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चतुर्थों भागः
दाह, पार्श्वशूल, मला- ६४८० वत्सकादिक्वा० पित्त ज्वर, शूल, दाह
वरोध, कासादि. ६४८३ , गगः ज्वर, पोनस, शूल, कफ ५८५८ रसोन योगः मेलेरिया (विषमज्वर) ६४८८ वरादि क्वाथः रक्तदोषज भयंकर ज्वर ५८६२ रसोनादिकल्कः विषमज्वर, वातरोग ६५०३ वासकादिकषायः कफज़ ज्वर ५८६५ रास्नादि , ज्वर, श्वास, कास, ६५०५ वासा , कफ पित्त ज्वर, क्षय, अग्निमांद्य
रक्तपित्त ५८७० रास्नादि काथः वातपित्त ज्वर ६५१० वासादि , चातुर्थिक ज्वर ५८७१ " "
६५१३ , कफज , ५८५२ , , वात ज्वर
६५१४ , , इकतरा , ५८७४ , , ज्वर, मन्यास्तम्भ, कटि- ६५१५ , , कफज्वर, कास, शल
पीड़ा, सन्धिपीड़ा, स- ६५१७ , क्वाथः विषमज्वर गि पीड़ा
६५२१ , , ज्वर, श्वास, कास, ५८७५ ॥ ॥ कर्णक सन्निपात
वमन, शोथ मूत्रकृच्छ्र ५८५६ " , " " | ६५३५ विश्वादि कषायः वातपित्त ज्वर ५८७७ , , सन्निपात, सन्धिपँह | ६५३६ , , पिपासा, छर्दि, ज्वर, ५८९३ रोधादि क्वाथः पित्त ज्वर ५८९७ रोहिण्यादि- कास, दाह, तृषायुक्त ६५३८ । , वात ज्वर कषायः ज्वर
६५३९ , , समस्त ,, ६१९३ लघुपंचमूलयोगः ज्वरगत मूत्रकृच्छ्र
६५४१ , " ६१९६ लघु रास्नादि- वातज ज्वर, दारुण
६५४७ वृषादिक्वाथः पित्तज्वर, दोह, तृषा, क्वाथः सन्निपात
मूर्छा, भ्रम ६२०४ लशुनादिकाथः घोर सन्निपात
६५४८ वृहचन्दनादि पित्तज्वर, मूर्छा
काथः ६४६६ वचादि कषायः सन्निपात
६५४९ वृहच्छठ्यादि , सन्निपात, खांसी, श्वास ६४६७ , , प्रबल सन्निपात
मुखशोष, तृषा, दाह, ६४६८ , " कफ, ज्वर, शूल,
दिवा निद्रा, रातको प्रतिश्याय
नींद न आना. ६४७२ , क्वाथः सन्धिक, सन्निपात, | ६५५० , , , वात कफ ज्वर, खांसी जांघोंकी जड़ता, भ्रम,
शल, शीत, दुष्ट मलपक्षाघात
ग्रह, जीर्णज्वर.
दाह
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