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भारत-भैषज्य-रत्नाकरः
[रसायन वाजीकरण
६७४७ विजया घृ० अत्यन्त वाजीकरण, ५४८७ मदन कामदेवो रज तथा वीर्यको नष्ट वृष्य, स्तम्भक
रसः
और वीर्यकी वृद्धि क
रता है। कामोत्तेजक तैल-प्रकरणम्
| ५४८८ मदनकामदेवो बल, सौन्दर्य, तेज और ५३०७ महासुगन्धितैलम कामोत्तेजक, कपुंस्कता
रसः अत्यन्त कामवर्द्धक नाशक ५९५४ रतिवल्लभाख्य , पुरानी नपुंस्कताको भी | ५४८९ " "
नष्ट करता है । अत्य- ५४९० मदन कामो रसः बल, वीर्य तथा कामधिक काम वर्द्धक ।
वर्द्धक ५९५८ राज
५४९१ मदनकामेश्वर ,, जब तक नीबूका रस
न पिया जाय स्तम्भन आसवारिष्ट-प्रकरणम्
रहता है। ५३३६ महा द्राक्षासवः अत्यन्त कामोत्तेजक,
वीर्य वर्द्धक
| ५४९२ मदनमञ्जरी गु- अत्यन्त कामवर्द्धक
टिका ५३४१ मृतसंजीवनीसुरा अत्यन्त वाजीकरण, स्वास्थ्य रक्षक, वीर्य,
५४९३ मदनमुन्मद रसः ॥ " " स्मृति तथा अग्निवर्द्धक ५४९४ मदनसन्दीपन- अत्यन्त कामोत्तेजक, ५९६७ रसायनारिष्टः रसायन, पौष्टिक, बल्य,
स्त्री दोषसे उत्पन्न हुई
चूर्णम् बलिपालत नाशक
क्लीवता नाशक; वीर्य
हीन, प्रमेही और लेप-प्रकरणम्
व्याधि पोडित तथा ५३५५ मनःशिलादिलेपः स्त्री द्रावक
वृद्धोंकेलिये अत्युपयोगी ५३६२ मरिचोदि लेपः लिंगवद्धक, स्तनपोष्टिक ५४९५ मदनसुन्दररसः अत्यन्त कामोत्तेजक ५३७३ महाराष्ट्रयादि स्त्री द्रावक
५४९६ ,, , , वृष्य ६८४० वज्रवल्ली लेपः लिंगको अत्यन्त स्थूल
| ५४९८ मदनानन्दमोद- अत्यन्त काम, वीर्य करता है।
कम् और अग्निवर्द्धक रस-प्रकरणम्
५४९९ मदनोदय रसः अत्यन्त वीर्य वर्द्धक ५४६६ मकरध्वजो रसः वाजीकरण ५५०५ मधुयष्टयादि वीर्य वर्द्धक, नपुंस्कता ५४६७ , रसायनः सर्व रोग नाशक । चूर्णम् नाशक
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