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चिकित्सा-पथ-प्रदशिनी
[७०५]
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संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण ३९८० पुनर्नवादि योगः रक्त युक्त खांसी।। ४०२८ पिप्पल्यादिलेहः पित्तज क्षतज खांसी। ४६२४ विभीतक चूर्णम् खांसी । ४०३० पिप्पल्यायवलेहः खांसी, श्वास, क्षय, ४६२६ बिभीतकफल
हृद्रोग चूर्णम् खांसी, श्वास ।।
४०३१ , ,
क्षतज खांसी। ४६२७ बिभीतकााद , खांसी। ४६५१ बिभीतकावलेहः खांसी, श्वास, कफ ४८१७ भद्रमुस्ताद , कफज खांसी। ४८६५ भाद
वातज खांसी। ४८२८ भार्यादि , हर प्रकारकी खांसी, ४८६६ भार्याचवलेहः ५ प्रकारकी भय
कर खांसी। श्वास ।
४८६७ भृगु हरीतकी हर प्रकारकी खांसी। गुटिका-प्रकरणम् ३००२ दाडिमादि गुटिका खांसी, श्वास, पी
घृत-प्रकरणम् नस नाशक तथा ३०४३ दशमूल षट्पल- खांसी, पसलीशूल, रेचक, दीपन और
घृतम् हिचकी, श्वास । स्वर शोधक। ३०४६ दशमूलादि घृतम् वात कफज खांसी, ३२८० धनञ्जय वटी कास।
श्वास । ३९९४ पथ्यादि गुटिका खांसी, श्वास । ३०५४ दाडिमायं , खांसी, श्वास, रक्त४००१ पिप्पल्यादिक्षार- खांसी, श्वास, गल
पित्त । गुटीका रोग।
३०७७ द्विपञ्चमूलाचं , क्षयकी खांसी । ४००२ पिप्पल्यादि गुटिका खांसी, प्रबल श्वास ।
३४८९ निर्गुण्डी , कफज ,
| ३४९६ न्यग्रोधादि , उरःक्षत, खांसी। अवलेह-प्रकरणम्
| ४०८६ पिप्पल्यादि , खांसी, श्वास संग्र३०२५ दुरालभादि लेहः वातज खांसी।
हणी। ३०२६ , " " "
४६५५ बदरीफलादि , कास । ३०२७ देवदार्वाद्यवलेहः वातकफज ,, ३०३३ द्विमेदादि लेहः पित्तज खांसी।
४८७६ भार्यादि , वातज खांसी। ४०२० पद्मकादि लेहः समस्त कास ।। ४८८१ भृङ्गराज , खांसी, स्वरभेद । ४०२७ पिप्पल्यादि लेहः खांसी ।
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