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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ८५० ६९५४ वडवानल रसः ७०४४ विद्याधर रसः ७११५ वृहद्गुल्मकालानलो रसः " ५७६० यवान्यादि" ५७६२ ५७६३ ܙܕ कषाय-प्रकरणम् ५०४३ मुशल्यादियोगः ग्रहणी नाशक सरल योग ६५६४ व्याघ्यादिकषायः कफज संग्रहणी www. ५९१० रामठादि ५९१४ रास्नादि ५९१८ रुचकादि ६२२२ लवङ्गादि ६५७४ वचादि चूर्ण-प्रकरणम् ५११० मरिचादिचूर्णम् वातज संग्रहणी, अरुचि ५११९ महाक्षारः ग्रहणी दीपक, अर्श, कृमिनाशक 35 17 " 55 2 " भारत " त- भैषज्य रत्नाकरः हर प्रकारका गुल्म, शूल गुल्मलीहादि गुल्म, शोथ www. kobatirth.org (२२) ग्रहणी - रोगाधिकारः कफज संग्रहणी पित्तज संग्रहणी, प्रवाहिका संग्रहणी, अतिसार, क्षय, अर्श वातज संग्रहणी कफज "" ग्रहणी दोष, अग्नि मांद्य, अ सार. संग्रहणी संग्रहणी, शोध, ज्वर, नाना वर्ण वाला अति ६१८२ रामठाधा वर्तिः मिश्र-प्रकरणम् ६६३७ विश्वाद्य ६६५७ व्योषादि ६६१२ विडंगादिचूर्णम् संग्रहणी रोगान्तर्गत विष्टम्भ संग्रहणी संग्रहणी, अरुचि, शोथ, ज्वर ६६५९ व्योषादि संग्रहणी नाशक, अग्नि पुष्टि कान्तिवर्द्धक ५१८४ मेथी मोदकः ५१८५ " For Private And Personal Use Only 99 " 39 (वृहद ) "" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुटिका-प्रकरणम् ५१५९ मदनमोदकः संग्रहणी, शूल, (अग्निवर्द्धक) ५१७९ मुण्डयादिगुटिका पित्तज संग्रहणी ५१८१ मुस्तकादिमोदकः रक्तग्रहणी, ज्वर, ५१८२ मुस्तकाद्य ग्रहणी, अग्निमांद्य, आम, अर्श "" अफारा तथा शूल नाशक गुदवर्तिः "" [ गुल्म ५७७५ यवान्याद्यागुटिका संग्रहणी ५७७६ योगराज ६२५२ लवण वटी निर्बलता, अरुचि संग्रहणी, अग्निमांध संग्रहणी, अर्श, छर्दि, अरुचि (आममें अत्युपयोगी) ܙܕ अतिसार दीपन, पाचन
SR No.020117
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages908
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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