________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विष्णु
वराह, वामन, त्रिविक्रम, यज्ञ और हयग्रीव जैसे अवतार धारण किये । वैदिक वाङमय में यह सब मिलता है। पोराणिक कथाओं में थोड़ी बहुत कथा क्षेपक के रूप में आयी है, उससे सभी नये अवतारों का स्वामित्व भी विष्णु को प्राप्त होता है। बौद्ध और कल्की इस में एकदम नये अवतार हैं । परशुराम, कृष्ण आदि बहुत पहले के अवतार हैं।
द्वादशादित्य में विष्णु का एक नाम आदित्य मे दिया गया है। सूर्य भी विष्णु के ही अंश हैं।
इस पृथ्वी के उद्धारक वराह, प्रजापति का ही एक रूप हैं, ऐसा तैतिरिय संहिता में कहा गया है। समुद्र में से पृथ्वी को बाहर निकलने वाले वराह की भी गिनती दशावतार में की गई है। रामायण, महाभारत और पुराणों में ऐसी कथा मिलती है। दूसरे दो अवतारों का वर्णन ब्राह्मण ग्रंथों में मिलता है। 'शतपथ ब्राह्मण' में जलप्रपात से बचाने के लिये वायु, मत्स्य और प्रजापति का एक ही रूप है, ऐसा महाभारत में कहा गया है। मत्स्यपुराण में वह विष्णु का अवतार ही बन गया।
शतपथ ब्राह्मण में प्रजोत्पति को इच्छावाले प्रजापति, आदित्य, जलतत्व के कच्छरूप, नष्ट होते हुए साधनों का फिर से प्राप्त कराते हैं।
विष्णु की चौबीस-केशवादि मूर्तियाँ चार हाथों वाली होती हैं। उनके हाथों में विद्यमान शंख, चक्र, गदा और पद्म, इन चारों आयुधों के लोभ-विलोभ के क्रम से चौबीस विष्णु के स्वरूपों के नाम कहे गये हैं।
आरण्यक में विष्णु के यज्ञ अवतार की कल्पना को मूल बताया है। अश्विनी कुमारों ने यज्ञ का मस्तक यथास्थान फिर से ठीक बैठा दिया और यज्ञ करनेवाले देवों ने स्वर्ग वापस पा लिया। यज्ञ को घोड़े का सिर यथास्थान दिया, ऐसी कथा विष्णु पुराणों में मिलती है। इसलिये 'हयग्रीब' अवतार का मूल इसी कथानक में है।
विष्णु-रुद्र की पूजा लिंग के रूप में होती है, उसी तरह विष्णु की शालिग्राम के रूप में पूजा होती है। शालिग्राम कौन से तीर्थ में से प्राप्त करने चाहिए, उनका आकार, उनके ऊपर के चक्र, उनका वर्ण (रंग) और उनकी आकृति आदि के गुणदोष शिल्पग्रंथों में और पुराणों में विस्तार के साथ वणित हैं।
विष्णु के चौबिस अवतारों में से कौन-से अवतार की मूर्ति का स्वरूप शालिग्राम का है, इसका निर्णय अमुक वर्ण या चक्र आदि के चिन्हों से होता है।
विष्णु नाम को ध्यान में लेते हुए जो भिन्न-भिन्न प्रायुध हाथ में दिये गये है, ये उस प्रकार है:
अन्य ग्रंथका क्रम
विष्णुनाम
दायें नीचे
दायें ऊपर
बायें ऊपर
बायें नीचे।
शंख
चक्र
गदा
पद्म
केशव नारायण माधव गोविंद
पद्य शंख गदा चक्र गदा चक्र पद्य
विष्णु
गदा
शंख
शंख
शंख
शंख
मधुसूदन विविक्रम वामन श्रीधर ऋषिकेश पद्मनाभ दामोदर संकर्षण वासुदेव प्रद्युम्न अनिरुद्ध पुरुषोत्तम अधोक्षण नरसिंह अच्युत जनार्दन
For Private And Personal Use Only