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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मोरीशस टापू । __ पहले भारतवासियोंको एक बड़ा कष्ट यह भी था कि जेलमें पहुँचते ही उनका सिर और दाढी मुंडा दी जाती थी। हिन्दू शिखा और मुसलमान दाढ़ी रखते हैं । शौककी बात समझ कर वे शिखा और दाढ़ी नहीं रखते हैं, बल्कि हिन्दू मात्रके लिये शिखा और मुसलमानोंके लिये दाढ़ी रखना धर्मसे सम्बध रखता है । शिखा और दाढी मुंड जानेसे हिन्दू और मुसलमानोंके धर्मोको धक्का लगता था । केवल यही नहीं, बल्कि जेलखानेमें दोनों प्रकारके धर्मावलम्बियोंको काफिरों द्वारा पकाया हुआ खाना खाना पड़ता था। इसमें हिन्दू मुसलमानोंके अखाद्य पदा का बिलकुल विचार नहीं किया जाता था । चार पाँच वर्ष हुए श्रीयुत् मणिलालजी बेरिस्टरने जो उस समय मोरीशसमें रहते थे, बड़े प्रयत्नके बाद जेलके इन कष्टोंको दूर कराया। लगभग ७५ वर्ष तक भारतवासियोंको मोरीशसमें इन कष्टोंको जेलके समय सहना पड़ा । सुनते हैं कि एक बार एक ब्राह्मणने जेल में जाकर दो महीने तक कुछ भी नहीं खाया, तब उसके लिये दूधकी व्यवस्था की गई और वह जेलसे निकाल दिया गया, किन्तु इसके एक सप्ताह बाद ही निर्बलता एवं बीमार हो जानेके कारण उसके प्राण पखेरू उड़ गये । इन सबका मूल कारण हमारा विदेशी शक्करका व्यवहार ही कहा जा सकता है। भारतवासियोंके खाद्य पदार्थे। पर टैक्स बहुत ज्यादह लगाया जाता है । उदाहरणार्थ एक साधारण बात लीजिए-यूरोपियन लोग मक्खन खाते हैं और हिन्दुस्तानी घी व्यवहारमें लाते हैं । मोरीशसमें मक्खन की अपेक्षा घी पर अधिक टैक्स लगता है । कानू ११ For Private And Personal Use Only
SR No.020121
Book TitleBharat me Durbhiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshdatta Sharma
PublisherGandhi Hindi Pustak Bhandar
Publication Year
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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