से अलंकृत, दायें हाथ में त्रिशूल और माला और बायें में कपालकुंडी तथा योगमुद्रा होती है। ये मृत्यु को जीतने वाले हैं।
७. विजय : एक मुख, तीन नेत्र, मुकुट में चंद्र, दायें हाथों में त्रिशूल और कमल तथा बायें हाथों में वरद और अभय मुद्रा होती है। दिव्यरूपवाला यह स्वरूप बड़ा प्रभावशाली है।
८. किरणाक्ष : चार महाबाहुप्रों में पुस्तक, अभय, वरद और माला होती है। तीन नेत्रवाले इस स्वरूप के हाथ, पैर मौर आँखें श्वेतवर्ण की होती हैं।
९. अघोरास्त्र : खड्ग और त्रिशूल युक्त, ज्वाला-जैसे महाक्रोधी, माया के रचयिता।
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