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६५५२ वृहत्कटफलादि क्वाथः
पन, वधिरता.
६५५३ बृहत्क्षुद्रादिकाथः शीत ज्वर ६५५५ वृहत्पटोलादि वातज मसूरिका
६५५६ वृहत्पिप्पल्यादि,, वातकफ, ज्वर,
६५५९ वृहद्रास्नादि "
६५६६
६५६९
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श्वास, कास.
६५६३ व्याध्यादिकषायः कफ ज्वर पाचक
६५६५
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सन्निपात, स्वरभेद, कर्णमूल, शिरका भारी
भारत - भैषज्य रत्नाकरः
शून्यता.
भयंकर
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शीत,
प्रस्वेद, अत्यन्त कम्पन
प्रलाप, अति निद्रा,
रोमहर्ष, शरीर की
सन्निपात,
६५७०
६५७१
समस्त ज्वर
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६५७२ व्योषादि क्वाथः त्रिदोषज ज्वर
वातकफ ज्वर, श्वास,
कास, शूल
सन्निपात
ज्वर, वमन, दहि, तृषा,
कास
कफ, अभिन्यास ज्वर
चूर्णप्रकरणम्
५१०० मधुपिप्पली योगः ज्वर, कास, हिक्का, प्लीहा ( सरलयोग) ५१०५ मधूकादि चूर्णम् ज्वर, वमन, मुंह से लार बहना, हिक्का ५११६ मरिचाद्योद्भूलनम् सन्निपातमें अधिक पसीना आना
[ ज्वर
५१२६ मातुलुङ्ग केसरा- ज्वरे, मुखशोष, मुखदि योग: ५१३७ मुखधावनयोगः ५७५६ यवानिका घुडूल
की जड़ता, अरुचि मुखशोधक, रुचिवर्द्धक अधिक पसीना आना
नम्
६२१७ लघुसुदर्शन
चूर्णम्
६५७८ वचादि चूर्णम् ६५९३ वडवानल चूर्णम् ६६०२ वालकादि योग: ज्वर
६६३३ विश्वादि चूर्णम् विषम ज्वर (सरलयोग)
६६८४ व्योषादिवटी
५२११ मञ्जिष्टाद्यं
५२५०
घृतप्रकरणम्
५२१० मञ्जिष्ठाद्यं घृतम् दुष्ट ज्वर, हिक्का, श्वास
अरुचि, उदावर्त शोथ,
शोष.
५२२७ महा कल्याण,
५२२८
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गुटिका-प्रकरणम्
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५२५१. "
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समस्त ज्वर, त्रिदोष
नाशक
प्रस्वेद
ज्वर, कास, मलावरोध
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ज्वर, छर्दि, कास, तांप,
मूत्रकृच
कफ ज्वरमें विशेष
उपयोगी
ज्वरनाशक, आयुवर्द्धक विषम ज्वर, शोथ,
कृशता
षट्पलकं, विषमज्वर, प्लीहा, अग्नि
मांध
," ज्वर, प्लीहा, शूल,
दुर्बलता