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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आर्थिक दशा। 'पर जो कर लगाया जाता है उससे दुगना कर यहाँके देशी व्यापारी लोगोंके बनाये हुए कपड़े पर लगाया जाता है। क्या कोई इस अन्यायका कारण बतला सकता है ? कपड़े पर कर लगाना अथवा न लगाना हिन्दुस्थानके लोगोंके अधिकारमें नहीं है । ये सब बातें अँगरेजी अधिकारियोंके अधीन हैं। तभी तो भारतीयोंके माल पर भारतमें ही अधिक कर वसूल किया जाता है ! । ___ अब खेतीका उदाहरण लीजिए । जैसे जैसे खेतमें अनाज पैदा होता है वैसे वैसे हरेक बोस अथवा तीस वर्षोंके बाद जमीन पर महसूल बढ़ाया जाता है। इससे जो किसान अपने खेतमें कष्ट करके खेतीकी उपज बढ़ाता है, उस उपजका फायदा उसको पूरी तरहसे सदाके लिए नहीं मिलता । इसका कारण क्या है ? इसका कारण यह है कि जमीन पर महसूल बढ़ाना न बढ़ाना किसानके अधीन नहीं है। वे सब बातें अँगरेजी अधिकारियों के हाथमें हैं । अँगरेजी अधिकारी विदेशी होनेके कारण भारतीय किसानोंकी परवा नहीं करते । व्यापारके बारे में तो लिखने की भी जरूरत नहीं है । क्योंकि अँगरेजी अधिकारी छोटेसे बड़े तक मेंचेस्टरके व्यापारियोंके कल्याणकी ओर विशेष ध्यान देते हैं। वे हिन्दुस्थानके व्यापारियोंके कल्याणकी ओर कम ध्यान देते हैं बल्कि ध्यान ही नहीं देते। - जब तक ये ही बातें --वर्तमान अवस्था--बनी हुई हैं, तब तक हिन्दुस्थानी व्यापारी और किसान अपना व्यापार और खेती बढ़ा कर उन्नति नहीं कर सकते । यह साधारण बात है कि जिस प्रकार प्रत्येक मनुष्य अपने अपने हितकी ओर ध्यान देता है उसी तरह अँगरेज अधिकारी भी अपने अँगरेज भाइयोंके हितकी और अधिक ध्यान देते हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.020121
Book TitleBharat me Durbhiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshdatta Sharma
PublisherGandhi Hindi Pustak Bhandar
Publication Year
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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