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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra [ ७०६] संख्या प्रयोगनाम तैल-प्रकरणम् ३५०९ निर्गुण्डी तैलम् ४८९० भृङ्गराज " धूम्र-प्रकरणम् ३१६१ दन्तीधूमः ३३२१ धत्तूरादि धूमः ४२१९ प्रपौण्डरीकादि धूमः ३१९४ दरदादि वटी ३६२२ नाग रसः रस-प्रकरणम् ३६२६ नागबल्लभ रसः ३६५५ नित्योदय रसः www.kobatirth.org चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनी खांसी, श्वास, क्षय वातकफज खांसी, प्रतिश्याय, पीनस । मुख्य गुण कफज खांसीको तु रन्त नष्ट करता है । कास । कास । खांसी वेगको तुरन्त शान्त करती है । खांसी, श्वास, क्षंय, कफ । खांसी, क्षय । ५ प्रकारकी पुरानी संख्या प्रयोगनाम ३६६३ नीलकण्ठ रसः Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४२९० पञ्चामृतरस: ४२९४ ४३९१ पारदादि वटी ४४२३ पुरन्दर वटी " 97 ४७३३ बम्बूलादि गुटिका ४७५४ बोलबद्धो रसः ४९६० भूताङ्कुश रसः ४९६९ भैरव रसः For Private And Personal Use Only ३६६९ नवाङ्ग यूषः मुख्य गुण खांसी, राजयक्ष्मा, जीर्णज्वर, विषम ज्वर । वास, खांसी, विष मज्वर । वातज खांसी । खांसी, श्वास । खांसी, श्वास, कफ । खांसी, श्वास, अ निमांद्य | खांसी, ऊर्ध्व श्वास । कफज खांसी, श्वास, पाण्डु | वातज कासको अ त्यन्त शीघ्र नष्ट करता है । खांसी, श्वास । मिश्र-प्रकरणम् कफज खांसी ।
SR No.020116
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages773
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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