________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ग्रहणीरोग
चतुर्थों भागः
८५१
-
गुग्गुलु-प्रकरणम्
५३३० मध्वासवः कफ, पित्त, शोथ, ५७७९ योगराज गुग्गुलुः ग्रहणी, पाण्डु, रक्तार्श
(ग्रहणी दीपक)
समस्त ग्रहणी विकार
५३३५ मंस्त्वासवः ग्रहणी, अश, उदररोग अवलेह-प्रकरणम् ५१९१ मधुपक हरीतकी पीडायुक्त संग्रहणी,
रस-प्रकरणम् आम, जीर्णज्वर
५५०३ मधुपकहरीतकी संग्रहणी, कास, प्रमेह, ५१९२ मधुपाक विधिः संग्रहणी, पुराना अ
पाण्डु 'तिसार, तृषा
५५६४ महाराजनृपति प्रवृद्ध साम संग्रहणी, ५१९५ महाकल्याणको ग्रहणी, मलावरोध, ज्वर |
वल्लभ रसः छर्दि, शूल, अफारा, गुडः निर्बलता
दाह, ज्वर. ५५६५
संग्रहणी, आनाह आदि घृत-प्रकरणम्
५६०३ मार्कण्डेय चूर्णम् संग्रहणी, अग्निमांद्य ५२१८ मरिचाधं घृतम् ग्रहणी विकार, मला- ५६१६ मुस्तादि , संग्रहणी वरोध
६०६३ रसपर्पटिका संग्रहणी, शूल, शोथ, ५२२० मसूर , संग्रहणी
अग्निमाद्य ५२२१ मसूरादि , , प्रवाहिका, अतिसार ६०६४ रस पर्पटी संग्रहणी ५२२४ मेहदग्नि ,, अर्श, गुल्म
ग्रहणी, ज्वर, कास ६७५६ विश्वौषधाद्य, शोथ युक्त आमग्रहणी
| ६१२६ रसेन्द्र चूर्णम् ग्रहणी, रक्तातिसार, ६७६४ वृहन्मसूराय , संग्रहणी, मलावरोध,
सूतिकारोग अर्श, वायु ६१३७ राजवल्लभ रसः ग्रहणी, प्रवाहिका,
पार्श्वशूल, अफारा तैल-प्रकरणम्
६१४३ राजावर्त , ग्रहणी ६८२४ घृहद् ग्रहणी ग्रहणी, अतिसार, ज्वर | ६३४५ लघु सिद्धाभ्रक कष्ट साध्य संग्रहणीको मिहिर तैलम् उदर पीड़ा
रसः शीघ्र नष्ट करता है
६३५२ लवङ्गायं चूर्णम् संग्रहणी, ज्वर, विष्टआसवारिष्ट-प्रकरणम्
म्भ, आध्मान, अरुचि ५३२९ मध्वारष्टः ग्रहणी, शोथ, ज्वर
आदि
For Private And Personal Use Only