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नम्बर
५०२३ मातुलुङ्गरसादि विसूचिकानांशक योगः सरल योग ।
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नाम. प्रयोग संक्षिप्त गुण कषाय-प्रकरणम्
६२०० लवङ्गादिकाथः ६५३७ विश्वादिकषायः कफज अग्निमयं ।
६५४०
विसूचिका, आध्मान |
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५९१२ रामठाद्यं
६२१२ लघुचित्रकादि चूर्णम्
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चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनी
१ अग्निमांद्याजीर्णविसूचिकाधिकारः
चूर्णप्रकरणम्
५११५ मरिचाद्यं चूर्णम् अग्निदीपक
५१२९ मातुलुंगााद,,
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६२१६ : लघुवैश्वानर,, ६२२५ लवङ्गादि
६२२६ लवङ्गांचं,,
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अजीर्ण नाशक, रेचक |
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अत्यन्त अग्निवर्द्धक
१ सप्ताह में अग्निदीत करके अर्श को नष्ट कर
देता है।
अत्यन्त अग्निदीपक
शूल, भयंकर विसूचिका.
अतिसार, वमन. अग्निवर्द्धक, रोचक, सुगन्धित, राजाओंके
६२३४ लशुनाद्यं चूर्णम् विसूचिका में अत्युपयोगी ६२४४ लोलिम्बराज- अफारा, आम, शूल, चूर्णम् गुल्म ( अत्यन्त पाचक)
६५९२ वडवानल चूर्णम् अग्निदीपक
६५९४
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६५९५ वत्सकादि ६६०८ विडंगादि ६६३० विश्वभेषज ६६३९ विश्वादि चूर्णम् ६६४९ वृपद्वादशक ६६४५ वृहद सुख
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६२४९
योग्य, पाचक तथा ६६७० वार्ताकुगुटिका
पौष्टिक.
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६६५० वैश्वानर चूर्णम् ६६६२ व्योपाद्यं
६६६३
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अजीर्ण नाशक, अग्नि
दीपक
अग्निदीपक, शूलनाशक
अत्यन्त अग्निदीपक .
क्षुधावर्द्धक, शूलनाशक अग्निदीपक
. अजीर्ण, आनाह, गुल्म
अजीर्ण, अग्निमांथलीहा
( अत्यन्त अग्निदीपक) अत्यन्त अग्निवर्द्धक
अग्निदीपक
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६२४६ लवङ्गादिगुटिका अग्निदीपक, वृष्य
वटी
अग्निदीपक
भोजनको शीघ्र पचाती
तथा प्रतिश्याय और
सर्वरोगनाशक
गुटिकाप्रकरणम्