SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 881
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८७८ भारत-भैषज्य-रत्नाकरः [रक्तपित्त ६०२९ रक्तपित्तान्तक रक्तपित्त मिश्र-प्रकरणम् लौहम् | ५७१९ मोचरस सिद्ध गुद प्रवृत्त रक्तस्राव ६०३० रक्तपित्तान्तको भयंकर रक्तपित्तको भी | क्षीरम् शीघ्र नष्ट करता है। ५८४७ यवादि मन्थ रक्तपित्त, दाह, तृषा ६११८ रसामृत रसः रक्तपित्त, ज्वर, अ ६१७० रक्तपित्ते कति- कुछ सरल योग म्लपित्त ७०१३ वासा सूत रसः रक्तपित्त पययोगाः रसः __ (४५) रसायनवाजीकरणाधिकारः - कषाय-प्रकरणम् ६६०० वाराहीकन्दचूर्णम् वीर्य वर्द्धक ४९८५ मण्डूकपर्ष्यादि- रसायन ६६०१ , , योगः वृद्धभी युवाके समान रसायनम् हो जाता है। ६६२० विडंगादियोगः जरा, व्याधि (सौन्दर्य चूर्ण-प्रकरणम् वर्द्धक) ५०९२ मदनप्रकाशचू- बल वीर्य वर्द्ध क, प्रमेह । ६६२३ विदार्यादिचूर्णम् वीर्य वर्द्धक र्णम् नाशक, अत्यन्त कामो- ६६२४ , योगः वृद्धको भी तरुणके त्तेजक समान स्त्री समागममें ५०९३ मधुक ___ समर्थ बना देता है। अत्यन्त कामवर्द्धक , ५१३२ माष ६६२५ बल, वीर्यवर्द्धक, बलि , , , ६६३६ विश्वाचं चूर्णम् बुद्धि वर्द्धक पलित नाशक ६६३९ वृद्धदारुक. ५१३३ माषचूर्णयोगः मति, स्मृति, बुद्धि अत्यन्त कामवद्धक रसायनः वर्द्धक ५१३४ माषपण्यांदिचू- " " " ६६४२ वृषादि चूर्णम् वीर्य वर्द्धक ६६४६ वृहद्वाराहीकन्द- क्लीवता, प्रमेह, (स्त५१४२ मुषल्यादि , काम वक चूर्णम् म्भक) ५७६६ यष्टिमधुकयोगः अत्यन्त कामोत्तेजक ५९०८ रसायन चूर्णम् , बल वर्द्धक, गुटिका-प्रकरणम् ६५८७ वचा रसायनम् मेधा वर्द्धक वाणी शो- ५१६० मदनवर्द्धनो मो- काम शक्ति वर्द्धक दकः __णम् घक For Private And Personal Use Only
SR No.020117
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages908
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy