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भारतीय शिल्पसंहिता
गदा
पद्म
.२३
२४
उपेन्द्र शंख
चक्र हरि शंख चक्र
पद्म
गदा कृष्ण शंख गदा
पद्म
चक्र कई ग्रंथों में विष्णु के नाम के क्रम-इधर-उधर हुए हैं, और कई जगह आयुधों में भी भिन्नता मिलती है। लेकिन यहां प्रायुधों को यथा-योग्य क्रम में रखने का प्रयत्न किया गया है।
विष्णु की मूर्ति स्थानक, प्रासन और शयन तीनों रूपों में मिलती हैं। आसनस्थ विष्णु की गोद में बैठी उनकी पत्नी लक्ष्मी के साथ, उनकी बहुत-सी मूर्तियां मिलती हैं । लक्ष्मी के अलावा ऋक्मिणी, सत्यभामा और श्री पृथ्वी भी होती है । जलशायी विष्णु की शयनमूर्ति में विष्णु के साथ लक्ष्मी होती है।
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ANDAR - AAS ग्रंथों में वर्णित प्रायुधों को धारण कराने में 'दक्षिणार्धः करक्रमात' अर्थात दाया हाथ नीचे के हाथ से ऊपर की ओर जाकर, बाया हाथ ऊपर के हाथ से नीचे के हाथ का क्रम रखा गया है। यह क्रम 'देवतामूर्ति', प्रकरण 'रूपमंडन','निर्णय सिंधु' और 'अभिलाषचिंतामणि' में वर्णित है।
उपरोक्त ग्रंथ में यह क्रम है: २
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गदा |
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